Rajasthan Congress Crisis: राजस्थान में सियासी भूचाल, गहलोत खेमे में बगावत के साथ पायलट समर्थक विधायक, सांसद के अन्य राज्योंं में जाने से पहले सीमाएं सील…
–Rajasthan Congress Crisis: सचिन पायलट के घर पर पिछले दो दिनों से विधायकों की विभिन्न बैठकें
-सूत्रों के मुताबिक सरकार ने दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और गुजरात से लगी सीमाओं पर जांच
जयपुर। Rajasthan Congress Crisis: राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार पर एक और संकट आने की संभावना है। पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके सहयोगी विधायकों ने पार्टी आलाकमान को अल्टीमेटम दिया है। राजस्थान में पायलट समर्थकों ने एक स्टैंड लिया है कि अगर कैबिनेट विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों का वादा जुलाई तक पूरा नहीं होता है तो वे आगे के फैसले लेने के लिए स्वतंत्र हैं।
सचिन पायलट के घर पर पिछले दो दिनों से विधायकों की विभिन्न बैठकें चल रही हैं। इस बैठक में पार्टी नेतृत्व के सामने अपना पक्ष रखने की रणनीति तैयार की गई है। इतना ही नहीं सचिन पायलट ने पार्टी समर्थक अध्यक्ष सोनिया गांधी पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी से अगले महीने मिलने का समय मांगा है।
सचिन पायलट के साथ विधायकों, जिलाध्यक्षों, स्थानीय जनप्रतिनिधियों और कांग्रेस पदाधिकारियों ने बातचीत की है। दो दिन में राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर होने वाले कार्यक्रम में सचिन पायलट अपनी राजनीतिक ताकत दिखाने की योजना बना रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक सरकार ने दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और गुजरात से लगी सीमाओं पर जांच तेज कर दी है। सीमाओं को कभी भी सील किया जा सकता है। सरकार को जानकारी मिली है कि पायलट समर्थक विधायक एक बार फिर दिल्ली या किसी पड़ोसी राज्य में जाकर सरकार के खिलाफ बगावत कर सकते हैं।
विधायकों के साथ स्थानीय सांसदों के भी आने की उम्मीद है। इस बार गहलोत (Rajasthan Congress Crisis) के कुछ समर्थक विधायक सचिन पायलट के संपर्क में हैं। मौका देखते हुए विधायक के पायलट के दल में शामिल होने की उम्मीद है।
गहलोत और पायलट टीम बुधवार सुबह से सक्रिय है। गहलोत के गुट से शांति धारीवाल, लालचंद कटारिया, राज्य मंत्री सुभाष गर्ग, महेश जोशी और महेंद्र चौधरी ने विधायकों को बुलाकर उनके विचार जाने हैं। कुछ ने तो व्यक्तिगत मुलाकातें भी की हैं।
पायलट समर्थक विधायकों से भी बातचीत चल रही है। पायलट के वफादार विधायक रमेश मीणा, मुरारी मीणा और वेद प्रकाश सोलंकी ने विधायकों को अपने दल में शामिल करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसने बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए निर्दलीय विधायकों और विधायकों से भी संपर्क बढ़ाया है।