Murder : 48 घंटे के अंदर अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाने में पुलिस को मिली सफलता
राजनांदगांव, नवप्रदेश। 13 जुलाई 22 को रात्रि करीबन 9.30 बजे ग्राम बागतराई व लिटिया के बीच सड़क पर ग्रामीणों द्वारा अज्ञात शव के संदिग्ध हालत में होने की सूचना पर 112 स्टाफ व थाना प्रभारी लालबाग जितेन्द्र वर्मा व स्टाफ द्वारा मौके पर तत्काल जाकर शव का निरीक्षण किया गया, जो प्रथमदृष्टया शव के सिर में गहरी कई चोटें होने व हल्का बदबू होना प्रतीत हुआ,
जो घटना स्थल निरीक्षण पर शव को देखकर अनुमान लगाया गया कि इसका हत्या कर शव को सड़क किनारे फेंका गया है। घटना की गंभीरता को देखते हुये घटना के संबंध में तत्काल पुलिस अधीक्षक प्रफुल्ल ठाकुर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजय महादेवा, नगर पुलिस अधीक्षक गौरव राय को अवगत कराया गया,
जो वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा मामले को गंभीरता से लेते हुये तत्काल शव की पहचान कराने आसपास के ग्रामीणों से पूछताछ करने व मामले का खुलासा करने थाना प्रभारी को निर्देशित किया गया। 14 जुलाई 2022 को अज्ञात शव की फोटो को बागतराई ग्राम के आसपास के सरपंच व ग्रामीणों को दिखाकर पूछताछ किया गया जो ग्रामीणों द्वारा मृतक को पड़ोस के ग्राम लिटिया का हिरावन मांडले उम्र 31 वर्ष का होना बताया।
हिरावन मांडले के परिजनों द्वारा मृतक के शव व पहने हुये कपड़ों को देखकर मृतक की पहचान हिरावन मांडले का होना बताया व मृतक हिरावन मांडले का 13 जुलाई 22 के शाम 6 बजे से घर से निकलना व रात 10 बजे तक घर न आना व उसके मोबाईल पर बार-बार कॉल करने पर उसका मोबाईल बंद होना बताया गया।
मृतक का पोस्टमार्टम पेंड्री मेडिकल कॉलेज में कराया गया, जो डॉक्टर द्वारा पीएम रिपोर्ट में मृतक का अननेचुरल डेथ व सिर में बार-बार चोट लगने से मृत्यु होना बताया गया। थाना लालबाग द्वारा मर्ग जांच पर मामले को गंभीरता से लेते हुये अपराध क्रमांक 410/22 धारा 302, 201 भांदवि कायम कर विवेचना कार्यवाही में लिया गया, जो मृतक का ग्राम के ही एक विधवा महिला मोमिन वर्मा के साथ संबंध होना पता चला,
जिस बात को लेकर पूर्व में भी आरोपिया व मृतक की पत्नी का विवाद हुआ था व आरोपिया के परिजनों द्वारा भी गांव आकर विवाद हुआ था। उक्त संबंध में आरोपिया से पूछताछ की गयी जो अपने मायके ग्राम कोलिहापुरी के पूर्व प्रेमी डिगेश्वर वर्मा के साथ मिलकर हत्या करना स्वीकार की व मृतक हिरावन मांडले द्वारा बार-बार मिलने के लिये दबाव बनाना व गाली-गालौज करने से तंग आकर हत्या करना बतायी।
आरोपियों द्वारा अपने प्रेमी डिकेश्वर वर्मा के साथ मिलकर पूर्व योजनाबद्ध तरीके से हिरावन मांडले को फोन में बात कर घर बुलाया गया व घर आने के पहले डिकेश्वर को करीब रात्रि 10 बजे अपने घर में बुलाकर छिपाकर रखी थी। 13 जुलाई को हिरावन मांडले के रात्रि करीब 10 बजे घर आते ही आरोपिया व हिरावन के बीच विवाद हुआ जो मौका पाकर डिकेश्वर द्वारा अपने योजना के मुताबिक पूर्व से रखे सब्बल आलाजरब से सिर में वार किया गया
जो हिरावन मांडले द्वारा संघर्ष करने पर आरोपिया द्वारा भी उसी सब्बल को अपने हाथ में लेकर मृतक हिरावन मांडले के ऊपर हमला किया गया। हिरावन मांडले के सिर में पांच-छः बार प्राणघातक हमला होने व अत्याधिक रक्तस्त्राव होने से मौके पर ही मृत्यु हो गयी।
डिकेश्वर व आरोपिया द्वारा घर के अंदर बहे मृतक के खून को साफ कर शव को बेडशीट से ढककर घर के अंदर ही रातभर रखा गया। आरोपी डिकेश्वर मृतक हिरावन के पहने हुये चप्पल व मोबाईल को अपने मोटर सायकल के डिक्की में लेकर रास्ते में पड़ने वाले नदी में फेंक दिया।
रात्रि करीबन 12 बजे डिगेश्वर घटना कारित कर पुनः अपने ग्राम कोलिहापुरी वापस चले गया। 14 जुलाई को शव से बदबू आने से, शव को ठिकाने लगाने के लिये पुनः आरोपिया के घर आया व शव को रात्रि 8.30 से 10 बजे के मध्य अपनी मोटर सायकल के बीच में रखा मोमिन पीछे बैठी थी व स्वयं मोटर सायकल को चलाते हुये ग्राम बागतराई व लिटिया के मध्य जाते हुये सामने से लोगों के मोटर सायकल आते देख कर डरकर शव को सड़क किनारे फेंक दिये।
बाद आरोपिया को उसके घर में छोड़कर डिकेश्वर वापस अपने ग्राम कोलिहापुरी चला गया। आरोपिया द्वारा वापस अपने घर आने के बाद अपने पहने हुये कपड़े व खून से सने चादर को जलाकर नष्ट कर दिया गया। पुलिस द्वारा पूछताछ करने पर मोमिन वर्मा द्वारा अपने घर पर रखे घटना में प्रयुक्त आलाजरब सब्बल व डिकेश्वर द्वारा घटना के समय पहने कपड़े व घटना में प्रयुक्त मोटर सायकल को जप्त कराया गया। आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है।
संपूर्ण कार्यवाही में थाना प्रभारी लालबाग निरीक्षक जितेन्द्र वर्मा, उप निरीक्षक संजय नाग, उप निरीक्षक गीतांजली सिन्हा, सउनि येनलाल चन्द्राकर, सउनि राजू मेश्राम, प्रधान आरक्षक मनेन्द्रप्रताप, प्रधान आरक्षक देवसिंह मार्को, आरक्षक सुनील बैरागी, लीलाराम साहू, भोलाराम यादव, न्द्र वर्मा, सायबर सेल के आरक्षक मनीष मानिकपुरी, आरक्षक मनोज खुंटे, अमित सोनी, आदित्य सिंह की सराहनीय भूमिका रही।