Unfair Decision : रेलवे का अनुचित फैसला

Unfair Decision : रेलवे का अनुचित फैसला

Unfair Decision: Unfair Decision of Railways

Unfair Decision

Unfair Decision : यह ठीक है कि कोरोना काल के कारण भारतीय रेलवे को बहुत नुकसान उठाना पड़ा है। अभी भी रेल सेवाएं सुचारू नहीं हो पाई है लेकिन घाटे से ऊबरने के लिए रेलवे प्रबंधन ने जो फैसले किए है उसमें कई निर्णय अनुचित है जिसपर उसे पुनर्विचार करना चाहिए। रेलवे को हो रही क्षति की पूर्ति के लिए रेलवे ने अधिमान्यता प्राप्त पत्रकारों, खिलाडिय़ों और वरिष्ठ नागारिकों को रेल टिकट पर दी जाने वाली रियायत को खत्म कर दिया है। इसमें वरिष्ठ नागरिकों को अब कहीं भी यात्रा करने के लिए पूरे पैसे देने होंगे।

खिलाड़ी और पत्रकार तो पूरा किराया (Unfair Decision) दे भी सकते है लेकिन बुजुर्ग जो ज्यादातर सेवानिवृत्त होते है और अपने बच्चों पर आश्रित होते है उन्हे अब रेल किराए में रियायत न मिलने से अतिरिक्त दाम चुकाने होंगे जो उनके बूते की बात नहीं होगी। बुजुर्ग लोग अब तक रियायती टिकट मिलने के कारण अपने बुढ़ापे में धार्मिक यात्राएं किया करते थे, उनके बच्चे भी बुजुर्गो को रेल टिकट में ४० से ५० प्रतिशत तक रियायत मिलने के कारण उन्हे यात्राएं करते थे। लेकिन अब जबकि उनका भी पूरा टिकट लगेेगा तो जाहिर है बुजुर्ग इन यात्रायों से वंचित होंगे।

गौरतलब है कि वष्ठि नागरिकों को ४० से ५० प्रतिशत तक रेल टिकट में कंशेसन देने से रेलवे को सालाना १५०० करोड़ रूपए का भार पड़ता था। यह भार भी अब रेलवे उठाने में असमर्थ हो रहा है जबकि इस सुविधा को बंद करने से रेलवे को कोई खास बचत नहीं होगी। यदि रेलवे को घाटे से उबरना ही है तो उसे अन्य विकल्पों पर गंभीरता पूर्वक विचार करना चाहिए। सांसदों और विधायकों जो मुफ्त रेल यात्राएं कराई जाती है यहां तक कि पूर्व सांसदों को भी मुफ्त रेल यात्रा की सुविधा प्रदान की जाती है उससे तो रेलवे को हजारों करोड़ रूपए की क्षति पहुंचती है।

यदि घाटे की भरपाई करना ही है तो इन माननीयों की मुफ्त रेल यात्राओं पर रोक लगानी चाहिए। इसी तरह रेलवे और भी कई कदम उठाकर घाटे से उबर सकता है लेकिन उसने वरिष्ठ नागरिकों की रियायती रेल यात्रा पर रोक लगाकर बुजुर्गो के साथ कू्रर मजाक किया है। रेलवे को चाहिए कि अपने इस निर्णय पर पुनर्विचार कर वरिष्ठ नागरिकों को पूर्ववत रियायती टिकट देकर उनको यात्राओं पर रियायत दें।

उम्मीद की जानी चाहिए कि इस मामले में केन्द्र सरकसर हस्तक्षेप करेगी और रेलवे प्रबंधन को अपने इस अव्यवहारिक फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए बाद्ध करेगी ताकि उम्र के अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुके बुजुर्ग पहले की तरह ही रियायती दरों पर रेल यात्रा कर (Unfair Decision) सकेंं।

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