Ministry Of Tourism : पर्यटन मंत्रालय ने सतत पर्यटन स्थलों के विकास के संबंध में क्षेत्रीय कार्यशाला का किया आयोजन 

Ministry Of Tourism : पर्यटन मंत्रालय ने सतत पर्यटन स्थलों के विकास के संबंध में क्षेत्रीय कार्यशाला का किया आयोजन 

नई दिल्ली, नवप्रदेश। इस कार्यशाला में मध्य और पश्चिमी क्षेत्र के विभिन्न राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों यानी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात, दमन एवं दीव और गोवा के वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और पर्यटन उद्योग के हितधारकों की व्यापक भागीदारी हुई। इस कार्यशाला में पर्यटन मंत्रालय के ट्रैवल फॉर लाइफ अभियान को भी पेश (Ministry Of Tourism) किया गया।

सतत और स्थायी पर्यटन स्थलों को विकसित करने और देश में टिकाऊ पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु आईआईटीटीएम, यूएनईपी और आरटीएसओआई के सहयोग से पर्यटन मंत्रालय ने 29 नवंबर, 2022 को खजुराहो में भरोसेमंद और जिम्मेदार पर्यटन स्थलों के विकास के संबंध में पहली क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजन (Ministry Of Tourism) किया।

इस कार्यशाला में मध्य और पश्चिमी क्षेत्र के विभिन्न राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों यानी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात, दमन एवं दीव और गोवा के वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और पर्यटन उद्योग के हितधारकों की व्यापक भागीदारी (Ministry Of Tourism) हुई।

पर्यटन मंत्रालय में निदेशक श्री प्रशांत रंजन ने इस कार्यशाला में मुख्य भाषण दिया। उन्होंने सतत और स्थायी पर्यटन स्थलों को विकसित करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में पर्यटन में निरंतरता और केन्द्र, राज्य एवं उद्योग जगत के बीच सहयोग के महत्व पर प्रकाश डाला।

उन्होंने पर्यावरणीय स्थिरता के संबंध में प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के बारे में भी बताया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कैसे पर्यटन को लाइफ मिशन के साथ जोड़ा जा सकता है। उन्होंने इस कार्यशाला में पर्यटन मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए ट्रैवल फॉर लाइफ अभियान को पेश किया।

पर्यटन मंत्रालय में सहायक महानिदेशक श्री उत्तंक जोशी ने देश में पर्यटन से जुड़े बुनियादी ढांचे को तैयार करने से संबंधित पर्यटन मंत्रालय की प्रमुख केन्द्र प्रायोजित योजना ‘स्वदेश दर्शन 1.0’ की सफलता की कहानियों को साझा किया।

उन्होंने स्वदेश दर्शन 2.0 की रूपरेखा पेश की और यह भी बताया कि यह योजना कैसे पर्यटन से जुड़े गंतव्यों के विकास में स्थिरता को एकीकृत करती है।

श्री अनिरुद्ध चाओजी, जोकि एक प्रतिष्ठित इको-टूरिज्म व्यवसायी और आरटीएसओआई के प्रतिनिधि हैं, ने प्रतिभागियों के साथ पर्यटकों को संवेदनशील बनाने और जिम्मेदार यात्रा की मांग सृजित करने के बारे में विचार-विमर्श किया।

सुश्री मनीषा चौधरी ने जलवायु परिवर्तन कॉप 26 में नवंबर 2021 में शुरू की गई वैश्विक पर्यटन प्लास्टिक पहल और पर्यटन में जलवायु कार्रवाई पर ग्लासगो घोषणा जैसे कुछ ऐतिहासिक प्रयासों को साझा किया।

उन्होंने हितधारकों को इस तरह की पहल में शामिल होने और सतत विकास के लिए राष्ट्रीय और वैश्विक प्रतिबद्धताओं के अनुरूप जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण एवं जैव विविधता की हानि जैसे इस धरती के तिहरे संकट को दूर करने हेतु लक्ष्य निर्धारित करने के लिए प्रोत्साहित किया।

मध्य और पश्चिमी क्षेत्र के विभिन्न राज्यों के पर्यटन विभागों के प्रतिनिधियों ने भी टिकाऊ पर्यटन से संबंधित उनकी उत्कृष्ट कार्य प्रणालियों पर ध्यान आकर्षित करते हुए प्रस्तुतियां दी।

टिकाऊ पर्यटन से संबंधित केन्द्रीय नोडल एजेंसी, भारतीय पर्यटन और यात्रा प्रबंधन संस्थान ने प्रतिभागियों को भारत के लिए सतत पर्यटन मानदंड (एसटीसीआई) की मुख्य विशेषताओं के बारे में जानकारी दी। प्रतिभागियों ने जिम्मेदारी से यात्रा करने के लिए खुद को प्रतिबद्ध करने के लिए ट्रैवल फॉर लाइफ प्रतिज्ञा भी ली।

जमीनी स्तर के उद्योग के हितधारकों ने मूर्त सकारात्मक प्रभाव पैदा करने के लिए मध्य और पश्चिमी क्षेत्रों के विभिन्न इलाकों में टिकाऊ पर्यटन को लागू करने के अपने नवीन तरीके भी प्रस्तुत किए।

इस कार्यशाला ने पर्यटन में स्थायित्व संबंधी लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में पर्यटन मंत्रालय, विभिन्न राज्य सरकारों/केन्द्र शासित प्रदेशों के प्रशासनों और उद्योग जगत के हितधारकों के बीच जुड़ाव को मजबूत किया।

JOIN OUR WHATS APP GROUP

डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *