chanakya neeti: दूरी मन की होती है, स्थान की नहीं : आचार्य चाणक्य
chanakya neeti: जिसके प्रति लगाव, अर्थात् सच्चा प्रेम है, वह उससे दूर रहता हुआ भी…
chanakya neeti: जिसके प्रति लगाव, अर्थात् सच्चा प्रेम है, वह उससे दूर रहता हुआ भी…
chanakya neeti: इस संसार में अंत तक न तो किसी ने सोने का मृग बनाया…
chanakya neeti: जो गुरू शिष्य की मिथ्या माया-मोह से हटकर ईश्वर का साक्षात्कार कराता है,…
chanakya neeti: एक ही पदार्थ देखने वालों के दृष्टिकोण की भिन्नता के कारण तीन व्यक्ति…
chanakya neeti: संसार में किसी भी मनुष्य को मनचाहा सुख प्राप्त नहीं होता। सामान्यतः सुख-दुःख…
chanakya neeti: आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अनेक शुद्र प्राणियों का समूह मिलकर बड़े-बड़े शत्रुओं…
chanakya neeti: जिसके प्रति लगाव, अर्थात् सच्चा प्रेम है, वह उससे दूर रहता हुआ भी…
chanakya neeti: अच्छी से अच्छी बात अप्रासंगिक होकर प्रभावहीन हो जाती chanakya neeti: समाज में…
chanakya neeti: हर मनुष्य अपने पूर्वजन्म के पापों के फलस्वरूप ही दरिद्रता, मानसिक कष्ट, दुःख…
chanakya neeti: जो भलाई करता है उसके साथ भलाई करनी चाहिए chanakya neeti: उस धन-सम्पत्ति…