Bihar Election Alliance Update : कांग्रेस 60 सीटों पर मानी, महागठबंधन में फॉर्मूला तय – आज हो सकती है औपचारिक घोषणा

Bihar Election Alliance Update

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Bihar Election Alliance Update : बिहार में महागठबंधन के घटक दलों के बीच सीट बंटवारे पर चल रहा गतिरोध अब लगभग समाप्त हो गया है। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस 60 सीटों पर सहमत (Bihar Election Alliance Update) हो गई है, जबकि पहले वह 71 सीटों की मांग पर अड़ी थी। राजद, वाम दलों और कांग्रेस के बीच पिछले तीन दिनों से लगातार चली बातचीत के बाद आखिरकार साझा फॉर्मूला तय हो गया है। इसकी औपचारिक घोषणा आज किसी भी समय की जा सकती है।

 कांग्रेस ने दिखाई लचीलापन, राजद ने दिया सम्मान

राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा थी कि कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व सीटों की संख्या को लेकर आक्रामक रुख अपनाए हुए था, लेकिन देर रात हुई वार्ता में पार्टी ने अपनी स्थिति नरम की।

सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस की नाराजगी को दूर करने के लिए राजद ने सोमवार को जारी किए गए अपने कुछ चुनाव चिह्न (सिंबल) वापस ले लिए। इसे कांग्रेस के प्रति सम्मान के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।

राजद और कांग्रेस के नेताओं के बीच सहमति बनने के बाद अब सीट वितरण का अंतिम प्रारूप लगभग तय हो चुका है। भाकपा (माले) को 19 सीटें मिली हैं, जबकि उसने 30 की मांग की थी। वहीं, भाकपा और माकपा को भी अपेक्षाकृत कम सीटें मिलने की संभावना है।

 वीआईपी पार्टी पर असर पड़ेगा फॉर्मूले का

वाम दलों की सीटें बढ़ने की स्थिति में विकासशील इंसान पार्टी (VIP) की हिस्सेदारी में कटौती तय मानी जा रही है।

पहले जो फार्मूला तय किया गया था, उसमें वीआईपी को 18 सीटें मिलनी थीं, लेकिन अब यह संख्या घट सकती है। हालांकि, पार्टी प्रमुख मुकेश सहनी ने फिलहाल इस मुद्दे पर कोई बयान नहीं दिया है। सूत्रों के अनुसार, उन्होंने अब उप मुख्यमंत्री पद की मांग वापस ले ली है (Bihar Election Alliance Update), जिससे महागठबंधन में नया टकराव टल गया है।

 मुख्यमंत्री-उप मुख्यमंत्री पद पर सहमति

कांग्रेस और राजद के बीच तनाव की एक बड़ी वजह यह भी थी कि चुनाव से पहले मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री का नाम तय किया जाए या नहीं। कांग्रेस का मत था कि इन पदों पर विधायक दल की बैठक के बाद विचार होना चाहिए, जबकि राजद चाहती थी कि चेहरा पहले घोषित किया जाए। अब दोनों दल इस मुद्दे पर भी एकमत हो गए हैं कि चुनाव परिणाम आने के बाद ही इस पर निर्णय लिया जाएगा।

 गठबंधन में राहत की सांस

महागठबंधन के नेताओं ने देर रात हुई बैठक के बाद राहत भरा रुख दिखाया। एक वरिष्ठ नेता ने बताया, “अब सारी बातें स्पष्ट हो चुकी हैं। सीटों का फॉर्मूला तय है, और घोषणा बुधवार को की जाएगी। सभी दलों को उनकी राजनीतिक स्थिति और क्षेत्रीय प्रभाव के हिसाब से सम्मानजनक प्रतिनिधित्व मिला है।”

वहीं, सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस को जिन सीटों पर सहमति बनी है, उनमें सीवान, बेतिया, गया, और पूर्णिया जैसे अहम क्षेत्र शामिल हैं। पार्टी इन इलाकों में अपने पारंपरिक मतदाताओं पर भरोसा कर रही है।

 चुनावी समीकरण और आगे की रणनीति

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह समझौता महागठबंधन के अंदर एकता का संकेत है, जो एनडीए के खिलाफ साझा मोर्चे को और मज़बूत करेगा।

कांग्रेस और वाम दलों की सीटें घटने के बावजूद, गठबंधन अब एक सामंजस्यपूर्ण फार्मूले के साथ चुनाव मैदान में उतरने को तैयार है। राजद नेतृत्व का फोकस फिलहाल सीट वितरण के साथ-साथ संयुक्त रैलियों और उम्मीदवार चयन पर है।

 क्या है राजनीतिक महत्व

कांग्रेस का 60 सीटों पर राज़ी होना यह संकेत देता है कि पार्टी अब व्यवहारिक राजनीति की ओर बढ़ रही है। राजद ने भी समझौते के संकेत देकर यह दर्शाया है कि वह केंद्रीय विपक्षी एकजुटता को कमजोर नहीं होने देना चाहता। मुकेश सहनी का “उपमुख्यमंत्री” वाला रुख छोड़ना भी महागठबंधन के लिए एक बड़ा राहत संकेत माना जा रहा है।

आज हो सकता है बड़ा एलान

राजनीतिक हलकों में इस बात के संकेत हैं कि सीट बंटवारे का औपचारिक एलान बुधवार शाम तक किया जा सकता है। इसके साथ ही महागठबंधन की पहली संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की तैयारी भी शुरू हो चुकी है।

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