Ram Mandir Ayodhya : श्रीराम मंदिर की दिनचर्या में बदलाव: अब देर से खुलेंगे पट, शीत ऋतु के अनुरूप घटाई गई दर्शन अवधि

Ram Mandir Ayodhya

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Ram Mandir Ayodhya : श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में अब दर्शन का समय थोड़ा बदल गया है। शीत ऋतु की शुरुआत को ध्यान में रखते हुए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मंदिर की नई दिनचर्या लागू कर दी है। गुरुवार से लागू हुई इस नई व्यवस्था के तहत रामलला के दर्शन की अवधि 45 मिनट कम कर दी गई है।

अब श्रद्धालु सुबह 7 बजे से रात 9:15 बजे तक ही भगवान श्रीरामलला (Ram Mandir Ayodhya) के दर्शन कर सकेंगे। पहले दर्शन सुबह 6:30 बजे से रात 9:30 बजे तक होते थे। हालांकि, दोपहर की 12:30 से 1 बजे तक की मध्याह्न बंदी पहले की तरह ही रहेगी।

ट्रस्ट के सदस्य डा. अनिल कुमार मिश्र ने बताया कि “सर्द मौसम को देखते हुए आरती और दर्शन के समय में परिवर्तन आवश्यक था, ताकि पुजारियों और श्रद्धालुओं दोनों को सुविधा हो।”

नई समय-सारिणी के अनुसार —

मंगला आरती: अब सुबह 4:30 बजे (पहले 4 बजे)

शृंगार आरती: अब सुबह 6:30 बजे (पहले 6 बजे)

शयन आरती: अब रात 9:30 बजे (पहले 10 बजे)

रामलला के दर्शन सुबह 7 बजे से प्रारंभ होंगे, लेकिन डी-1 प्वाइंट (रामजन्मभूमि पथ) से श्रद्धालुओं का प्रवेश 6:30 बजे से ही शुरू हो जाएगा। दोपहर की बंदी के बाद मंदिर के पट 1 बजे से रात 9:15 बजे तक खुले रहेंगे।

हालांकि श्रद्धालुओं को रात 9 बजे तक ही प्रवेश मिलेगा।

रात्रि की शयन आरती में शामिल होने वाले पासधारक भक्तों को आरती प्रारंभ होने से 15 मिनट पहले प्रवेश की अनुमति दी जाएगी।

मंदिर के प्रथम तल पर प्रतिष्ठित राम दरबार की आरती भी इसी नई दिनचर्या के अनुसार संपन्न होगी।

चार दिनों में साढ़े तीन लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने किए रामलला के दर्शन

दीपोत्सव के चार दिनों में अयोध्या में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। लगभग 3.5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने श्रीरामलला के दर्शन किए, जबकि इनमें से 5,500 से अधिक भक्तों (Ram Mandir Ayodhya) ने पास के माध्यम से राम दरबार का दर्शन किया।

दीपोत्सव के नौवें संस्करण (19 अक्टूबर) को 80,765 श्रद्धालु पहुंचे, जबकि दीपावली (20 अक्टूबर) के दिन 76,980 भक्तों ने दर्शन किए। इसके बाद 21 अक्टूबर को 95,430 दर्शनार्थी आए, वहीं 22 अक्टूबर बुधवार शाम 7 बजे तक लगभग 80,000 श्रद्धालुओं ने रामलला का दर्शन कर लिया।

अयोध्या की गलियां दीपों से रौशन हैं, मंदिर परिसर में जय श्रीराम के जयघोष गूंज रहे हैं और हवा में भक्ति का अनोखा कंपन महसूस किया जा सकता है।