Drunk Young : ड्रग्स के मकडज़ाल में फंसता युवा...

Drunk Young : ड्रग्स के मकडज़ाल में फंसता युवा…

Drunk Young

Drunk Young

Drunk Young : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी मानते थे, शराब आत्मा और शरीर दोनों का पतन करती है। यूं तो मनुष्य नशीले पदार्थ जैसे शराब, भांग इत्यादि का सेवन हज़ारों सालों से करता आ रहा है, लेकिन जैसे-जैसे विज्ञान ने प्रगति की है, वैसे-वैसे नए-नए और भी नशीले पदार्थ बाजार में आ गए। अफीम, चरस, गांजा, कोकीन, हेरोइन, बाथ साल्ट्स, एक्सटेसी, कैनाबिनोइड्स, अम्फेटमिन्स इन नशीले पदार्थों की ही श्रेणी में शामिल हैं।

ये सभी पदार्थ सेहत के लिए अत्यंत हानिकारक है। नशा समाज में अपराध, गरीबी, बेरोजगारी,भुखमरी जैसी समस्याओं को जन्म देने के साथ-साथ प्राणी को हिंसक प्रवृत्ति की ओर ले जाता है। शिक्षक, धर्मगुरुओं, अभिभावकों, एनजीओ आदि भी नशाखोरी रोकने में एक बड़ी और सकारात्मक भूमिका अदा कर सकते हैं।

जहन में ये सवाल कौंधते हैं, युवाओं में नशाखोरी (Drunk Young) का सबब क्या है ? नशीले पदार्थों का सेवन अपने आपको आल इज़ वेल महसूस करता है। जो व्यक्ति अवसाद की चरम सीमा पर होते हैं, तो ऐसे एडिक्टेड युवा मादक पदार्थों के सेवन की ओर अग्रसर होते हैं। अक्सर देखा जाता है, कॉलेज, स्कूल और खेलकूद प्रतियोगिताओं में अपने प्रदर्शन को उत्कृष्ट करने के लिए नौजवान विशेष प्रकार के नशीले पदार्थों का सेवन करते हैं। दोस्तों के कहने पर भी युवा नशाखोरी की गिरफ्त में आ जाते हैं।

मां – बाप और घर की बेरुखी मिलना भी एक वजह हो सकती हैं। सिनेमा और विदेशी चैनल, इंटरनेट की अश्लील सामग्री का प्रभाव भी नशाखोरी की लत हो सकता है। नशेडिय़ों के चंगुल में फंस जाने से भी व्यक्ति को नशाखोरी की आदत पड़ सकती है। इस भयावह मंजर के लिए आखिर जिम्मेदार कौन हैं ? युवा पीढ़ी आजकल पाश्चात्य संस्कृति की ओर अग्रसर है,जबकि पश्चिम के देशों में नशीले पदार्थों का बेइंतहा सेवन होता है। आप यह जान कर चौकेंगे देश-विदेश के नामचीन चहेरे नशीले पदार्थो के सेवन में लिप्त हैं।

यूनाइटेड नेशंस ऑफिस ऑन ड्रग्स एंड क्राइम – 2019 की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में 3,82,000 किलो, थाईलैंड में 1,68,484 किलो ,मेक्सिको में 1,47,902 किलो और सऊदी अरबिया मैं 70,663 किलो ड्रग्स की बरामदगी की गई थी। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो 2015 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में असम, पंजाब, कर्नाटक, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, केरल, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश सरीखे सूबों से समय – समय पर चरस 14,554 किलो, अफीम 1,51,059 किलो, हेरोइन 2505 किलो, गांजा 3,08,939 किलो और एलएसडी 73,117 किलो की बड़ी खेप छापेमारी मे बरामद हुई हैं।

