Amazon पर 200 करोड़ की पेनल्टी बरकरार, कैट ने किया स्वागत

Amazon पर 200 करोड़ की पेनल्टी बरकरार, कैट ने किया स्वागत

200 crore penalty on Amazon remains, CAIT welcomes

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रायपुर/नवप्रदेश। Amazon : कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीड़िया प्रभारी संजय चौंबे ने सयुक्त रूप से एक बयान जारी किया। इसमें उन्होंने सीसीआई द्वारा एमेजॉन पर लगाए गए 200 करोड़ रुपये के जुर्माने को बरकरार रखते हुए नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) द्वारा पारित आदेश का स्वागत किया है।

ईस्ट इंडिया कंपनी का दूसरा संस्करण नहीं बनने दिया जाएगा

कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी (Amazon) एवं प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी ने आदेश को बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए कहा की आदेश ने “सत्य की हमेशा जीत“ की बात को सही साबित कर दिया है। इस निर्णय से सभी को एक मजबूत संकेत दिया कि भारत एक केले जैसा गणराज्य नहीं है और न ही भारत के कानून कमजोर हैं। उन्होंने एक संयुक्त बयान में कहा कि भारतीय ई-कॉमर्स और रिटेल व्यापार को बंधक बनाने के कोई भी मंसूबे किसी के भी कभी पूरे नहीं होंगे। किसी भी विदेशी कम्पनी को ईस्ट इंडिया कंपनी का दूसरा संस्करण नहीं बनने दिया जाएगा।

नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने आज भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई ) द्वारा 17 दिसंबर 2021 को जारी एक आदेश के खिलाफ अमेज़न, कैट और अन्य द्वारा दायर विभिन्न अपीलों पर आज अपना फैसला सुनाया। माना गया की सीसीआई के पूर्व में दिए गए आर्डर जिसमें अमेज़ॅन ने जानबूझकर एक सोची समझी रणनीति के तहत फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) में अपने निवेश के लिए संयोजन की मंजूरी लेने के लिए गलत प्रतिनिधित्व, गलत बयान और सम्बंधित सामग्री एवं जानकारी को छुपाया। सीसीआई ने अपने आदेश में अमेज़न पर 200 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना भी लगाया था जिसके खिलाफ अमेज़न ने अपील की थी।

एनसीएलटी ने सीसीआई के आदेश को रखा बरकरार

एनसीएलएटी ने आज माना है कि अमेज़ॅन ने वास्तव में संयोजन से संबंधित जानकारी को छुपाया है और सभी संबंधित विवरणों का खुलासा नहीं किया है। एनसीएलटी ने सीसीआई के आदेश को बरकरार रखा है और 200 करोड़ रुपये के जुर्माने की पुष्टि की है। एनसीएलटी ने एमेजॉन को नया नोटिस दाखिल करने और 45 दिनों के भीतर जुर्माने की राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया गया है।

CAIT की ओर से NCLT ने रखा मजबूती से पक्ष

एनसीएलटी में कैट की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कृष्णन वेणुगोपाल, वरिष्ठ और सौरभ कृपाल ने मजबूती से सारे मामले का पक्ष रखा। श्री वेणुगोपाल ने तर्क दिया कि फ्यूचर समूह की कंपनियों के साथ अमेज़ॅन का संपूर्ण लेनदेन अवैध रूप से फिजिकल रिटेल बाजार में प्रवेश करने, फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एक भारतीय मल्टी-ब्रांड खुदरा कंपनी) के स्वामित्व वाले खुदरा स्टोरों पर कब्जा करने और छोटे व्यापारियों के व्यापार को हड़पने के इरादे पर आधारित है। वेणुगोपाल ने इस बात पर जोर दिया कि अमेज़न का यह कदम देश के खुदरा व्यापारियों के लिए एक सीधा खतरा होगा जो अमेज़ॅन जैसे बड़े पैमाने पर ई-कॉमर्स व्यवसाय मॉडल के साथ प्रतिस्पर्धा करने में फिलहाल सक्षम नहीं हैं।

उन्होंने यह भी कहा की एफडीआई कानून इस प्रकार की प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रथा को रोकने और उपभोक्ताओं और खुदरा व्यापारियों के व्यापार की स्वतंत्रता को सुरक्षित रखने और सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए थे। अमेज़न ने सरे आम एफडीआई कानूनों का उल्लंघन किया है और फ्यूचर रिटेल के अप्रत्यक्ष अधिग्रहण के साथ अवैध रूप से मल्टी ब्रांड रिटेल ट्रेड क्षेत्र में प्रवेश किया है जो गई कानूनी है।

पारवानी एवं दोशी ने कहा की एनसीएलटी (Amazon) का निर्णय अमेज़न सहित अन्य विदेशी ई- कॉमर्स कंपनियों द्वारा कानूनों एवं नियमों के खुले उल्लंघन को प्रमाणित करता है। अमेज़न द्वारा लगातार प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रथाओं और कानून के उल्लंघन पर कैट पिछले अनेक वर्षों से लगातार आवाज़ उठा रहा है जिनमें लागत से कम मूल्य पर माल बेचना, भारी डिस्काउंट देना, इन्वेंट्री का नियंत्रण अपने पास रखना जैसी गलत व्यापारिक प्रथाएं शामिल हैं। मोर रिटेल लिमिटेड और फ्यूचर रिटेल लिमिटेड के अधिग्रहण के माध्यम से अमेज़न ने यह कोशिश की है जिसको रोका जाना बेहद जरूरी है। उम्मीद है कि केंद्र एवं राज्य सरकारें इस पर कठोर कदम उठाएंगी।

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