Operation Rahul : चट्टानों सी मुसीबतें और हौसले की जंग, 88 घंटे से कोशिश जारी, बोरवेल से कब बाहर आएगा राहुल ?

Operation Rahul : चट्टानों सी मुसीबतें और हौसले की जंग, 88 घंटे से कोशिश जारी, बोरवेल से कब बाहर आएगा राहुल ?

Operation Rahul: Troubles like rocks and battle of courage, efforts are on for 88 hours, when will Rahul come out of the borewell?

Operation Rahul

जांजगीर चांपा/ नवप्रदेश। Operation Rahul : छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले के मालखरौद के पिहरीद गांव में 80 फीट गहरे बोरवेल में फंसे राहुल को निकालने के लिए मंगलवार सुबह तक करीब 88 घंटे से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। सेना से लेकर प्रशासन तक ए़़ड़ी-चोटी का जोर लगा रहा है लेकिन रास्ते में बार-बार चट्टान रोड़ा बन रही है।

सबके जेहन में एक ही सवाल है आखिर कब निकलेगा राहुल बोरवेल से बाहर? पूरा प्रदेश राहुल की सलामती के लिए दुआ मांग रहा है। कोरबा पुलिस सर्वमंगला मंदिर में राहुल की वापसी के लिए अखंड महामृत्युंजय जाप करा रही है। सीएम भूपेश बघेल खुद इस मामले पर नजर बनाए हुए हैं और राहुल के परिजनों से बात करके उनको ढांढस बंधाए हुए हैं। मासूम 80 फीट की गहराई वाले गड्ढे में गिरा है और लगभग 60 फीट में फंसा है। राहुल को बाहर निकालने के लिए सेना, NDRF और SDRF की टीम लगी हुई है। रोबोटिक्स टीम ने भी कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली। उसके बाद ड्रीलिंग मशीनों से खुदाई का काम जारी है। लगभग 20 फीट का टनल बनाना था, लेकिन भारी पत्थर की वजह से रेस्क्यू का काम धीमा हो गया।

पहले बिलासपुर से मंगाई गई छोटी ड्रील मशीन से खुदाई की गई। अब बोरवेल के गड्ढे के करीब पहुंचने के बाद हाथों से खुदाई हो रही है। एक फीट के आसपास और ड्रीलिंग होनी है। राहुल की हलचल ने उम्मीद बांध रखी है। कुछ घंटों बाद राहुल के बाहर आने की उम्मीद है। जांजगीर चांपा कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला ने सोमवार रात समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि ये अभियान ऑपरेशन राहुल लगातार 80 जारी है। शायद हम उस पॉइंट पर पहुंच गए हैं, जहां हमारे चेहरे पर जल्दी मुस्कान आ पाएगी। शाम को जब डॉक्टर ने चेक किया तो उसका ऑक्सीजन लेवल बड़ा था। मॉनिटर से चेक किया गया तो ऑक्सीजन लेवल बड़ा था। तो वो पहले से बेहतर कंडीशन में है। हालांकि वीकनेस उसके अंदर है।

हम उसे जल्द से जल्द वहां से निकालकर जो जरूरी मेडिकल ट्रीटमेंट (Operation Rahul) हो वो देना चाह रहे हैं। मासूम राहुल को निकालने के प्रयास का चौथा दिन भी जारी है। जांजगीर चांपा एसपी विजय अग्रवाल के मुताबिक इस पूरे ऑपरेशन में कई सारी क्रिटिकल्टीज थी। इसको ध्यान में रखते हुए इस पूरे ऑपरेशन उन अधिकारियों को लगाया है जो लंबे समय तकड्यूटी कर सकते हैं। पूरे ऑपरेशन में 150 अधिकारियों कर्मचारियों को लगाया है। सभी मुश्तैदी से काम को अंजाम दिया है इसको सिर्फ ड्यूटी के तौर पर नहीं बल्कि मिशन के रूप में लिया गया है। उम्मीद है हम राहुल को सकुशलता निकाल सक्षम रहेंगे।

गौरतलब है कि सोमवार की रात 10 बजे तक सुरंग बोर के करीब पहुंचने और बच्चे की सुरक्षा को देखते हुए हाथ से खुदाई शुरू होने की बात कही गई। अफसरों को उम्मीद थी कि यह काम करीब 6 घंटे में पूरा हो जाएगा, लेकिन चट्‌टान आने की वजह से 6 घंटे का काम 25 घंटे बाद भी पूरा नहीं हो सका था। आज उम्मीदों का मंगलवार है। दुआ कीजिए कि जल्दी राहुल सकुशल बोरवेल से बाहर निकल आए।

जरा ली लापरवाही बनी बड़े हादसे का सबब

बता दें कि पिहरीद गांव का 11 साल का राहुल साहू शुक्रवार दोपहर को खेलते-खेलते घर के पीछे खुदे बोरवेल में गिर गया था। राहुल के पिता रामकुमार साहू ने घर की बाड़ी में बोर खुदवाया था। वह बोर फेल हो गया था तो बोर को खुला छोड़ दिया गया। परिजन जब बाड़ी की तरफ गए तो राहुल के रोने की आवाज आई, जिसे सुनकर परिजनों को घटना की जानकारी हुई।

न दिन गिन रहे न रात, बस एक ही लक्ष्य-राहुल को बचाना है

राहुल के रेस्क्यू ऑपरेशन (Operation Rahul) में सेना और प्रशासन की टीम दिन रात जुटी है। जांजगीर कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला, एसपी विजय अग्रवाल के साथ 4 आईएएस, 2 आईपीएस, 1 एएसपी, 2 डिप्टी कलेक्टर, 5 तहसीलदार, 4 डीएसपी, 8 इंस्पेक्टर सहित रायगढ़, दुर्ग, बिलासपुर से भी बचाव दल की टीम जुटी है। पुलिस के करीब 120 जवान, 32 एनडीआरएफ, 15 एसडीआरएफ और सेना के जवान दिन-रात रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दे रहे हैं। जिला प्रशासन के 500 अधिकारियों-कर्मचारियों की टीम गांव में ही डेरा डाले है। इसके अलावा आपात चिकित्सा, फायर ब्रिगेड, बिजली विभाग का अमला गांव में है। सीएम भूपेश बघेल भी लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ले रहे हैं।

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