Metal Park-Nava Raipur : नवा रायपुर में दो सब स्टेशन को हरी झंडी, फायर स्टेशन के लिए जगह का पेंच फंसा

Metal Park-Nava Raipur : नवा रायपुर में दो सब स्टेशन को हरी झंडी, फायर स्टेशन के लिए जगह का पेंच फंसा

Metal Park-Nava Raipur :

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रायपुर में मेन फायर स्टेशन के लिए जगह का पेंच फंसा, फायर ब्रिगेड ने नगर निगम से मांगी थी जमीन लेकिन नहीं बनी सहमति

रायपुर/नवप्रदेश। Metal Park-Nava Raipur : नवा रायपुर में दो सब स्टेशन को हरी झंडी, फायर स्टेशन के लिए जगह का पेंच फंसा। नवा रायपुर में मंत्रालय के नजदीक एक सेक्टर में 2 नए सब स्टेशन के लिए भवन तय किया गया है, जबकि मेटल पार्क में दो एकड़ से ज्यादा की जमीन में फायर स्टेशन शुरू करने जमीन का आवंटन हो चुका है।

लेकिन राजधानी में मेन स्टेशन शुरू करने की कवायद जमीन नहीं मिलने की वजह से ठंडे बस्ते में है। फायर ब्रिगेड का मुख्य स्टेशन अभी टिकरापारा से संचालित किया जा रहा है। अधीक्षक फायर ब्रिगेड अजातशत्रु बहादुर सिंह के अनुसार शासन को नया प्रस्ताव भेजा गया है। अनुमति मिलते ही नए फायर स्टेशन के लिए नया सेटअप तय किया जाएगा।

शहर में फायर स्टेशनों के विस्तार का मामला जगह की दिक्कत की वजह से फाइलों में उलझ गया है। दो सब स्टेशन शुरू करने की प्लानिंग हो चुकी है। लेकिन, स्थाई रूप से मेन फायर स्टेशन शुरू करने की योजना अब जगह नहीं मिलने की वजह से ठंडे बस्ते में है। फायर ब्रिगेड की यूनिट ने नगर निगम से स्थाई जगह की मांग की थी। लेकिन सहमति नहीं बन पाने की वजह से मेन फायर स्टेशन का स्थाई बंदोबस्त इस साल कर पाना मुश्किल हो गया है।

बताया जा रहा है तेलीबांधा के सामने करीब पांच एकड़ जमीन की मांग की गई है। यहां के लिए फायर ब्रिगेड ने नगर निगम को प्रस्ताव भी भेजा लेकिन अभी तक यहां के लिए कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है।

जिले में आगजनी की घटनाओं पर नियंत्रण पाने के लिए मेटल पार्क, नवा रायपुर और फिर राजधानी में अलग-अलग फायर स्टेशन शुरू करने के लिए प्रस्ताव बनाया गया था। नगर निगम पानी टंकी के नीचे से फायर स्टेशन का संचालन हो रहा है लेकिन फायर विभाग के पास जितनी गाडिय़ां है उस हिसाब से स्टेशन में जगह की समस्या है।

गाडिय़ों के मेंटेनेंस व उसके लिए गैरेज और फिर विभाग के कर्मचारियों की ट्रेनिंग के लिए समस्या बनी हुई ऐसे में फायर विभाग ने नगर निगम से फायर स्टेशन किसी दूसरी जगह में शिफ्ट करने जगह की मांग है। वीआईपी रोड, सड्डू और दूसरे इलाकों में जगह की डिमांड करने के बाद तेलीबांधा में कृष्ण कुंज से लगे हुए 5 एकड़ जमीन में नए फायर स्टेशन के लिए प्रस्ताव बनाया गया है, हालांकि अभी तक इस पर सहमति नहीं पाई है।

औद्योगिक क्षेत्र के लिए आठ करोड़ खर्च

उरला, बीरगांव और सिलतरा क्षेत्र में आगजनी की घटना पर नियंत्रण के लिए सब स्टेशन बनाने निर्णय लिया गया है। फायर ब्रिगेड की ओर से लगभग 8 करोड़ रुपये की लागत से यहां नया सेटअप तैयार किया जा रहा है। फायर स्टेशन शुरू होने के बाद यहां स्टाफ नियुक्त किए जाएंगे। फायर स्टेशन की योजना दो साल पहले बनाई गई थी, बजट तय होने के बाद अब इसके लिए फंड भी जारी कर दिया गया है।

गर्मी में आगजनी के 500 से ज्यादा केस

फायर ब्रिगेड के पास दर्ज सूचनाओं के मुताबिक हर साल गर्मी के सीजन में 500 से ज्यादा जगहों पर आगजनी की घटना सामने आई है। इसमें छोटे-बड़े दोनों केस शामिल है। सबसे ज्यादा औद्योगिक क्षेत्र में आगजनी से नुकसान हुआ है। अब नए फायर स्टेशन के शुरू होने की स्थिति में राहत मिलने की उम्मीद है। औद्योगिक क्षेत्र में आगजनी की घटना पर काबू करने अभी तक ज्यादातर उद्योग निजी संस्था के भरोसे है। निजी उद्योगों से आग बुझाने के लिए अग्निशमन गाडिय़ों की व्यवस्था है।

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