आरोप : जीवीके ने नहीं दिए कर्मियों के वेतन- ग्रेच्युटी के 2.5 करोड़, सीईओ बोले- हमें...

आरोप : जीवीके ने नहीं दिए कर्मियों के वेतन- ग्रेच्युटी के 2.5 करोड़, सीईओ बोले- हमें…

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  • टेंडर खत्म हुए बीत चुके हैं सात माह
  • विभागीय दफ्तरों व पुलिस का चक्कर लागने को मजबूर हुए प्रभावित कर्मचारी

रायपुर/नवप्रदेश। प्रदेश (chhattisgarh) में करीब 10 साल से ज्यादा समय तक एंबुलेंस सेवा 108 (108 ambulance service) संचालित करने वाली देश की जानी-मानी कंपनी जीवीके ईएमआईआई (gvk emri) ने छत्तीसगढ़ (chhattisgarh) में 108 108 (ambulance service) सेवा का टेंडर खत्म हो के बावजूद अपने कर्मचारियों केे एक माह के वेतन व ग्रेच्युटी के 2.5 करोड़ रुपए नहीं दिए है।

जीवीके मेंं काम कर चुके कर्मचारी अब अपने वेतन व ग्रेच्युटी के लिए श्रम, स्वास्थ्य तथा पुलिस के चक्कर काटने को मजबूर हैं। जीवीके ईएमआरआई (gvk emri) 108 के पेशेंट केयर रिकॉर्ड में काम कर चुके एक कर्मचारी हेमंत साहू ने नवप्रदेश को बताया कि कंपनी की सेवा 30 नवंबर 2019 को समाप्त हुई, लेकिन उसकी ओर से 7 माह बीत जाने के बावजूद भी 1500 कर्मचारियों का एक माह के वेतन व ग्रेच्युटी का पैसा नहीं दिया गया, जो कि करीब 2.5 करोड़ है।

साहू ने बताया कि पीडि़त कर्मचारियों ने इस मामले को लेकर संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं, श्रम विभाग के कार्यालय से लेकर पुलिस तक से संपर्क किया, लिखित में अपनी समस्या से अवगत कराया, लेकिन अब तक कोई सकारात्मक नतीजा नहीं निकल सका।
पुलिस का कहना है कि इस मामले को श्रम विभाग के अधिकारी ही सुलझा सकते हैं।

नवंबर 2019 में खत्म हुआ टेंडर

बकौल साहू, जीवीके के सीईओ रामकृष्ण वर्मा द्वारा बताया जाता है कि विभाग की ओर से ही उन्हें राशि नहीं मिली है। मामला प्रोसेस में है, जल्द ही वेतन व ग्रेच्युटी की राशि मिल जाएगी। बता दें कि अब प्रदेश में 1 दिसंबर, 2019 से 108 एंबुलेंस की सेवा का संचालन स्थानीय स्तर की जय अंबे कंपनी कर रही है।

कंपनी बदली तो नहीं हो सका कुछ पुराने कर्मचारियों का सिलेक्शन

हेमंत साहू ने बताया कि जब 108 एंबुलेंस सेवा का जीवीके से टेंडर खत्म हुआ और नई कंपनी जय अंबे को सेवा मिली तो नए सिरे से इंटरव्यू हुए। जिसके कारण कुछ पुराने कर्मचारियों का सिलेक्शन नहीं हो पाया। ऐसे में उन्हें वेतन व ग्रेच्युटी का पैसा नहीं मिलने से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

गाड़ियों का हैंड ओवर नोट मिलते ही हो जाएगा भुगतान

हमारा प्रोजेक्ट नवंबर 2019 को खत्म हो गया। इसके बाद हमनें सभी गाडिय़ां सीएमएचओ को हैंड ओवर कर दी। लेकिन संचालनालय स्वास्थ्य सेवाओं की ओर से हमें हैंड ओवर नोट नहीं मिला है। जैसे ही हमें हैंड ओवर नोट मिल जाएगा। कंपनी कर्मचारियों को उनके वेतन व ग्रेच्युटी का पैसा दे देगी। सभी कर्मचारियों के वेतन व ग्रेच्युटी का हिसाब बनाकर तैयार रख लिया गया है। लेकिन विभाग स्तर पर कोविड के कारण प्रोसेस में थोड़ी देर हुई है।
रामकृष्ण वर्मा, सीईओ, जीवीके ईएमआरआई

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