National tribal dance festival special: कलाकार बोले, छग का हम पर कर्ज |

National tribal dance festival special: कलाकार बोले, छग का हम पर कर्ज

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राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव की व्यवस्थाओं को जम्मू कश्मीर के दल ने बताया अद्भुत, नवप्रदेश से की खास चर्चा

रायपुर/नवप्रदेश। राष्ट्रीय (national tribal dance festival special) आदिवासी नृत्य महोत्सव में भाग लेने आया जम्मू कश्मीर का दल (jammu kashmir dance group) यहां की व्यवस्थाओं व अपनी आवभगत से बेहद प्रभावित है। इस दल के नेतृत्वकर्ता का कहना है कि यह छत्तीसगढ़ का उनके ऊपर कर्ज है।

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पता नहीं इसे चुकाने का मौका उन्हें कब मिलेगा। इस दल (jammu kashmir dance group) ने महोत्सव में गोजरी नृत्य प्रस्तुत किया, जो जम्मू कश्मीर में खासकर विवाह के मौके पर होता है।

इस विशेष (special) कार्यक्रम में पुंछ से आए दल (dance group) के नेतृत्वकर्ता मुहम्मद चौहान ने नवप्रदेश से बातचीत में कहा कि हालांकि जम्मू कश्मीर छत्तीसगढ़ (chhattisgarh) से ज्यादा विकसित हैं। हमने सुना था कि छत्तीसगढ़ राज्य गरीब है। गरीबी का तो पता नहीं लेकिन एक बात जो हमें साफ-साफ समझ आई वो ये है कि यहां केे दिल के काफी अमीर हैं।

पता नहीं कब छग के लोग हमारे यहां अतिथि बनकर आएंगे

चौहान ने कहा कि राष्ट्रीय (national tribal dance festival special) आदिवासी नृत्य महोत्सव में हमारे स्वागत से लेकर खान-पान सुरक्षा आदि की इतनी बेहतर व्यवस्था की गई कि यह हमारे ऊपर कर्ज से कम नहीं है। पता नहीं ये कर्ज चुकाने का मौका हमें कभी मिल पायेगा भी या नहीं। पता नहीं छत्तीसगढ़ के लोग कब हमारे राज्य में अतिथि बनकर आएंगेे या नहीं।

जम्मू कश्मीर में भी हो ऐसे आयोजन

इस ग्रुप की महिला नेतृत्वकर्ता का कहना है कि हर राज्य में ऐसे आयोजन
होने चाहिए। जम्मू कश्मीर सरकार प्रशासन को भी चाहिए कि वह भी ऐसे आयोजन करें, ताकि देश केे अन्य राज्यों के लोगोंं को जम्मू कश्मीर से जुडऩे का मौका मिले। जाहिदा ने कहा कि दूसरे राज्यों के कलाकार हमारे राज्य में आएंगे तो हमें भी अच्छा लगेगा।

हर राज्य को सीखना चाहिए छग से

जाहिदा ने छत्तीसगढ़ सरकार की इस पहल की प्रशंसा करते हुए कहा कि जिस प्रकार छत्तीसगढ़ सरकार परंपराओं व संस्कृति को बढ़ावा दे रही है वैसा ही काम जम्मू कश्मीर समेत सभी राज्यों में होना चाहिए। यदि हमारे राज्य मेंं भी इस तरह का भव्य कार्यक्रम हुआ और छत्तीसगढ़ के कलाकार आए तो ही शायद हम छत्तीसगढ़ का कर्ज चुका पाएं।

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