Paddy Purchase Scam:भ्रष्टाचार मुक्त छत्तीसगढ़ के सरकारी दावों पर भाजपा का सवाल, धान ख़रीदी में घोटाला…

Paddy Purchase Scam:भ्रष्टाचार मुक्त छत्तीसगढ़ के सरकारी दावों पर भाजपा का सवाल, धान ख़रीदी में घोटाला…

Paddy Purchase Scam: BJP's question on government claims of corruption-free Chhattisgarh, scam in paddy purchase...

Paddy Purchase Scam

रायपुर/नवप्रदेश। Paddy Purchase Scam:छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि देशभर में किसान राजनीति की भेंट चढ़ने में कहीं पीछे नहीं है। कोई भी सरकार रहे,विपक्ष के घेरे में किसान आते ही है। वहीं सत्ताधारी दल किसान के बचाव में खड़े रहते हैं।

यही कमोबेश हालात भी छत्तीसगढ़ में भी देखने मिल रहा है। छत्तीसगढ़ में 15 साल भाजपा ने सत्ता संभाली और किसानों के हितैषी बने रहे। वहीँ इन 15 सालों में कांग्रेस ने विपक्ष की भूमिका में किसान को लेकर जमकर राजनीति की और 2018 में घोषणा पत्र में किसानों के ब्याज मुक्त और समर्थन मूल्य बढ़ाने के मुद्दे पर ही सत्ता की चाबी हथिया ली।

अब भाजपा विपक्ष की भूमिका निर्वहन कर रही है। फिर किसान के हितैषी के रूप में भाजपा खड़ी है और सत्ताधारी दल को घेरने में कहीं पीछे नहीं है। चाहे वो राजीव गाँधी किसान न्याय योजना की राशि हो,धान समर्थन मूल्य, धान का उठाव हो या किसानों के आत्महत्या का मामला हो। सभी मुद्दों पर भाजपा प्रदेश की भूपेश सरकार से दो-दो हाथ करते नजर आ रही है।

धान खरीदी में घाटाले पर भाजपा की तल्खी

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता नीलू शर्मा ने राजनांगदाँव ज़िले में धान ख़रीदी के नाम पर हुए घोटाले (Paddy Purchase Scam) की ख़बरों के सामने आने के बाद प्रदेश सरकार के उन दावों पर सवाल खड़ा किया है, जिसमें प्रदेश सरकार छत्तीसगढ़ को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की डींगें हांकती नहीं थकती। शर्मा की माने तो अन्नदाताओं के परिश्रम का अपमान करने में प्रदेश सरकार ने सारी हदें लांघ दी हैं और प्रदेश को शर्मिंदा कर दिया है।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता नीलू शर्मा ने कहा कि मार्कफेड की ओर से समर्थन मूल्य पर किसानों से (Paddy Purchase Scam) 76 लाख क्विंटल धान ख़रीदी का दावा किया जा रहा है, लेकिन धान के उठाव के बाद इन दावों का ज़मीनी सच सामने आ रहा है। मिलर्स को ख़रीदी की मात्रा के आधार पर धान उठाव के लिए डिलीवरी ऑर्डर (डीओ) तो जारी किए गए लेकिन ख़रीदी केंद्रों में उतनी मात्रा में धान था ही नहीं! इस मामले की प्रारंभिक जाँच में सामने आए तथ्यों का ज़िक्र करते हुए नीलू शर्मा ने कहा कि यहाँ लगभग 45 हज़ार क्विंटल धान की कमी मिली है।

मार्कफेड की ओर से मिलर्स को 25,37,847.90 क्विंटल धान के उठाव के लिए डीओ जारी किया गया था। अब इसे लेकर समितियाँ धान उठाव में देरी और सूखत को एक वज़ह बता रही हैं, लेकिन यह बात किसी के गले नहीं उतर रही है। धान मिलान की जारी प्रक्रिया के बीच यह पक्की धारणा व्यक्त की जा रही है कि धान ख़रीदी के नाम पर बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ है।

भीगे धान पर सवाल

प्रवक्ता नीलू शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार की लापरवाही और टालमटोल के चलते समय पर धान उठाव नहीं होने के कारण बेमौसम बारिश में भीगने के कारण अब धान सड़ने भी लगा है।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता नीलू शर्मा ने कहा कि धान ख़रीदी के नाम पर अपनी वाहवाही कराने और अपने मुँह मियाँ मिठ्ठू बनने में लगी प्रदेश सरकार पूरे प्रदेश में धान ख़रीदी में हुए घोटाले पर मौन साधे बैठी है, जिससे संदेह के दायरे बढ़ रहे हैं। इससे पहले प्रदेश के अन्य कई ज़िलों में धान ख़रीदी के नाम पर हुईं गड़बड़ियाँ सामने आई हैं लेकिन प्रदेश सरकार ने किसी भी मामले में गंभीरता नहीं दिखाई है।

शर्मा ने प्रदेशभर में धान ख़रीदी की मात्रा का आँकड़ा और यथार्थ में धान उठाव के समय की मात्रा का मिलान कर धान ख़रीदी में हुई गड़बड़ी का पता लगाने और इस घोटाले में संलिप्त लोगों पर कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि ये गड़बड़ियाँ भाजपा की उस आशंका को सच साबित कर रही है कि धान उठाव न करके प्रदेश सरकार कहीं धान को खुले में छोड़कर बारिश में भीगा और सड़ा बताकर किसी बड़े घोटाले की पटकथा तो नहीं लिख रही है?

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