Lok Sabha Seat : मैनपुरी में सपा की राह आसान नहीं

Lok Sabha Seat : मैनपुरी में सपा की राह आसान नहीं

Lok Sabha Seat: SP's path in Mainpuri is not easy

Lok Sabha Seat

Lok Sabha Seat : समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद खाली हुई मैनपुरी लोकसभा सीट से इस बार समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपनी धर्मपत्नि डिंपल यादव को मैदान में उतारा है। जिसकी वजह से इस सीट पर चुनाव रोचक हो गया है। किन्तु समाजवादी पार्टी के लिए राह आसान नहीं है। भाजपा ने इस सीट पर जीत दर्ज करने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वहां कई चुनावी सभाएं ली थी। भाजपा के अनेक दिग्गज नेता वहां अपनी पूरी ताकत झोंके हुए है।

दूसरी तरफ अखिलेश यादव भी इस सीट पर अपनी पार्टी (Lok Sabha Seat) का कब्जा बरकरार रखने के लिए कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ रहे है। उन्होने अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव के साथ भी समझौता कर लिया है। शिवपाल यादव भी लगातार धुंआधार चुनावी प्रचार कर रहे है और अपने दिवंगत भाई स्व. मुलायम सिंह यादव के योगदान की चर्चा कर क्षेत्र के मतदाताओं को भावनात्मक रूप से प्रभावित करने की कर संभव कोशिश कर रहे है। इसके बाद भी अखिलेश यादव को इस सीट से हार की आशंका सता रही है। गौरतलब है कि हाल ही में समाजवादी पार्टी के अभेद्य गढ़ कहे जाने वाले रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशियों ने अप्रत्याशित जीत दर्ज कर समाजवादी पार्टी के किले को ढहा दिया था।

रामपुर से आजम खान सांसद थे जिन्होने विधानसभा चुनाव लड़़ा और लोकसभा से इस्तीफा दे दिया था। इसी तरह आजमगढ़ से अखिलेश यादव सांसद थे और उन्होने भी विधानसभा चुनाव लड़ा और सांसद पद छोड़ दिया था। इन दोनों सीटों पर समाजवादी पार्टी की हार होने के बाद अब कहीं मैनपुरी सीट पर भी समाजवादी पार्टी को पराजय का सामना न करना पड़े इस बात को लेकर अखिलेश यादव चिंतित है और अपनी पूरी शक्ति लगा रहे है। समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद रिक्त हुई मैनपुरी संसदीय सीट पर हो रहे उपचुनाव में उनकी पुत्रवधू डिंपल यादव पार्टी की उम्मीदवार हैं लेकिन स्थानीय लोगों की मानें तो अपने ससुर मुलायम सिंह यादव की तरह डिंपल के लिए जीत की राह उतनी आसान नहीं है. कई लोगों का मानना है कि सपा संस्थापक के निधन के बाद डिंपल यादव जनता की सहानुभूति के चलते उनकी परंपरा को बरकरार रखेंगी. उपचुनाव के लिए पांच दिसंबर को मतदान और आठ दिसंबर को मतगणना होगी.

मुलायम सिंह यादव का 10 अक्टूबर को निधन हो गया और उनके निधन के बाद हो रहे मैनपुरी उपचुनाव में सपा प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को 10 नवंबर को पार्टी का उम्मीदवार घोषित किया गया.इस सीट पर पिछला लोकसभा चुनाव भी स्व. मुलायम सिंह यादव ने एक लाख से भी कम मतो के अंतर से जीता था। जबकि उन्हे बहुजन समाज पार्टी का समर्थन प्राप्त था। इस बार सपा और बसपा की राह अलग है।

बसपा ने यहां से अपना प्रत्याशी मैदान (Lok Sabha Seat) में नहीं उतारा है इसलिए बसपा समर्थक मतदाताओं का रूख किधर रहेगा यह कहा नहीं जा सकता। यदि बसपा का वोट बैंक भाजपा की तरफ खिसकता है तो समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी डिंपल यादव की राह और कठिन हो जाएगी। समाजवादी पार्टी को वैसे तो जदयू का भी समर्थन प्राप्त है लेकिन जदयू का उत्तर प्रदेश में कोई खास जनाधार नही है। इसलिए उन्हे जदयू के समर्थन से कितना लाभ मिलेगा यह कह पाना मुहाल है।

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