सीएम साय की विशेष पहल : बस्तर अंचल में आस्था के केन्द्रों पर छाएगी हरियाली
बस्तर संभाग के 7 जिलों में 5.62 लाख से अधिक पौधरोपण के लिए बनाई गई रणनीति
- 7055 देवगुड़ी-मातागुड़ी और 3455 वन अधिकार मान्यता पत्र स्थलों में होगा पौधारोपण
- बैगा, सिरहा, मांझी, चालकी, गुनिया, गायता, पुजारी सहित जनप्रतिनिधि होंगे शामिल
रायपुर। Special initiative of CM Sai: Greenery will cover the centers of faith in Bastar region: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर बस्तर अंचल के आस्था के केन्द्रों के आसपास आने वाले दिनों में हरियाली होगी। अंचल के इन आस्था के केन्द्रों में विशेष अभियान चलाकर वृक्षारोपण किया जाएगा। वृक्षारोपण की इस मुहिम में जनजाति समुदायों को भी भागीदार बनाया जाएगा।
गौरतलब है कि जनजाति समुदाय एवं अन्य परम्परागत वन निवासियों का जल, जंगल और जमीन के साथ-साथ सेवी-अर्जी स्थलों पर अटूट आस्था रखते हैं। देव-माता गुड़ी स्थल के आसपास वृक्षों को देवता समतुल्य मान्यता है, गुड़ी स्थल पर स्थित पेड़ पौधों को संरक्षित रखने की परंपरा है।
पौधरोपण के इस अभियान में बस्तर अंचल के 7055 देवगुड़ी-मातागुड़ी के आसपास वृक्षारोपण के अलावा 3455 वन अधिकार मान्यता पत्र स्थलों में वृक्षारोपण किया जाएगा। (Special initiative of CM Sai: Greenery will cover the centers of faith in Bastar region) इन सभी क्षेत्रों का कुल रकबा 2607.200 हेक्टेयर है। देवगुड़ी और मातागुड़ी के अलावा प्राचीन स्मारक आदि स्थलों के आसपास भी वृक्षारोपण किया जाएगा। यहां फलदार, छायादार पौधे यथा नीम, आम, जामून, करजी, अमलताश के पौधों के साथ ही ग्रामवासियों के सुझाव अनुसार अन्य पौधे रोपे जाएंगे।
7 जिलों में 5.62 लाख पौधे रोपने हैं
बस्तर अंचल के 7 जिलों में 5.62 लाख पौधे रोपने के लिए बस्तर कमिश्नर द्वारा रणनीति तैयार की गई है। (Special initiative of CM Sai: Greenery will cover the centers of faith in Bastar region) उन्होंने सातों जिलों में वृक्षारोपण कार्य के लिए जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को नोडल अधिकारी का दायित्व दिया है। उन्होंने कहा है कि बस्तर अंचल में वृक्षारोपण के दिन ग्राम प्रमुख, बैगा, सिरहा, पेरमा, मांझी, चालकी, गुनिया, गायता, पुजारी, पटेल, बजनिया, अटपहरिया और जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाए। उन्होंने वन विभाग के सहयोग से 15 जुलाई 2024 तक पौधरोपण कार्य को पूर्ण कराने का लक्ष्य रखा है। कलेक्टरों को वृक्षारोपण कार्य की सतत् मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए हैं।
ग्राम सभा को 3455 सामुदायिक वनाधिकार पत्र जारी है
ज्ञात हो कि बस्तर संभाग में स्थापित आस्था एवं जीवित परम्पराओं के केंद्र मातागुड़ी, देवगुड़ी, गोटूल, प्राचीन मृतक स्मारक, सेवा-अर्जी स्थलों को संरक्षण एवं संवर्धन करने के लिए अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 की धारा 3(1) (5) के तहत् देवी-देवताओं के नाम से ग्राम सभा को 3455 सामुदायिक वनाधिकार पत्र प्रदान किये गये हैं तथा 3600 गैर वन क्षेत्र में स्थित देवगुड़ी, मातागुड़ी, प्राचीन मृतक स्मारक एवं गोटूल स्थल को राजस्व अभिलेख में प्रविष्टि की जा चुकी है।