Government of Assam : असम सरकार का सराहनीय कदम
असम सरकार ने दो बच्चों से अधिक बच्चे वाले लोगों को सरकारी नौकरी न देने का निर्णय लिया है। दो से अधिक बच्चे वाले परिवारों को कुछ अन्य शासकीय सुविधाओं से भी वंचित करने की योजना पर विचार किया जा रहा है। निश्चित रूप से असम सरकार का यह कदम न सिर्फ सराहनीय है बल्कि अनुतरणीय भी है। आज देश में दिन दुनी रात जौगुनी सफ्तार से आबादी बढ़ रही है। जिससे जनसंख्या विस्फोट का खतरा साफ नजर आ रहा है।
बढ़़ती आबादी के कारण ही बेरोजगारी जैसी समस्या विकराल रूप धारण कर रही है। अनियंत्रित आबादी ही देश में कई गंभीर समस्याओं को जन्म दे रही है। ऐसी स्थिति में जनसंख्या नियंत्रण के लिए कड़े कानूनी प्रावधान की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही है। किन्तु केन्द्र सरकार इस दिशा में कोई प्रभावी पहल नहीं कर रही है। हमारे प्राकृतिक संसाधन सीमित है जो लगातार बढ़ती आबादी का बोझ नहीं उठा सकते।
कुछ सालों बाद ही यह स्थिति निर्मित हो जाएगी कि लोगों को पेयजल के लिए भी तड़पना पड़ जाएगा। जनसंख्या नियंत्रण के लिए जितनी जल्दी कड़े कदम उठाए जाएं उतना ही अच्छा होगा। सीमित परिवार की अवतारणा को राष्ट्रीय स्तर पर क्रियान्वित किया जाना चाहिए और इसके लिए वृहद कार्य योजना बनाई जानी चाहिए। दो बच्चों से अधिक वाले परिवारों को न सिर्फ सरकारी सेवा से वंचित किया जाना चाहिए बल्कि उन्हे सभी शासकीय सुविधाओं से भी वंचित किया जाना चाहिए।
जब तक ऐसे कड़े कानूनी प्रावधान नहीं किए जाएंगे तब तक बढ़ती आबादी पर प्रभावी रोक नहीं लग पाएगी। असम सरकार ने इस दिशा में जो कदम उठाया है उसका अन्य राज्यों को भी अनुकरण करना चाहिए। केन्द्र सरकार को भी असम सरकार से प्रेरणा लेनी चाहिए और जनसंख्या विस्फोट के खतरे को मद्देनजर रख कर जनसंख्या नियंत्रण के लिए कड़े कानूनी प्रावधान करने चाहिए।
अन्यथा भावी पीढ़ी हमे कभी माफ नहीं करेगी। उम्मीद की जानी चाहिए की इस दिशा में केन्द्र सरकार समय रहते त्वरित कदम उठाएगी वरना इसके गंभीर दुष्परिणाम देश को भुगतने पड़ेंगे।