Good Sign : किसानों के लिए राहत...मानसून की विदाई में होगी देरी

Good Sign : किसानों के लिए राहत…मानसून की विदाई में होगी देरी

Good Sign : Relief for farmers... Monsoon farewell will be delayed

Good Sign

रायपुर/नवप्रदेश। Good Sign : कम बारिश के संकट का सामना कर रहे राज्य के किसानों के लिए राहत भरी खबर है कि मानसून के निकलने में देरी होने की संभावना है। अगर सितंबर के महीने में इसी तरह बारिश होती है तो यह खेतों के लिए काफी अच्छा होगा। मौसम वैज्ञानिक ऐसे ही संकेत दे रहे हैं कि इसी महीने मानसून सिस्टम बन रहा है।

मौसम विभाग ने आज यानि शनिवार को छत्तीसगढ़ के अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना जताई है। एक-दो स्थानों पर भारी बारिश और वज्रपात की आशंका भी जताई जा रही है। रायपुर मौसम विज्ञान केंद्र के विज्ञानी एचपी चंद्रा ने बताया, सितंबर के महीने में एक के बाद एक मानसूनी मौसमी तंत्र बनने से प्रदेश में अभी लगातार बारिश का दौर जारी रहने की पूरी संभावना बनी हुई है।

सामान्यत: 31 अगस्त से शुरू होती मानसून की विदाई

सामान्यत: 31 अगस्त से देश में दक्षिण-पूर्व मानसून की विदाई राजस्थान से शुरू होती है। इस वर्ष देश में अभी मानसून की विदाई शुरू नहीं हुई है। सितम्बर के महीने में लगातार मौसमी तंत्र बनने के कारण मानसून की विदाई राजस्थान से अभी संभव भी नहीं दिख रहा है। इसलिए इस वर्ष भी छत्तीसगढ़ से मानसून की विदाई में देरी (Good Sign) संभावित है। एचपी चंद्रा ने बताया, छत्तीसगढ़ में मानसून की बिदाई की कोई निश्चित तिथि नहीं है। सामान्य तौर पर 1 जून से 30 सितम्बर तक का मानसून सीजन माना जाता है। एक अक्टूबर से होने वाली वर्षा पोस्ट मानसून बरसात कही जाती है।

सक्रिय हैं कई मौसमी तंत्र

मौसम विज्ञानियों ने बताया, मानसून द्रोणिका जैसलमेर, पूर्वी राजस्थान, टीकमगढ़, पेण्ड्रा रोड, पारादीप और उसके बाद दक्षिण-पूर्व की ओर पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी तक, 1.5 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है। एक चक्रीय चक्रवाती घेरा पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी और उसके आसपास 7.6 किलोमीटर ऊंचाई तक स्थित है। इसके प्रभाव से अगले 24 घंटे में एक निम्न दाब का क्षेत्र बनने की संभावना है तथा उसके अगले 24 घंटे में प्रबल होकर अवदाब के रुप में परिवर्तित होने की संभावना है। जो छत्तीसग़ढ के लिए एक अच्छा संकेत (Good Sign) माना जा रहा है।

एक द्रोणिका उत्तर-पूर्व अरब सागर से पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी तक गुजरात, पूर्वी राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा होते हुए 3.1 किलोमीटर से 7.6 किलोमीटर ऊंचाई तक स्थित है। इस मानसूनी तंत्र के प्रभाव से आज प्रदेश के अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने अथवा गरज चमक के साथ छींटे पडऩे की संभावना है। प्रदेश में गरज चमक के साथ एक-दो स्थानों पर वज्रपात होने तथा भारी वर्षा होने की भी संभावना है।

इन जिलों में भारी बरसात की संभावना

मौसम विभाग के मुताबिक आज गरियाबंद जिले में अधिकांश स्थानों पर भारी से अति भारी बरसात की संभावना बन रही है। वहीं बिलासपुर, कोरबा, रायपुर, बलौदा बाजार, धमतरी, महासमुंद, बालोद, बेमेतरा, कबीरधाम, कोण्डागांव, कांकेर और नारायणपुर में अनेक स्थानों पर मध्यम से भारी बरसात हो सकती है। प्रदेश सरगुजा, बिलासपुर के अधिकांश क्षेत्रों, दुर्ग और बस्तर के आधे क्षेत्र में हल्की से मध्यम स्तर की बरसात की संभावना बताई जा रही है।

अभी तक 13% कम बरसात

छत्तीसगढ़ में एक जून से आज सुबह 8.30 बजे तक 901 मिलीमीटर बरसात हुई है। यह सामान्य औसत बरसात 1030.8 मिमी से 13 प्रतिशत कम है। प्रदेश के 8 जिलों में बहुत कम पानी बरसा है। 18 जिलों में सामान्य बरसात है, लेकिन एक-दो को छोड़कर सभी 20 प्रतिशत तक कम पानी बरसा है। एकमात्र सुकमा जिले में सामान्य से 42 प्रतिशत अधिक बरसात दर्ज हुई है।

अगस्त में हुई कम बारिश

प्रदेश में मानसून की शुरुआत सामान्य रही। मानसून सक्रिय होने से पहले ही स्थानीय मौसमी तंत्र के प्रभाव से प्रदेश में छिटपुट बरसात शुरू हो गई थी। 9-10 जून की रात मानसून छत्तीसगढ़ पहुंच गया। यह सामान्य से पहले था। जून में सामान्य से अधिक बरसात हुई। जुलाई में स्थिति सामान्य रही। लेकिन अगस्त में बरसात दूर रही। मुश्किल से 9-10 दिन बरसात हुई, वह भी सामान्य।

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