नियुक्ति के लिए अगले 48 घंटों में दर्जनभर का होगा ऐलान

नियुक्ति के लिए अगले 48 घंटों में दर्जनभर का होगा ऐलान

Preparation: The next 48 hours will be announced for a dozen announcements

bhupesh baghel

  • आयोग और निगम मंडलों के अध्यक्षों की नियुक्ति की तैयारी में सरकार

  • मलाईदार निगम-मंडल में दिग्गज कांग्रेसी नेताओं की ताजपोशी

नवप्रदेश संवाददाता

रायपुर। बहुप्रतीक्षित आयोग और निगम मंडलों के अध्यक्ष पद में नियुक्ति की पूरी तैयारी भूपेश सरकार bhupesh baghel ने कर ली है। अगले 48 घंटों में आयोग और निगम मंडलों के एक दर्जन के आसपास अध्यक्षों की नियुक्ति होगी।

सीएम भूपेश बघेल ने ऐसे एक दर्जन कांग्रेसी नेताओं की जिम्मेदारी भी तय कर ली है। महज चंद औपचारिकताओं के बाद सभी नामों का ऐलान 48 घंटे के अंदर कर लिया जाएगा।

सूत्रों के मुताबिक 48 घंटे में होने वाले नामों और निगम-मंडल, आयोग तथा प्राधिकरण के जिम्मेदारों का ऐलान करने के पीछे कांग्रेस के जीतकर आए 68 विधायकों को संतुष्ट करना भी है। वजह भी जायज है क्योंकि 12 विधायकों को तो मंत्रीमंडल में स्थान मिल गया पर बकाया को भी संतुष्ट करना जरुरी है। इन संस्थानों की जिम्मेदारी देकर उनका मंत्री वाला प्रोटोकॉल उपलब्ध करवाने से वह पूर्ति की जा सकेगी। हालाकि सभी में विधायकों की नियुक्ति नहीं होगी।

चंद संस्थाओं में पार्टी संगठन के दिग्गजों, चुनाव में समर्पित भाव से काम करने वालों को भी ओबेलाइज किया जाएगा। बता दें कि विधायकों के लिए 38 नए निगम, मंडल, आयोग और प्राधिकरण में नियुक्ति का रास्ता पहले ही सरकार ने खोल दिया है। इसमें करीब 38 संस्थाओं के अध्यक्ष व सदस्यों के पद को लाभ के पद से बाहर कर दिया है। ऐसे में खाटी विधायकों समेत चंद चेहतों को भी स्थान मिलने की उम्मीद है। कुलमिलाकर विधायकों की नियुक्ति किए जा सकने वाली संस्था की संख्या 128 होगी।

चेहते जो हारे वो भी कतार में

चंद चेहते विधायक प्रत्याशी जिन्हें टिकट तो मिली पर वे हार गए और जो टिकट के लिए सबकुछ किए पर मौका नहीं मिला उन्हें लाभ मिल सकता है। हालाकि पार्टी में हारे विधायकों को भी ओबेलाइज किया गया तो नाराजगी बढ़ सकती है। वैसे अटल श्रीवास्तव, आरंग के मनहर के नाम की भी चर्चा है।

बीजेपी जता चुकी है आपत्ति

भाजपा ने आयोग, निगम, मंडल या प्राधिकरणों में नियुक्ति के खिलाफ नहीं है। लेकिन बीजेपी की तरफ से 3 संस्थाओं में राजनीतिक नियुक्ति करने का विरोध पहले ही दर्ज कर चुकी है। भाजपा विधायकों ने जाहिर किया है कि राजनीतिक नियुक्ति से ऐसी तीन संस्था हैं जिनकी साख प्रभावित होगी। उसमें व्यापमं, पर्यावरण संरक्षण मंडल और रेलवे कॉर्पोरेशन प्रमुख हैं। बता दें कि व्यापमं सरकारी सेवाओं में भर्ती करता है।

इनमें नियुक्ति के लिए मची होड़

फिल्म विकास निगम,  राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, सड़क विकास निगम,  राज्य सहकारी बैंक,  राज्य सहकारी संघ,  जिला सहकारी केंद्रीय बैंक,  राज्य खाद्य आयोग,  राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग,  रायपुर विकास प्राधिकरण,  योग आयोग, राज्य केश शिल्पी कल्याण बोर्ड, राज्य औषधीय पादप बोर्ड,  राज्य कृषक कल्याण परिषद्,  मछुआ कल्याण बोर्ड,  राज्य जीव-जंतु कल्याण बोर्ड,  माटीकला बोर्ड,  राज्य विपणन निगम, सूक्ष्म एवं लघु उद्यम फोसीलिटेशन कौंसिल,  छग.रेलवे कॉर्पोरेशन,  राज्य शिक्षा आयोग, व्यवसायिक परीक्षा मंडल, राज्य वित्त आयोग, राज्य सहकारी दुघ्द महासंघ, पशुधन विकास अभिकरण,  बीस सूत्रीय क्रियान्वयन समीक्षा समिति, राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण,  राज्य हज कमेटी,  उर्दू अकादमी,  राजभाषा आयोग, सिंधी अकादमी,  पदुमलाल-पुन्नालाल बख्शी सृजनपीठ,  दक्षिण-मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र,  छग.साहित्य अकादमी,  थर्ड जेंडर कल्याण बोर्ड आदि।

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