‘वर्तमान परिवेश में संविधान दिवस की भूमिका’विषय पर पीआईबी ने किया वेबिनार का आयोजन

‘वर्तमान परिवेश में संविधान दिवस की भूमिका’विषय पर पीआईबी ने किया वेबिनार का आयोजन

PIB organized webinar on the topic 'Role of Constitution Day in the present environment'

Sanvidhan Divas

रायपुर/नवप्रदेश। संविधान दिवस (Sanvidhan Divas) के उपलक्ष्य में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी), रायपुरऔर प्रादेशिक लोकसंपर्क कार्यालय (आरओबी), रायपुर के संयुक्तू तत्वा्वधान में क्षेत्रीय लोकसंपर्क कार्यालय (एफओबी),कांकेर के सहयोग से 26 नवम्बर संविधान दिवस के अवसर पर ‘वर्तमान परिवेश में संविधान दिवस की भूमिका’विषयपर वेबिनार का आयोजन किया गया।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के फील्डन अधिकारी,भिलाई इस्पात संयंत्र के अधिकारीगण,गैर-सरकारी संगठनों के कार्यकर्ता, सांस्कृातिक दलों के लोक कलाकार तथा महाविद्यालयों एवं विद्यालयों के छात्र एवं छात्राएंइस वेबिनार में शामिल हुए ।न्यायाधीश डी.के. गिलहरे, सचिव, नालसा जिला विधिक प्राधिकरण, कांकेर और विजय कुमार पाण्डेय, ब्यूरो चीफ हरिभूमि, कांकेर ने वेबिनार को संबोधित किया।

वेबिनार (Sanvidhan Divas) को संबोधित करते हुए न्यायाधीश डी.के. गिलहरे ने कहा कि हमारे संविधान में देश के सभी नागरिकों को बिना किसी भेदभाव के जन्म से लेकर मृत्यु तक सभी अधिकार एवं दायित्वं प्रदान किए गए हैं। उन्होंने बताया कि मौलिक अधिकारों का वर्णन संविधान के भाग-3 में अनुच्छेद 12 से 35 तक वर्णन किया गया है। मौलिक अधिकार वे मूलभूत अधिकार हैं जो किसी व्यक्ति के जीवनयापन हेतु मौलिक एवं अनिवार्य होने के कारण संविधान के द्वारा नागरिकों को प्रदान किये जाते हैं। ये अधिकार व्यक्ति के मानसिक व भौतिक और नैतिक विकास के लिए आवश्यक है।

न्यायाधीश डी.के. गिलहरे ने बताया कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 19 केतहत लिखितऔर मौखिक रूप से अपना मत और विचार प्रकट करने हेतु अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का प्रावधान किया गया है। भारत के सभी नागरिकों को विचार करने, भाषण देने और अपने व अन्य व्यक्तियों के विचारों के प्रचार की स्वतंत्रता प्राप्त है । प्रेस भी विचारों के प्रचार का एक साधन होने के कारण प्रेस की स्वतंत्रता भीइसी में सम्मिलित है।लेकिन इसके साथ ही कुछ बंधन भी दिए गए हैं,जिनका पालन करना अनिवार्य है ।

इस अवसर पर विजय कुमार पाण्डेय ने कहा कि संविधान (Sanvidhan Divas) ने हमें मौलिक अधिकार के साथ ही मौलिक कर्त्तव्य भी दिया है। वर्तमान में लोग मौलिक अधिकारों की बात तो करते हैं, लेकिन मौलिक दायित्वों के निर्वहन से बचना चाहते हैं, यह चिंता का विषय है । उन्होंतने कहा कि उत्तररदायित्वों से बचने की वजह से ही हमारे देश में भ्रष्टााचार,पर्यावरणीय प्रदूषण, क्षेत्रीयवाद और जातिवाद जैसी बुराईयां बढ़ती जा रही हैं।

विजय कुमार पाण्डेय ने कहा कि यह विचारणीय है कि लोगों में मौलिक दायित्वों में चेतना जागृत करने के लिए न तो समाज के प्रबुद्ध वर्ग आगे आ रहे हैं और न ही राजनीतिक दल इसके प्रति गंभीर हैं । इसलिए हमें मौलिक अधिकारों के साथ ही साथ मौलिक कर्त्तव्यों को भी लोगों को समझाना होगा तभी हमारा देश विकसित बन पाएगा ।

वेबिनार के प्रारम्भ में अतिथियों का स्वागत करते हुए पत्र सूचना कार्यालय, रायपुर और प्रादेशिक लोकसंपर्क कार्यालय, रायपुर के अपर महानिदेशक, अभिषेक दयाल ने आयोजन के उद्देश्योंय के संबंध में विस्तृत जानकारी दी ।अंत में आभार प्रदर्शन,पत्र सूचना कार्यालय रायपुर के सहायक निदेशक सुनील तिवारी ने किया ।वेबिनार का संचालन क्षेत्रीय लोकसंपर्क कार्यालय (एफओबी),कांकेर की प्रचार सहायक श्वेता शर्मा ने किया ।

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