Taliban Government तालिबान सरकार : डुबर पर दो आषढ़
Taliban Government : अफगानिस्तान में आतंकवादी संगठन तालिबान ने चुनी हुई सरकार को आतंक के बल पर हटाकर अपनी हुकुमत कायम तो कर ली है लेकिन उसके लिए सिर मुड़ाते ही ओले पडऩे वाली कहावत अक्षरश: चरितार्थ हो गई है। तालिबान में सरकार गठन को लेकर ही आपस में तलावरे खींच गई है। नतिजतन सरकार का सपथ ग्रहण खटाई में पड़ गया है।
उधर पंजशीर में भी तालिबान को मुसिबतों का सामना करना पड़ रहा है। पंजशीर में कब्जे की उसकी तमाम कोशिशें असफल हो रही है। पंजशीर की नार्दन एलांयस तालिबानी आतंवादियों पर भारी पड़ रही है। पंजशीर में कब्जा करने के लिए तालिबान ने पाकिस्तानी सेना की भी मदद ली थी लेकिन पंजशीर के शेरों ने पाकिस्तानी सेना के भी छक्के छूडा दिए पंजशीर के शेरों की बहादूरी देख कर शेष अफगानिस्तान में भी अब तालिबान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का सिलसिला चल पड़ा है।
इस विरोध को कुचलने के लिए तालिबान बबरता करने लगा है। इसके बाद भी तालिबान के खिलाफ आक्रोश कम नहीं हो रहा है। अफगानिस्तान के लोग दाने-दाने के लिए मोहताज हो गए है। खाद्य सामग्री का संकट हो गया है और आवश्यक वस्तुओं के दाम आसमान पर पहुंच गए है। काम धंधे ठप्प होने की वजह से लोगों की क्रय शक्ति भी कम हो गई है। यदि यही स्थिति बनी रही तो अफगानिस्तान के लोगों को भूखमरी का शिकार होना पड़ेगा। तालिबान सरकार (Taliban Government) के हाथ भी खाली खजाना लगा है।
दुनिया के तमाम देशों ने तालिबान के रूख को देखते हुए आर्थिक मदद के लिए अपने हाथ आगे नहीं बढ़ाए है। हालांकि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने सभी देशों से अपील की है कि वे तालिबान की आर्थिक मदद करें लेकिन चीन को छोड़कर कोई भी देश मदद के लिए तैयार नहीं है। तालिबान सरकार के लिए दुबर पर दो आषाढ़ वाली बात यह भी है कि अब तक उसे किसी भी देश ने मान्यता नहीं दी है जबकि इसके लिए वह लगातार कोशिशें कर रहा है।
दुनिया के तमाम देश जिसमें भारत भी शामिल है। वेंट एंड वॉच की नीति पर अमल कर रहे है। हालांकि तालिबान ने पूरी दुनिया को भरोसा दिलाया है कि अब वह बदल गया है लेकिन अफगानिस्तान में जिस तरह तालिबानी आतंकवादी मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन कर रहे और महिला उत्पीडऩ कर रहे हैं। उसे देखते हुए किसी भी देश को तालिबान की बातों पर यकिन नहीं हो रहा है।
ऐसी स्थिति में तालिबान की यह अंतरिम सरकार उनकी अंतिम सरकार भी साबित हो सकती है। देखाना होगा कि तालिबान सरकार (Taliban Government) जो एक कागज की नाव के समान है वह कितनी दूर और कितनी देर का सफर तय कर पाती है।