Mithali Raj : बायोपिक में नजर आएंगी…पुरुष प्रधान क्षेत्र में महिलाओं को पहचान बनाना आसान नहीं
नई दिल्ली। Mithali Raj : महिला क्रिकेट को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने वाली भारत की महान महिला बल्लेबाज मिताली राज इन दिनों अपनी बायोपिक ‘शाबाश मिट्ठू’ को लेकर चर्चा में हैं। फिल्म का ट्रेलर रिलीज हो गया है। इस फिल्म में मिताली का किरदार अभिनेत्री तापसी पन्नू निभा रही हैं।
महिलाओं में क्रिकेट के प्रति दीवानगी नदारद
फिल्म के जरिए लोग मिताली (Mithali Raj) की जिंदगी को बड़े पर्दे पर देख सकेंगे। क्रिकेट भारत में एक ऐसा खेल माना जाता है, जिसकी दीवानगी क्रिकेट प्रेमियों के सिर चढ़कर बोलती है। मगर, यह दीवानगी सिर्फ पुरुष क्रिकेट के लिए ही देखी जाती रही है। महिला क्रिकेट के प्रति यह दीवानगी 90 के दशक तक तो नदारद ही थी।
‘लेडी सचिन तेंदुलकर’ ने तोड़ा वर्चस्व
आज के परिदृश्य में भी महिला क्रिकेट को जो कुछ पहचान मिली है, उसका श्रेय ‘लेडी सचिन तेंदुलकर’ मिताली राज को जाता है। पुरुष वर्चस्व वाले क्षेत्र में जब महिला क्रिकेट को पहचान दिलाने का सपना मिताली ने देखा होगा तो यकीनन आसान नहीं रहा होगा। हमारा सामाजिक ढांचा ऐसा है कि मिताली को घर से लेकर क्रिकेट के मैदान तक तमाम विरोध और अड़चनों से गुजरना पड़ा। इस सफर में वह किन संघर्षों से गुजरीं? आइए जानते हैं…
माता-पिता का रहा सपोर्ट
महिलाओं को टीचिंग और बैंकिंग जैसे क्षेत्र में करियर बनाने का सुझाव देने वाले समाज में जब मिताली ने अपने सपने को साकार करने के लिए हाथ में बल्ला थामा तो उनका आत्मविश्वास डिगाने के लिए कई लोग आए। हालांकि, माता-पिता का सपोर्ट रहा और वह न डरीं न झुकीं। उन्होंने महिला क्रिकेट की दुनिया में जो इतिहास रचा है, आज दुनिया उससे वाकिफ है।
जब कोच मिताली की तारीफ की तो उतर गया था घरवालों के चेहरे
इस फिल्म के ट्रेलर में भी दिखाया गया है कि मिताली (Mithali Raj) के किरदार में तापसी पन्नू कहती हैं, ‘आठ साल की थी, जब किसी ने यह सपना दिखाया था कि ‘मैन इन ब्लू’ की तरह हमारी भी एक टीम होगी, ‘वुमन इन ब्लू।’ जब मिताली के भाई मिथुन के कोच मिताली की प्रतिभा के बारे में बताते हुए कहते हैं, ‘इसमें टैलेंट नेचुरल है, अगर प्रॉपर ट्रेनिंग हो गई तो नेशनल खेलने के चांस हैं।’ पूरा परिवार समझता है कि यह तारीफ मिथुन के लिए है, लेकिन कोच कहते हैं, ‘अरे मैं मिताली की बात कर रहा हूं’। इस पर पूरे परिवार का चेहरा उतर जाता हैं।’