Tata- Bisleri : बेचनी पड़ रही है Bisleri...जानें क्या बोले ब्रांड के संस्थापक...?

Tata- Bisleri : बेचनी पड़ रही है Bisleri…जानें क्या बोले ब्रांड के संस्थापक…?

Tata- Bisleri: Bisleri has to be sold... know what the founder of the brand said...?

Tata- Bisleri

नई दिल्ली/नवप्रदेश। Tata- Bisleri : शीतल पेय ब्रांड थम्स अप, गोल्ड स्पॉट और लिम्का को कोका-कोला को बेचने के लगभग तीन दशक बाद रमेश चौहान बिसलेरी इंटरनेशनल को टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड को लगभग ₹6,000-7,000 करोड़ में बेच रहे हैं। इस खबर के बाद टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के शेयरों में 2.68 प्रतिशत यानी 20.65 रुपये की बढ़त आई है। फिलहाल यह 790.80 रुपये के लेवल पर कारोबार कर रहा है।

बेटी को नहीं है इस बिजनेस में रुचि

मीडिया के साथ एक बातचीत में 82 वर्षीय रमेश चौहान ने इस बात का खुलासा किया है कि उन्होंने अपनी कंपनी को बेचने के लिए टाटा समूह को ही क्यों चुना जबकि बिसलेरी को खरीदने के लिए रिलायंस (Reliance) और नेस्ले (Nestle) जैसी दिग्गज कंपनियां भी इच्छा जाहिर कर चुकी थीं? 

चौहाने के अनुसार बिसलेरी को किसी और को सौंपना उनके लिए एक मुश्किल फैसला रह। पर उन्हें यह फैसला लेना पड़ा, क्योंकि उनके पास इसे आगे ले जाने के लिए उत्तराधिकारी नहीं है। उनकी बेटी को इस बिजनेस में रुचि नहीं है। बिसलेरी भारत की सबसे बड़ी पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर बेचने वाली कंपनी है। टाटा ग्रुप को ही ब्रांड को सौंपने का कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि मैं टाटा समूह की ईमानदारी और जीवन मूल्यों को सम्मान करने वाली संस्कृति को पसंद करता हूं।

रिलायंस की जगह टाटा ग्रुप चुना 

यही कारण है कि अपने ब्रांड को सौंपने के लिए मैंने टाटा ग्रुप का चयन किया। हालांकि इसे खरीदने के लिए दूसरे पक्ष भी बहुत दिलचस्पी ले रहे थे। टाटा ग्रुप के शीर्ष अधिकारियों की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि वे अच्छे लोग हैं, मैं उन्हें पसंद करता हूं। बता दें कि बीते कुछ समय में बिसलेरी के संस्थापक रमेश चौहान, टाटा सन्स के अध्यक्ष एन चंद्रशेखरन और टाटा कंज्यूमर्स के सीईओ सुनील डीसूजा के बीच कई मुलाकातें हो चुकी हैं। साथ ही चौहान ने यह भी बताया कि वह बिसलेरी के टाटा समूह का हिस्सा बनने के बाद कंपनी में माइनॉरिटी स्टेक भी नहीं लेना चाहते हैं।

उनके अनुसार वे माइनॉरिटी स्टेक लेकर क्या करेंगे, जब वे कंपनी चला ही नहीं रहे होंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार चौहान ने कहा कि बिसलेरी को टाटा ग्रुप को सौंपने का फैसला पैसों को ध्यान में रखकर नहीं लिया गया है। मैं इस बात के बारे में सोचकर चिंतित था  कंपनी को ऐसा व्यापारिक समूह मिले जो इसका वैसे ही ख्याल रखे जैसे मैंने रखा है। मैंने इस ब्रांड और बिजसने को बहुत मेहनत और जुनून के साथ खड़ा किया और अब उसे उतने ही जुनूनी लोग चला रहे हैं। बता दें कि वर्ष 2023 के वित्तीय वर्ष में बिसलेरी का टर्नओवर 2500 करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है। कंपनी को करीब 220 करोड़ रुपये मुनाफे की उम्मीद है। 

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