Corona Warrior : जिनके बूते जीत रहे हैं जंग वहीं फिर सड़क पर…

Corona Warrior : जिनके बूते जीत रहे हैं जंग वहीं फिर सड़क पर…

Corona Warrior: On whose strength they are winning the war and then on the road…

Corona Warrior

CM के आदेश के बाद भी कमेटी ने नहीं दी रिपोर्ट तो उग्र हुआ आंदोलन

रायपुर/नवप्रदेश। Corona Warrior : एक तरफ पूरा देश 100 करोड़ टीकाकरण का जश्न मना रहा है, और कहीं कोरोना योद्धा को इसका श्रेय दे रहा है, दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ में कोरोना योद्धा लगभग 61 दिनों से अपनी मांगों को लेकर सड़क पर हैं। दरअसल, कोरोना काल में अस्थायी रूप से भर्ती किए गए कोरोना योद्धाओं की चरणबद्ध समाप्ति को लेकर गुस्साए स्वास्थ्यकर्मी आंदोलन कर रहे हैं। सेवा बढ़ाने की मांग को लेकर रायपुर के धरना स्थल पर पिछले 61 दिनों से आंदोलनकारी दिन-रात आंदोलन स्थल पर प्रदर्शन कर रहे हैं।

दरअसल, सीएम भूपेश बघेल के आदेश के बाद एक कमेटी गठित की गई थी, जिसमें एक माह के भीतर रिपोर्ट सौंपना था। जिसकी 17 अक्टूबर अंतिम तीथी थी, लेकिन आज के तारीख तक कोई रिपोर्ट नहीं आई है। न ही उनसे कुछ पूछा गया, जिससे नाराज कोरोना वॉरियर्स ने मोर्चा खोल दिया है।

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कोरोना योद्धाओं का आरोप- समिति के लोगों को कुछ नहीं पता

कोरोना योद्धाओं (Corona Warrior) का कहना है कि समिति में शामिल लोगों को ही पता नहीं होता है कि कोई समिति बनी है और वे इसके सदस्य हैं। इससे ही स्पष्ट है कि सरकार क्षणीक रूप से कमेटी गठित का ऐलान कर समस्या का समाधान नहीं, बल्कि आंदोलन को दबाने की कोशिश किया है। ऐसे में वे घेराव करने के लिए जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने बैरिकेड लगाकर रोक लिया।

एक दर्जन से अधिक लोगों की बिगड़ी थी तबीयत

बता दें कि सेवा वृद्धि की मांग को लेकर पिछले 61 दिनों से आंदोलन कर रहे आंदोलनकारियों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अब तक करीब 30 लोगों की धरना स्थल पर ही तबीयत बिगड़ी, जिसमें से करीब 20 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका है, जिसमें से अधिकतर लोगों में टाइफाइड डेंगू मलेरिया जैसे बीमारियों का सामना करना पड़ा। हालांकि सभी की हालात ठीक है, अधिकतर लोगों को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। वहीं कोरोना योद्धा ठीक होने के बाद दोबारा धरना प्रदर्शन पर अपना आंदोलन जारी रखते हैं।

क्रांतिकारी कोरोना योद्धा (Corona Warrior) संघ के प्रदेश अध्यक्ष हुमेश जायसवाल सहित अन्य आंदोलनकारियों का कहना है कि जान जोखिम में डालकर पहले ही लोगों की सेवा की, अब स्थिति में सुधार होते ही हमें निकाल दिया गया। अपना रोजगार, अपनी नौकरी बचाने की जिम्मेदारी हमारी है। विपरीत परिस्थितियों में जब हमें अपनी जान की ही परवाह नहीं है, तो यह हमारे रोजी-रोटी की लड़ाई है, यह लड़ाई हमारी अपनी है, तो हम कैसे पीछे हटेंगे?

उनका कहना है कि हमारे साथियों का हौसला अभी भी कम नहीं हुआ है, बल्कि हौसले दिनों दिन और बुलंद होते जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सभी साथियों की हालत अभी स्थिर है। जिन्हें जहरीले सांप ने काटा था, वह अभी ठीक होते जा रहे हैं। अभी वह खतरे से बाहर हैं, उनके साथ-साथ जितने भी लोग हैं, जो अस्वस्थ हैं. उनकी भी हालात अभी ठीक है।

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