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े तो और भी चौंकाते हैं। नशे (Drunk Young) के सेवन से बड़ी-बड़ी हस्तियों ने अपनी जीवनलीला समाप्त कर चुके हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार 2019 में भारत में 7,790 लोगों ने नशीले पदार्थों का सेवन कर अपनी जान गवां दी। आंकड़ों की तुलनात्मक स्टडी बताती है, यह आंकड़ा साल दर साल बढ़ रहा हैं। ताज़ा उदाहरण के तौर पर बॉलीवुड के स्टार सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड केस के बाद नारकोटिक्स कण्ट्रोल ब्यूरो ने इस तरह की गतिविधयों में लिप्त और छोटी से लेकर बड़ी हस्तियों के नाम उजगार किए हैं। ये अभी इन्वेस्टीगेशन के दायरे में हैं।

हम अपने आसपास देखते हैं, समाज में चुनिंदा लोगों का दो वक्त की रोटी का भी प्रबंध करना मुश्किल हो जाता है। इसका मुख्य कारण परिवारजनों का नशाखोरी में लिप्त होना होता हैं। कड़वा सच यह है, कमाई का एक बड़ा हिस्सा नशाखोरी में बर्बाद हो जाता हैं। यूं तो अथक प्रयास के बाद धन की भरपाई संभव है, लेकिन सेहत की रिकवरी असंभव हो जाती है। यदि घर में किसी को नशे की आदत हो जाए तो इसका कुप्रभाव घर के दीगर सदस्यों पर भी पड़ता है।

नशेखोरी की वजह से कई परिवारों को टूटते हुए भी देखा जाता हैं। ऐसे ड्रग्स एडिक्टेड लोग अपने परिवार के बाकी सदस्यों पर वार करने से भी नहीं चूकते हैं। नाशापूर्ति (Drunk Young) करने के लिए व्यक्ति परिजनों के पर्स या तिजोरी से पैसे चुरा लेते हैं। दोस्तों और रिश्तेदारों से भी उधार मांगने पर भी नहीं हिचकते है । आखिर नशाबंदी के उपाय क्या है? हमें ध्यान देना होगा, कोई भी युवा घर में देर रात्रि से प्रवेश क्यों रहा है? और उसके मुंह से किसी प्रकार की बदबू या उसकी चाल ढाल में कोई परिवर्तन तो नहीं आया है। या किसी ऐसे व्यक्ति के साथ आना जाना तो नहीं हैं जो नशे जैसे व्यसनों में लिप्त रहता है। अगर इस तरह की गतिविधियों में युवा शामिल हैं तो उसकी काउंसलिंग तत्काल करवाई जाए।

उन्हें इन सब चीजों से दूर रहने का सुझाव देकर उन पर पैनी नजऱ रखी जाए। जिस तरह बिहार, गुजरात ,त्रिपुरा ,मिजोरम के मुख्यमंत्रियों ने नशे से होने वाले राजस्व की भरपाई की चिंता न करके शराब जैसे नशीले पदार्थ को बंद करके कल्याणकारी कार्य किया है। मध्य प्रदेश सरकार अवैध शराब का कारोबार करने वालों पर लगाम लगाने के लिए बड़ा फैसला लेने जा रही है।

एमपी कैबिनेट आबकारी कानून में बदलाव कर अवैध शराब का कारोबार करने वालों के खिलाफ मौत की सजा या 50 लाख रुपए के जुर्माने के प्रावधान को मंजूरी दे सकती है। यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से भी निवेदन है, वह भी सभी प्रकार के नशीले पदार्थो पर पूरी तरह से पाबन्दी लगाए। इस तरह के पदार्थो की तस्करी में लिप्त लोगों को सख्त से सख्त सजा देने का कानून बनाए।

7 दिसंबर, 1987 को यूनाइटेड नेशंस ऑफिस ऑन ड्रग्स एंड क्राइम (Drunk Young) की महासभा ने 26 जून को अंतर्राष्ट्रीय ड्रग्स दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया, जिसका मुख्य मकसद अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर समाज को नशा मुक्त बनाना हैं। अंतत: जब तक सरकार और समाज नशाखोरी के प्रति कठोर कदम नहीं उठाएंगे, तब तक नशेखोरी से मुक्ति नहीं मिलगी।

(लेखक प्रतिष्ठित प्राइवेट यूनिवर्सिटी में फॉरेंसिक विभाग के एचओडी हैं।)

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