महाधिवक्ता वर्मा ने पेश की नजीर, बंगला और गाड़ी लौटाए
- फॉलोगार्ड लेने से भी किया इंकार
- हाईकोर्ट पुल का बंगला भी नहीं लेंगे
नवप्रदेश संवादाता
रायपुर। एक तरफ सूबे में हाईकोर्ट बिलासपुर के नए महाधिवक्ता के कथित इस्तीफे और सियासी बयान सुर्खियां बनी हुई हैं। तीन दिनों से पद पर बने रहने की अनिच्छा के बाद एडवोकेट जनरल कनक तिवारी को हटा दिया गया। उनकी जगह नए महाधिवक्ता सतीष चंद्र वर्मा को नियुक्त भी कर दिया गया है। ऐसे में बीजेपी और जोगी कांग्रेस की ओर से महाधिवक्ता की तैनाती को लेकर की गई तल्ख टिप्पणी अभी थमी नहीं है। ट्वीटर, मीडिया में बयानों और अटॉर्नी जनरल तक पत्र व्यवहार किया जा चुका है।
पूर्व सीएम डॉ.रमन सिंह और सीएम भूपेश बघेल के बीच भी वाकयुध्द चल रहा है। इस बीच हाल ही में बनाए गए महाधिवक्ता सतीष चंद्र वर्मा ने मिलने वाली दो अहम सुविधाओं को लौटा दिया है। बाकायदा उन्होंने अपनी सुरक्षा में चलने वाले फॉलोगार्ड को भी लेने से भी मना कर दिया है। अपने अधिकृत पत्र में नए महाधिवक्ता श्री वर्मा ने दो पत्र लिखा है। पहला पुलिस अधीक्षक बिलासपुर को पत्र लिखकर पायलटिंग और फॉलोगॉर्ड उपलब्ध नहीं करवाने की अपील की है। उन्होंने पत्र में स्पष्ट उल्लेख किया है कि कृपया उन्हें रोजाना निवास से हाईकोर्ट तक के लिए आने-जाने के वक्त उपलब्ध करवाया जाने वाला दस्ता नहीं दे। उन्होंने यह सुविधा लेने से इंकार कर दिया है।
इसी तरह अपने दूसरे पत्र में उन्होंने रजिस्ट्रार जनरल हाईकोर्ट बिलासपुर से महाधिवक्ता बंगला भी लेने से इंकार कर दिया है। बता दें बंगला नंबर बी-23 महाधिवक्ता को हाईकोर्ट पुल व्दारा आवंटित किया गया था। यह बंगला आगामी वर्ष 2020 तक के लिए पूर्व महाधिवक्ता श्री गिल्डा को आवंटित था। जिसे नए महाधिवक्ता श्री वर्मा को यह अलॉट कर दिया गया है। आज 3 जून को उन्होंने अपने पत्र में हाईकोट पुल के उस बंगले की अनावश्यकता जताते हुए लेने से इंकार कर दिया है।
यह पहला उदाहरण
एक वक्त था जब हाईकोर्ट में पदस्थ पूर्व के महाधिवक्ताओं व अन्यों के उच्च न्यायालय आने और जाने के वक्त पर सुरक्षा, पायलटिंग कार और फालोगार्ड तक के लिए पुलिस और प्रशासन को काफी जद्दोजहद करना पड़ता था। टे्रफिक भी जाम न हो और स्मूथ रहे इसके लिए एक बार तात्कालीन एसपी स्वर्गीय राहुल शर्मा को भी खड़ा रहना पड़ा था। ऐसे में नए महाधिवक्ता सतीष चंद्र वर्मा पहले एडवोकेट जनरल होंगे जिन्हों ने यह जरुरी सुविधा लेने से साफ मना कर एक नजीर पेश की है।