Samajwadi Party : बिखराव की ओर सपा का कुनबा

Samajwadi Party : बिखराव की ओर सपा का कुनबा

Samajwadi Party: SP's clan towards disintegration

Samajwadi Party

Samajwadi Party : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को सत्ता में आने की बड़ी उम्मीद थी। अखिलेश यादव तो ४०० सीटें जीतने का दावा करते फिर रहे थे लेकिन समाजवादी पार्टी को अपने सहयोगियों के साथ मिलाकर कुल जमा १२५ सीटेें ही मिल पाई। इसके बाद से समाजवादी पार्टी के कुनबे में बिखराव की सुगबुगाहट शुरू हो गई। मुलायम सिंह यादव की बहु अपर्णा यादव जो विधानसभा चुनाव के पहले ही भाजपा में शामिल हो गई थी और यूपी चुनाव में उन्होने स्टार प्रचारक की भूमिका भी निभाई।

इसके इनाम के तौर पर उन्हे उत्तर प्रदेश गौसेवा आयोग का अध्यक्ष बनाकर मंत्री का दर्जा दे दिया गया है। अब अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव भी भाजपा में शामिल हो सकते है ऐसी अटकलें लगाई जा रही है। गौरतलब है कि चुनाव के दौरान अखिलेश यादव ने अपने चाचा शिवपाल यादव की पीठ में छुरा घोपने में कोई सर नहीं छोड़ी थी।

शिवपाल यादव को ही एकमात्र टिकट दी गई थी। शिवपाल यादव सपा की टिकट पर चुने भी गए लेकिन जब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनने की बात आई तो अखिलेश यादव (Samajwadi Party) खुद नेता प्रतिपक्ष बन गए जबकि शिवपाल यादव को उम्मीद थी कि वरिष्ठता के नाते उन्हे नेता प्रतिपक्ष बनाया जाएगा लेकिन अखिलेश यादव ने इस बारे में सपा विधायक दल की बैठक में शिवपाल यादव को बुलाना भी उचित नहीं समझा था।

इसके बाद से शिवपाल यादव का मन खट्टा हो गया है और वे भाजपा में जाने की कोशिश में लग गए है। इस बारे में उनकी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात भी हो चुकी है। इधर समाजवादी पार्टी के सहयोगी रहे ओमप्रकाश राजभर भी पाला बदलने की कवायद में लग गए है। भाजपा छोड़कर समाजवादी पार्टी में आए और चुनाव हार चुके स्वामी प्रसाद मौर्य भी फिर से भाजपा में जाने का मन बना रहे है। समाजवादी पार्टी के मुस्लिम चेहरे आजम खान भी अखिलेश यादव से नाराज बताए जा रहे है जो अभी तक जेल की हवा खा रहे है।

इस बीच एमएलसी चुनाव में भी समाजवादी पार्टी का सूपड़ा बुरी तरह से साफ हो गया। छत्तीस सीटों में से उसे एक भी सीट नहीं मिल पाई। भाजपा ने एक तरफ जीत दर्ज की। यहां तक कि समाजवादी पार्टी के गढ़ कहे जाने वाले ईटावा में भी भाजपा ने जीत हासिल की और वहां से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी की जमानत भी जब्त हो गई।

जाहिर है समाजवार्दी पार्टी (Samajwadi Party) में अंर्तकलह गहराता जा रहा है और समाजवादी पार्टी के नेताओं में पार्टी नेतृत्व के प्रति असंतोष फैलने लगा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ माफियों के खिलाफ जो कार्यवाही कर रहे है और उनके भवनों को बुलडोजर से ढहा रहे है उसमें से ज्यादातर समाजवादी पार्टी के नेता ही है। ऐसे लोग भी अब असंतुष्ठ हो रहे है

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