हाईकोर्ट का बड़ा फैसला - अन्य राज्यों से शादी कर आईं बहुओं को पंचायत चुनाव और सरकारी नौकरी में नहीं दे सकते आरक्षण

हाईकोर्ट का बड़ा फैसला – अन्य राज्यों से शादी कर आईं बहुओं को पंचायत चुनाव और सरकारी नौकरी में नहीं दे सकते आरक्षण

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जयपुर/ए.। पंचायत चुनाव व सरकारी नौकरियों में एससी व ओबीसी आरक्षण (sc and obc reservation in panchayat chunav and government jobs) को लेकर हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। राजस्थान हाईकोर्ट (rajasthan highcourt decision on sc and obc reservation) ने अपने एक अहम फैसले में कहा है कि दूसरे राज्यों से विवाह कर बसने वाली बहुओं व अन्य लोगों को सरकारी नौकरियां व पंचायत चुनावों में एससी व ओबीसी (sc and obc reservation in panchayat chunav)  आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा। राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान राज्य के लिए यह फैसला दिया है।

राजस्थान होईकोर्ट (rajasthan high court decision on sc and obc reservation) ने अपने फैसले में कहा है कि  प्रदेश से विवाह कर राजस्थान में बसने वाली बहुओं या अन्य व्यक्तियों को राज्य की सरकारी नौकरियों और पंचायत चुनावों में एससी व ओबीसी आरक्षण का लाभ नहीं दे सकते। चाहे वे अपने प्रदेश में भी समान आरक्षित वर्ग में ही क्यों न रहे हों। अदालत ने इसके साथ ही राज्य सरकार को अन्य सरकारी योजनाओं को लेकर प्रवासियों को जारी किए जाने वाले जाति प्रमाण पत्र में इस बात का उल्लेख करने के लिए कहा है कि वे सरकारी नौकरियों व चुनाव लड़ने के लिए पात्र नहीं होंगे ।

ये कहा जस्टिस शर्मा ने

जस्टिस एसके शर्मा ने यह आदेश प्रेमदेवी व अन्य की याचिकाओं को खारिज करते हुए दिया। कोर्ट ने कहा कि राज्य के बाहर से आने वालों को केवल सरकारी योजनाओं में सीमित दायरे के लिए ही जाति प्रमाण पत्र जारी कर सकते हैं। हालांकि राज्य सरकार पूर्व में खंडपीठ के आदेशानुसार दूसरे प्रदेश से विवाह कर राजस्थान में आई महिलाओं को जाति प्रमाण पत्र जारी करने के लिए बाध्य है, लेकिन यह लाभ सरकारी नौकरियों व चुनाव के लिए न होकर केवल अन्य सीमित काम के लिए ही हो।


याचिकाकर्ता महिलाओं के वकील की दलील

याचिकाकर्ता महिलाओं की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता अधिवक्ता एमएस राघव ने कहा कि इन महिलाओं का जन्म दूसरे राज्यों में हुआ था और उन राज्यों में वे एससी व ओबीसी वर्ग में थीं। उनकी शादी राजस्थान में होने के बाद यहां पर भी वे समान आरक्षित वर्ग में ही थीं लेकिन पंचायत चुनाव लड़ने के लिए सक्षम अधिकारी ने उन्हें जाति प्रमाण पत्र जारी करने से इनकार कर दिया। इसलिए उन्हें पंचायत चुनाव सहित अन्य सरकारी लाभ के लिए जाति प्रमाण पत्र जारी करने का निर्देश दिया जाए।

ये कहा राजस्थान सरकार ने

वहीं राजस्थान सरकार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट कह चुका है कि आरक्षण का लाभ प्रदेश के मूल निवासियों को ही दिया जा सकता है। चाहे फिर वो व्यक्ति दोनों राज्यों में एक ही आरक्षित वर्ग में ही क्यों न आता हो। इसलिए पंचायत चुनाव सहित सरकारी नौकरियों में एससी व ओबीसी वर्ग में आरक्षण का लाभ लेने के लिए दूसरे प्रदेश से शादी कर राजस्थान आई बहुओं सहित अन्य लोगों को आरक्षण का लाभ नहीं दे सकते। अदालत ने राज्य सरकार की दलीलें सुनने के बाद याचिकाओं को खारिज कर दिया। 

https://youtu.be/hLcAuceiiLs

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