Ranjitsingh Murder Case : राम रहीम मौत तक जेल में रहेंगे, हाईकोर्ट में देंगे चुनौती

Ranjitsingh Murder Case : राम रहीम मौत तक जेल में रहेंगे, हाईकोर्ट में देंगे चुनौती

Ranjitsingh Murder Case: Ram Rahim Will Be In Jail Till Death, Will Challenge In High Court

Ranjitsingh Murder Case

चार दोषियों जसबीर, अवतार, कृष्ण लाल और सबदिल को भी उम्रकैद की सजा

चंडीगढ़/पंचकूला। Ranjitsingh Murder Case : बहुचर्चित रणजीत सिंह हत्याकांड मामले में 19 साल बाद सोमवार को पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत ने डेरामुखी गुरमीत राम रहीम सिंह समेत चार दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। इस केस में राम रहीम के अलावा बाकी चार दोषियों के नाम जसबीर, अवतार, कृष्ण लाल और सबदिल हैं। पंचकूला में CBI जज सुशील गर्ग ने राम रहीम पर 31 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया। बाकी चारों दोषियों पर 50-50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया।

ज्ञात हो कि, राम रहीम को इससे पहले पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में भी उम्रकैद की सजा हो चुकी है। इसके अलावा दो साध्वियों के यौन शोषण मामले में भी राम रहीम को 10-10 साल की सजा हो चुकी है। डेरा प्रमुख राम रहीम के एडवोकेट अजय बर्मन ने कहा कि वह फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे।

अदालत का फैसला आने के बाद SBI के वकील एचपीएस वर्मा ने स्पष्ट किया कि राम रहीम मरते दम तक जेल में ही रहेगा। उन्होंने बताया कि रणजीत सिंह हत्याकांड में जो सजा सुनाई गई है, वह पहले सुनाई जा चुकी सजा के साथ ही चलेगी। उधर, फैसला आने के बाद अदालत में मौजूद रणजीत सिंह के बेटे जगसीर ने कोर्ट के फैसले पर संतुष्टि जताई।

इससे पहले सोमवार सुबह दोषी राम रहीम की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई। वहीं अन्य 4 दोषियों को पंचकूला कोर्ट लाया गया। उधर, सोमवार को फैसला आने के चलते पंचकूला जिला प्रशासन ने सुबह से ही पूरे शहर में धारा 144 लागू कर दी। पूरे पंचकूला में ITBP के जवानों के साथ पुलिसकर्मी तैनात रहे। शहर में आने वाले लोगों को पूरी तलाशी लेने के बाद ही आगे जाने की अनुमति दी गई।

सीबीआई (Ranjitsingh Murder Case) के वकील एचपीएस वर्मा ने राम रहीम और चारों दोषियों के लिए फांसी की सजा मांगी थी, मगर अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई। इससे पहले राम रहीम ने अदालत में कहा कि वह इस देश का नागरिक है और उसे अदालत पर पूरा भरोसा है। उसने डेरे की ओर से चलाए जा रहे सामाजिक कार्यों और अपनी बीमारी की दुहाई देकर सजा में रिआयत की मांग की। रणजीत सिंह हत्याकांड में CBI कोर्ट ने 12 अक्टूबर को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। दोषियों के वकीलों द्वारा CBI की ओर से दी गई दलीलों को पढ़ने के लिए समय मांगने पर CBI जज सुशील गर्ग ने 18 अक्टूबर की तारीख दे दी थी।

3 लोगों की गवाही रही अहम

रणजीत सिंह हत्याकांड (Ranjit Singh Murder Case) में 3 लोगों की गवाही महत्वपूर्ण रही। इनमें से 2 चश्मदीद गवाहों सुखदेव सिंह और जोगिंद्र सिंह ने अदालत को बताया कि उन्होंने आरोपियों को रणजीत सिंह पर गोली चलाते देखा। तीसरा गवाह डेरामुखी का ड्राइवर खट्टा सिंह रहा। खट्‌टा सिंह के अनुसार, उसके सामने ही रणजीत सिंह को मारने की साजिश रची गई। खट्टा सिंह ने अपने बयान में कहा कि डेरामुखी राम रहीम ने उसके सामने ही रणजीत सिंह को मारने के लिए बोला। केस की शुरुआती सुनवाई के समय खट्टा सिंह अदालत में इस बयान से मुकर गया था, मगर कई साल बाद वह फिर कोर्ट में पेश हुआ और गवाही दी। उसकी गवाही के आधार पर ही पांचों को दोषी ठहराया गया।

इन धाराओं में कोर्ट ने दिया था दोषी करार

रणजीत सिंह हत्याकांड मामले में बीते आठ अक्तूबर को डेरामुखी गुरमीत राम रहीम सिंह और कृष्ण कुमार को कोर्ट ने आईपीसी की धारा-302 (हत्या), 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र रचना) के तहत दोषी करार दिया है। वहीं, अवतार, जसवीर और सबदिल को कोर्ट ने आईपीसी की धारा-302 (हत्या), 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र रचना) और आर्म्स एक्ट के तहत दोषी करार दिया है। 

क्या है रणजीत सिंह हत्याकांड?

कुरुक्षेत्र के रहने वाले रणजीत सिंह की 10 जुलाई 2002 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। रणजीत सिंह डेरा सच्चा सौदा का मैनेजर था। राम रहीम इसी डेरे का प्रमुख है। डेरा प्रबंधन को शक था कि रणजीत सिंह ने साध्वी यौन शोषण की गुमनाम चिट्ठी अपनी बहन से ही लिखवाई। बस इसी शक में उसकी हत्या कर दी गई। 

रणजीत सिंह के बेटे जगसीर सिंह ने जनवरी 2003 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी। हाईकोर्ट ने बेटे के पक्ष में फैसला सुनाकर मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी। सीबीआई ने राम रहीम समेत पांच लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। 

2007 में कोर्ट ने आरोपियों पर चार्ज फ्रेम किए थे। हालांकि, शुरूआत में इस मामले में डेरामुखी का नाम नहीं था लेकिन 2003 में जांच सीबीआई को सौंपने के बाद 2006 में राम रहीम के ड्राइवर खट्टा सिंह के बयान के आधार पर डेरा प्रमुख का नाम इस हत्याकांड में शामिल किया गया था। 

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