कांग्रेस साफ-सुथरी छवि वाले प्रत्याशी पर खेलेगी दांव, महापौर के आधा दर्जन दावेदार

कांग्रेस साफ-सुथरी छवि वाले प्रत्याशी पर खेलेगी दांव, महापौर के आधा दर्जन दावेदार

Congress will bet on a candidate with a clean image, half a dozen contenders for the post of mayor

Bilaspur mayor Election

परिसीमन के बाद बने नए वार्डों से मतदाता करेंगे मेयर पद का फैसला

बिलासपुर/नवप्रदेश। Bilaspur mayor Election: महापौर पद के लिए ओबीसी आरक्षित होने के बाद कांग्रेस से दावेदारों के चेहरे सामने आने लगे, जिसमें मुख्य रुप से जिला सहकारी केंद्रीय मर्यादित बैंक के पूर्व अध्यक्ष प्रमोद नायक, वर्तमान महापौर रामशरण यादव और जिला कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ के अध्यक्ष लक्की यादव एवं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय समन्वयक त्रिलोक श्रीवास का नाम शामिल है।


वर्ष 2014 के बाद इस बार भी महापौर का चुनाव जनता द्वारा प्रत्यक्ष किया जाना है और महापौर का पद ओबीसी के लिए आरक्षित होने के बाद कांग्रेस से दावेदारों की कतार लगी हुई है, जिसमें पूर्व महापौर भी शामिल हैं, लेकिन प्रदेश में भाजपा की सरकार होने के कारण अब कांग्रेस महापौर (Bilaspur mayor Election) के लिए साफ-सुथरी छवि वाले प्रत्याशी पर ही दांव लगाएगा क्योंकि और केंद्र में भाजपा की सरकार होने के कारण नगर निगम में शासन करना आसान नहीं होगा।

फिलहाल अपने साफ-सुथरी छवि के लिए पहचान बनाने वाले जिला सहकारी केेंद्रीय बैंक के पूर्व अध्यक्ष प्रमोद नायक जो अपने बैंक अध्यक्षता के तीन साल के कार्यकाल में कोर बैकिंग, लगभग 20 एटीएम और जीरो शार्टेज में धान खरीदी के साथ सहकारी बैंक को दो सौ करोड़ रुपए के लाभ तक पहुंचाया और अध्यक्ष रहते बैंक का सफल संचालन किया। दूसरी ओर वर्तमान महापौर रामशरण यादव के साथ ही लक्ष्मी साहू, विनोद साहू, श्याम कश्यप, ममता साहू, राजेश जायसवाल, भरत कश्यप, सावित्री देवी, भूपेंद्र साहू भी ओबीसी वर्ग से दावेदारी कर रहे हैं। अब 70 वार्ड के आम मतदाता सीधे महापौर का चुनाव कर निर्वाचित करेंगे।

वर्तमान महापौर भी टिकट के दावेदार

वर्तमान महापौर रामशरण यादव भी एक बार फिर कांग्रेस से महापौर के टिकट के दावेदार हैं, जो वर्ष 2014 के महापौर चुनाव में अपने निकटतम प्रतिद्धंदी किशोर राय से करीब 35 हजार मतों से पराजित हो गए थे। उस समय भी महापौर को जनता द्वारा प्रत्यक्ष चुना गया था। पिछले विधानसभा चुनाव के समय कांग्रेस में टिकट की खरीद-फरोख्त को लेकर उनका एक आडियो वायरल होने पर उन्हें कांगे्रस से निष्कासित कर दिया गया था। उनका वर्तमान कार्यकाल में शामिल हुए नए वार्डो में जहां पर कुछ विशेष विकास के कार्य नहीं दिखे और पहली बार निगम में शामिल होने वाले नगर पंचायत और पंचायत के मतदाताओं को अब महापौर के नए चेहरे की तलाश है। कुछ जगहों पर तो आम लोगों का कहना है कि हम लोग पंचायतों में ही ठीक थे और समय पर समस्याओं का समाधान हो जाता था।

इन्हें भी करना होगा संतुष्ट

महापौर का चुनाव जनता द्वारा प्रत्यक्ष किया जाना है ऐसे में नगर निगम में शामिल पंचायतों का भी मतदान निर्णायक होगा। गौरतलब है कि वर्ष 2019 में शहर के आसपास के 18 नगर पंचायत एवं ग्राम पंचायतों को नगर निगम में शामिल कर लिया गया था, जिनमें तिफरा, सिरगिट्टी, सकरी, मंगला, उसलापुर, अमेरी, घुरु, परसदा, दोमुहानी, देवरीखुर्द, मोपका, चिल्हाटी, लिंगियाडीह, बिजौर, बहतराई, खमतराई, कोनी और बिरकोना के सैकड़ों मतदाता हैं जिसे महापौर प्रत्याशी को रिझाना होगा और इन क्षेत्रों के मतदाता का महापौर चुनाव में विशेष योगदान रहने की संभावना है। जिन प्रत्याशियों द्वारा यहां के मतदाताओं को संतुष्ट कर लिया जाएगा लगभग वह जीत के करीब होगा।

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