DEO ने कलेक्टर को दी गलत जानकारी, मामला दर्ज कराने की मांग…
पीड़ित पालकों ने लगाया धोखाधड़ी का आरोप
राजनांदगांव/नवप्रदेश। DEO : कोरोना काल में कई प्रायवेट विद्यालय बंद हो गए और इनमें प्रवेशित बच्चों ने अन्य स्कूलों में प्रवेश ले लिया। इन बंद स्कूलों में शिक्षा का अधिकार कानून के अंतर्गत प्रवेशित बच्चे आज भी नि:शुल्क शिक्षा पाने भटक रहे है। अब इन बच्चों को किसी अन्य स्कूलोंं में प्रवेश दिलाने की पूर्ण जिम्मेदारी जिला शिक्षा अधिकारी की होती है।
जिला शिक्षा अधिकारी ने इन गरीब बच्चों को किसी भी अन्य स्कूलोंं में प्रवेश नहीं दिलाया गया था। जिससे इन गरीब बच्चों का एक साल बर्बाद हो चुका था। अब पीड़ित पालक जिला प्रशासन से लेकर राज्य शासन तक शिकायत कर जिला शिक्षा अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की मांग कर रहे है।
पीड़ित पालकगण इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में भी याचिका दायर कर दिया गया है। कलेक्टर ने भी मामले को टीएल में ले लिया है। जिसको लेकर अब एक साल के बाद शिक्षा विभाग हरकत में आया है। आनन-फानन में बंद पड़े ग्रीन फिल्ड सीआईटी स्कूल के आरटीई के बच्चों को शासकीय बालक प्राथमिक शाला, गंजपारा, अंग्रेजी माध्यम में 61 बच्चों को कक्षा पहली से लेकर पांचवी तक की कक्षाओं में प्रवेश दिलाया गया है।
मिथ्या जानकारी देकर फंसे DEO
जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) हेतराम सोम के द्वारा अपर कलेक्टर (नोडल अधिकारी-समय सीमा) को इसी वर्ष 3 जुलाई को लिखित यह जानकारी दिया गया कि, उनके द्वारा इन बच्चों को शासकीय बालक प्राथमिक शाला, गंजपारा, अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में कक्षा पांचवी में प्रवेश दिला कर प्रवेश की कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है, जबकि पालकों का आरोप है कि यह जानकारी पूर्णत: मिथ्या है। क्योंकि इस स्कूलों के द्वारा स्वयं 1 जुलाई 2021 को यह जानकारी विकासखंड जिला शिक्षा अधिकारी को दे दिया गया था और बीईओ के द्वारा यह जानकारी 3 जुलाई को जिला शिक्षा अधिकारी को दिया गया था।
ना है पर्याप्त शिक्षक ना है कमरें
स्कूलों में कक्षा पांचवी अंग्रेजी माध्यम में संचालित हो ही नहीं रहा है और ग्रीन फिल्ड के बच्चों को बैठने के लिए इस स्कूलों में ना तो पर्याप्त कमरें है और ना ही पर्याप्त शिक्षक है। पीडि़त पालकों ने कलेक्टर से मांग किया है कि जिला शिक्षा अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही कर, विद्यार्थियों की शिक्षा पूर्ण कराने की समुचित व्यवस्था कराया जावे।
इस पूरे प्रकरण में पहले ही जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) घिरते नजर आ रहे थे और अब कलेक्टर को टीएल में मिथ्या जानकारी देकर गुमराह कर दिया गया है। पीडि़त पालक पुन: सोमवार को कलेक्टर से मिलकर डीईओ के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराने की मांग करने जा रहे है। पालकों का कहना है कि पहले ही उनके बच्चों का एक साल बर्बाद हो चुका है और अब भी जिला शिक्षा अधिकारी कलेक्टर को मिथ्या जानकारी देकर गुमराह कर रहे है।