Naxal Couple Surrender : 76 जवानों की हत्या में शामिल दंपत्ति ने किया सरेंडर
सुकमा/नवप्रदेश। Naxal Couple Surrender : छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सली संगठन में काम कर रहे नक्सली दंपति ने सरेडर किया है। दरअसल, दंपति खूंखार और टॉप मोस्ट वांटेड नक्सली हिड़मा की दक्षिण बस्तर बटालियन नंबर एक में लंबे समय से काम कर रहे थे। यह दंपति मंगलवार को सुकमा पुलिस के सामने सरेंडर किया है। आत्मसमर्पण करने वाले दंपति पुरुष नक्सली ने 16 साल और महिला नक्सली ने 10 साल संगठन में रहकर सुकमा और बीजापुर जिले में हुए कई बड़ी नक्सली घटनाओं में शामिल रहे।
अब बड़े नक्सली लीडरों के प्रताड़ना से तंग आकर और संगठन की खोखली विचाधारा को छोड़कर सरकार की मुख्य धारा से जुड़ने के लिए मंगलवार को सुकमा पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। सरेंडर नक्सलियों के नाम सलवम मुक्ता उर्फ सुकू और महिला नक्सली का नाम सलवम गंगी (Naxal Couple Surrender) है।
एएसपी ने बताया कि मुक्ता उर्फ सुकू मोस्ट वांटेड नक्सली हिड़मा का गनमैन भी रह चुका है और सरेंडर से पहले सुकू नक्सली संगठन के प्लाटून नंबर एक, बटालियन नंबर एक, का डिप्टी कमांडर और सेक्शन ए कमांडर था। वही महिला नक्सली सलवम गंगी 2013 से नक्सली संगठन में शामिल है और बटालियन नंबर एक की कृषि टीम के सदस्य थी। दोनों के पास एसएलआर राइफल थे। सुकमा, बीजापुर और दंतेवाड़ा में इस नक्सली दंपति की काफी दहशत थी।
8 लाख रुपये का ईनामी
सुकमा एएसपी किरण चव्हाण ने बताया कि नक्सली दंपति के सरेंडर करने से संगठन को काफी बड़ा नुकसान पहुंचा है। सलवम मुक्ता उर्फ सुकू पिछले 16 साल से नक्सली संगठन में शामिल था। ताड़मेटला में 76 जवानों की हत्या कसालपाड़ में जवानों पर फायरिंग और हत्या के साथ ही पीड़मेल में बड़ी घटना को अंजाम देने के अलावा 14 से अधिक बड़े नक्सली वारदातों में शामिल रहा है। इसके अलावा उसकी पत्नी सलवम गंगी भी सुकु के साथ इन सभी वारदातों में शामिल रही है।पुलिस ने इन पर 8-8 लाख रुपये का ईनाम घोषित कर रखा था।
नक्सली दंपति ने बताया (Naxal Couple Surrender) कि काफी समय से पुलिस के सामने सरेंडर करने की सोच रहे थे और फिर फैसला कर मंगलवार को सरेंडर कर दिया। दंपति ने बताया कि वे मुख्य रूप से सुकमा के ताड़मेटला में शहीद 76 जवान की घटना, कसालपाड़, पिढ़मेल, भेजी-कोत्ताचेरू एम्बुश, बुरकापाल एम्बुश, पेदागेल्लूर फायरिंग घटनाओ में शामिल थे।
फिलहाल नक्सलियों के सरेंडर करने के बाद पुलिस के अधिकारियों ने सरेंडर दंपति को शासन की पुनर्वास नीति योजना के तहत 10-10 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि दी है और जल्द ही शासन की अन्य योजनाओं का लाभ भी दंपति को मिलने की बात कही है।