Rajasthan Congress : राजस्थान कांग्रेस में बढ़ती रार
Rajasthan Congress : कांग्रेस शासित राजस्थान में एक बार फिर कांग्रेस पार्टी के भीतर रार बढ़ गई है मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट के बीच तलवारे खीच गईै है। सचिन पायलट ने अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ एक दिन का अनशन कर दिया है। जिसके पूर्व पत्रकार वार्ता लेकर उन्होने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर जमकर निशाना साधा था और कहा था कि राजस्थान में भाजपा शासनकाल के दौरान हुए हजारों करोड़ रूपए के खनन घोटाले की जांच कराने का कंाग्रेस पार्टी ने वादा किया था लेकिन साढ़े चार साल गुजर गए है अभी तक खनन घोटाले की जांच नहीं हुई है।
जो अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे सिंधिया की मिली भगत को दर्शाता है। सचिन पायलट के इस तीखे तेवर को देखकर पार्टी हाईकमान ने उन्हे समझाईश दी और अनशन न करने के लिए कहा लेकिन पायलट अपनी जिद पर अड़े रहे और अपने समर्थकों के साथ अनशन पर बैठ गए। ऐसा लगता है कि इस बार सचिन पायलट ने आर पार का मूड बना लिया है।
गौरतलब है कि राजस्थान में जब कांग्रेस की सरकार बनी थी तक अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर रस्साकसी हुई थी लेकिन पार्टी हाईकमान ने अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनाया और सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री पद से संतुष्ट होना पड़ा लेकिन अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच मतभेद बरकरार रहे जो इस कदर बढ़े कि सचिन पायलट की उपमुख्यमंत्री पद से छुट्टी कर दी गई।
यही नहीं बल्कि उनके गूट के मंत्रियों को भी मंत्री पद से हटा दिया गया। इसके बाद से सचिन पायलट गुट राजस्थान में हाशिए पर चला गया और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तो सचिन पायलट को निकम्मा और नाकारा नेता तक बताने लगे। पार्टी हाई कमान राजस्थान में बढ़ती इस गुटबाजी को रोकने में विफल रहा। इस बीच कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुआ तो अशोक गहलोत को पार्टी का राष्टीय अध्यक्ष प्रत्याशि घोषित किया गया।
पार्टी हाईकमान ने अशोक गहलोत को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनवाकर सचिन पायलट को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाने का फार्मूला तय किया लेकिन अशोक गहलोत इस बात पर अड़ गए कि वे पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष जरूर बनेंगे लेकिन राजस्थान के मुख्यमंत्री का पद नहीं छोड़ेंगे।
आखिरकार उनकी जिद के चलते पार्टी हाईकमान ने अशोक गहलोत की जगह मल्लिकार्जुन खडग़े को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जिसके बाद सचिन पायलट की नाराजगी और बढ़ गई और अब तो वे एक तरह से बगावत पर ही उतारू हो गए है। राजस्थान में कुछ माह बाद ही विधानसभा चुनाव होने वाला है यदि पार्टी हाईकमान ने इन दोनों नेताओं के बीच बढ़ते रार को रोकने की कोशिश न की तो निश्चित रूप से आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को इस गुटबाजी का खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
सचिन पायलट और अशोक गहलोत गुट में तकरार इस चरम पर आ गई है कि अब वो सड़क तक आ पहुंची है। पायलट ने तो इस बार अपनी सरकार के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है। पूर्व उपमुख्यमंत्री कांग्रेस के बड़े नेताओं की चेतावनी के बावजूद आज राजस्थान की गहलोत सरकार के खिलाफ अनशन कर रहे हैं।