Paddy Politics : खाद्य मंत्री भगत का निर्देश, धान खरीदी के लिए संभाग स्तर पर कलेक्टर करें समीक्षा, नेता प्रतिपक्ष ने किया वार

Paddy Politics : खाद्य मंत्री भगत का निर्देश, धान खरीदी के लिए संभाग स्तर पर कलेक्टर करें समीक्षा, नेता प्रतिपक्ष ने किया वार

Food Minister Bhagat's instructions, collector should review at divisional level for paddy purchase, Leader of Opposition attacked

Paddy Politics

रायपुर/नवप्रदेश। Paddy Politics : खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री अमरजीत भगत के निर्देश पर धान खरीदी से पहले ही धान खरीदी एवं कस्टम मिलिंग की तैयारियों को लेकर संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक के लिए तिथि निर्धारित कर दी गई है। खाद्य विभाग ने इसके लिए प्रदेश के सभी संभागायुक्तों और कलेक्टरों को पत्र जारी कर दिया गया है। संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक में कलेक्टरों की उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई है।

संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक में 17 नवम्बर को बिलासपुर संभाग में धान खरीदी की तैयारियों की समीक्षा की जाएगी। इसी प्रकार 18 नवम्बर रायपुर संभाग, 19 नवम्बर को दुर्ग संभाग, 20 नवम्बर को बस्तर संभाग और 21 नवम्बर को सरगुजा संभाग में धान खरीदी की तैयारियों की समीक्षा की जाएगी।

उल्लेखनीय है कि खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा अनुरूप 1 दिसम्बर 2021 से किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी (Paddy Politics) किया जाना है। धान खरीदी के लिए आयोजित होने वाले संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक में धान खरीदी व्यवस्था से संबंधित जिला स्तर के अधिकारियों-खाद्य नियंत्रक, खाद्य अधिकारी, जिला विपणन अधिकारी, अपैक्स बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधक, राज्य भंडार गृह निगम एवं कृषि विभाग के जिला प्रबंधकों को बैठक में उपस्थित होने को कहा गया है।

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Dharmlal Kaushik

धरमलाल कौशिक का आरोप

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने धान खरीदी को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार पर निशाना (Paddy Politics) साधते हुए कहा कि प्रदेश में धान कटाई जोरों से चल रही है, लेकिन सरकार किसानों को नजर अंदाज कर राजनीतिक रोटी सेंकने में मशगूल है। कौशिक का मानना है कि प्रदेश में खासकर छोटे वर्ग के किसान सरकार की अकर्मण्यता का शिकार हो रहे हैं। धान खरीदी में देरी होने के कारण किसान मंडी में जाकर साढ़े 13-14 सौ में धान बेचने पर मजबूर हैं। धान खरीदी की व्यवस्था धरातल पर दिखाई नहीं दे रही है। राज्य सरकार को बारदाने की आपूर्ति सार्वजनिक करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछले साले किसानों से जो बोरा लिए गए हैं उस बोरे का दाम भी अब तक नहीं मिला है।

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार की नीयत कम से कम धान खरीदी करने पर है, जिससे प्रदेश के छोटे किसानों को सबसे ज्यादा नुकसान होगा। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि जो छोटे किसान आज मंडियों में जाकर धान बेचने मजबूर हैं,उन किसानों को चिन्हित कर उनकी धान को पहले खरीदा जाए और उन्हें 25 सौ रुपए का लाभ दिया जाये। अन्यथा ऐसे किसानों का शोषण होना तय है। सरकार किसानों के हितैषी होने का ढोंग ना रचा कर उनके हित की सोचे।

साथ ही कौशिक ने कहा कि प्रदेश में बेमौसम बारिश से किसानों को काफी नुकसान हो रहा है। किसानों के कटे धान पानी में भीग गए हैं जिससे धान बदरंग हो चुका है, ऐसे में किसान (Paddy Politics) काफी चिंतित है। उन्होंने कहा कि सरकार कलेक्टर से सर्वे करवाकर किसानों को क्षतिपूर्ति दी जाए। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले साल किसानों की क्षतिपूर्ति की भरपाई अब तक नहीं की गई है। कांग्रेस को इसमें राजनीति करने के बजाए भरपाई पर ध्यान दें।

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