Bugle of Rebellion : महाराष्ट्र में सियासी संकट

Bugle of Rebellion : महाराष्ट्र में सियासी संकट

Maharashtra Crisis: Governor calls special session, Shiv Sena approaches SC to challenge floor test

Maharashtra Crisis

Bugle of Rebellion : महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व वाली महाअघाड़ी सरकार संकटं में घिर गई है। शिवसेना के विधायकों ने पार्टी के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंक दिया है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के विश्वस्त सहयोगी रहे एकनाथ शिंदे जो महाराष्ट्र सरकार में लोक निर्माण मंत्री है वे लगभग तीस विधायकों को लेकर गुजरात कूच कर चुके है। जहां सूरत के एक पांच सितारा होटल में इन बागी विधायकों ने डेरा डाल रखा है। बताया जाता है कि एकनाथ शिंदे के साथ ही कुछ मंत्री और दो दर्जन विधायक मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की कार्यप्रणाली से नाराज चल रहे है।

इनका कहना है कि शिवसेना हिंदुत्व के एजेंडे को सत्ता के लिए ताक पर रख चुकी है। इसलिए उन्होने अब पार्टी के खिलाफ बगावत (Bugle of Rebellion) कर दी है। एकनाथ शिंदे ने ट्वीट किया है कि वे और उनके साथी विधायक बाल साहब ठाकरे के हिन्दुत्व वाले एजेंडे को सत्ता के लिए दरकिनार नहीं कर सकते। इसी से स्पष्ट है कि शिवसेना में अब दरार पड़ चुकी है। हालांकि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अभी भी इस उम्मीद से है कि नाराज विधायकों को मनाने में वे सफल हो जाएंगे। इसके लिए उन्हाने मध्यस्त के रूप में शिवसेना के दो नेताओं को गुजरात भेजा है जो एकनाथ शिंदे से चर्चा कर के उनकी नराजगी को दूर करने का प्रयास करेंगे।

इसमें शिवसेना को कितनी सफलता मिलती है यह तो आने वाला वक्त ही बेहतर बताएगा लेकिन फिलहाल तो स्थिति यह है कि बात बहुत बिगड़ चुकी है और इन बागी विधायको का शिवसेना में वापस आना मुश्किल लग रहा है। शिवसेना ने एकनाथ शिंदे को विधायक दल के नेता के पद से भी हटा दिया है। इसके बाद तो शिवसेना का दो फाड़ होना तय लग रहा है। महाराष्ट्र में आए इस सियासी संकट से निपटने के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सुप्रीमो शरद पवार दिल्ली से मुंबई रवाना हो गए है वे संकट मोचक की भूमिका निभाने में कितने सफल हो पाएंगे यह कह पाना भी मुहाल है।

शिवसेना प्रवक्त संजय राउत ने महाराष्ट्र (Bugle of Rebellion) में पैदा हुए सियासी संकट का ठीकरा भाजपा के सिर पर फोड़ा है। उनका अरोप हैै कि भाजपा ने महाअघाड़ी सरकार को गिराने का षडय़ंत्र रचा है जो सफल नहीं होगा। संजय राउत ने दावा किया है कि सभी बागी विधायक पार्टी में लौट आएंगे और महाअघाड़ी सरकार हर हाल में अपने पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी। उनके इस दावे में भी कितना दम है यह देखना दिलचस्प होगा।

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