Narmadapuram Incident : बेरहमी की सारी हदें पार…! डॉक्टर अपने ही ड्राइवर के कई टुकड़े कर तेजाब से भरे ड्रम में पिघलाया…फिर

Narmadapuram Incident : बेरहमी की सारी हदें पार…! डॉक्टर अपने ही ड्राइवर के कई टुकड़े कर तेजाब से भरे ड्रम में पिघलाया…फिर

Narmadapuram Incident: Cruelty crossed all limits...! The doctor cut his own driver into several pieces and melted them in a drum filled with acid… then

Narmadapuram Incident

नर्मदापुरम/नवप्रदेश। Narmadapuram Incident : मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम में ड्राइवर की बेरहमी से हत्या करने वाले डॉक्टर को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। डॉक्टर ने ब्लैकमेलिंग और वसूली से परेशान होकर उसके शरीर के कई टुकड़े कर दिए थे। इसके बाद एसिड से भरे ड्रम में गलाने के लिए डाल दिए थे। मंगलवार को नर्मदापुरम न्यायालय में द्वितीय अपर सेशन न्यायाधीश हिमांशु कौशल ने 97 पेज का फैसला सुनाया। कोर्ट ने आरोपी पर 15 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया।

कोर्ट ने कहा कि वारदात जरूर जघन्य और निर्मम है, लेकिन इसमें मृत्युदंड की सजा नहीं सुनाई जा सकती, क्योंकि आरोपी डॉक्टर का आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। साथ ही, जेल में भी उसका व्यवहार ठीक था। डॉ. सुनील मंत्री ने 2019 में अपने ड्राइवर की हत्या की थी। कोर्ट में 25 गवाहों के बयान दर्ज हुए। परिस्थितिजकन साक्ष्य और डीएनए रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट ने फैसला सुनाया।  

आरी से टुकड़े कर एसिड से ड्रम में गलाया

5 फरवरी 2019। डॉक्टर सुनील मंत्री ने ड्राइवर वीरू पचौरी को पहले नींद का इंजेक्शन दिया। बेहोश होने पर उसे घसीटकर बाथरूम तक ले गया। यहां उसने पहले गला रेता फिर शरीर के आरी से छोटे-छोटे टुकड़ों में काट दिया। बाथरूम में उसने बाल्टी, कढ़ाही और भगोनों में एसिड भरकर रखा था। इसमें डॉक्टर ने शव के टुकड़ों को गलाने के लिए डाल दिए थे। डॉक्टर के पड़ोसियों ने दुर्गंध आने पर पुलिस से शिकायत की थी। पुलिस वहां पहुंची तो हत्या का खुलासा हो गया था। पुलिस के अनुसार ड्राइवर वीरू डॉक्टर को ब्लैकमेल कर मोटी रकम वसूल चुका था। परेशान होकर डॉक्टर ने उसे मार डाला।

जिला अभियोजन अधिकारी राजकुमार नेमा ने बताया कि फरियादी लक्ष्मीनारायण ने बताया था कि उसका बेटा वीरेंद्र उर्फ वीरू पचौरी पत्नी रानीबाई के साथ जुमेराती होशंगाबाद (नर्मदापुरम) में रहता था। वह डॉक्टर सुनील मंत्री के यहां ड्राइवर था। उसने पुलिस में बेटे की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। उसने डॉक्टर पर शक जाहिर किया था। पुलिस चार दिन से ड्राइवर की तलाश कर रही थी। इस बीच डॉक्टर के पड़ोसियों ने दुर्गंध आने की शिकायत पुलिस को कर दी।

शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने डॉक्टर के घर में तलाशी ली थी। ऊपर के एक कमरे में रखे नीले रंग के प्लास्टिक के ड्रम में पानी जैसा भरा था। इसमें से एसिड की बदबू आ रही थी। उसमें ड्राइवर का कटा सिर और पैर, धड़ जैसा दिख रहा था। वहीं बगल में बने बाथरूम में बांया पैर कटे हुए हिस्से, 3 आरी और एक लोहा काटने की आरी भी पड़ी मिली। ड्रम के पड़े कटे सिर और चेहरे के हिस्से को देखकर उसके पिता ने उसे पहचाना। कोतवाली पुलिस ने डॉक्टर सुनील मंत्री के खिलाफ केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया था।

कोर्ट ने कहा-वारदात जरूर निर्मम पर मौत की सजा नहीं

कोर्ट ने कहा कि वारदात जरूर निर्मम है, लेकिन उक्त परिस्थिति मृत्युदंड दिए जाने के लिए पर्याप्त नहीं है। आरोपी डॉक्टर है। उसका आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। डॉक्टर ने पहले जनहित का काम भी किया है। उसने परिस्थितिवश घटना को अंजाम दिया है। अभियुक्त समाज के लिए खतरा है, ऐसा भी प्रतीत नहीं होता। इस कारण ये केस रेयरेस्ट ऑफ द रेयर की श्रेणी में नहीं आता है।

केंद्रीय जेल नर्मदापुरम (Narmadapuram Incident) में डॉ. मंत्री की करीब दो साल पहले तबीयत खराब हो गई थी। इस कारण उसे भोपाल रेफर किया गया था, तभी से वे भोपाल की केंद्रीय जेल में बंद है। कुछ महीने पहले उन्हें कोर्ट के आदेश पर भोपाल पुलिस नर्मदापुरम लाई थी। इसके बाद पेशी नर्मदापुरम से ऑनलाइन होती रही। मंगलवार को फिर आरोपी को नर्मदापुरम कोर्ट लाया गया। सजा सुनाने के बाद उसे भोपाल में केंद्रीय जेल भेज दिया गया।

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