Congress Crisis : सियासी सरगर्मी से सराबोर छतीसगढ़ की सत्ता व संगठन
रायपुर/नवप्रदेश। Congress Crisis : मंत्री टीएस सिंहदेव के पंचायत विभाग छोड़ने के बाद छत्तीसगढ़ कांग्रेस की सत्ता और संगठन में सियासी सरगर्मी जारी है। कल रात विधायक दल की बैठक में सिंहदेव के खिलाफ मुखर हुए विधायकों ने भोजन के समय एक ऐसा पर्चा घुमाया जिस पर मंत्री जय सिंह अग्रवाल को छोड़ 61 विधायकों और मंत्रियों ने हस्ताक्षर किए।
इन लोगों की मांग है कि सिंहदेव ने अनुशासनहीनता की है उन पर कार्यवाई की जाए। यही हस्ताक्षर युक्त पत्र आलाकमान को भेजा जाना है।
आज राष्ट्रपति चुनाव के लिए विधानसभा परिसर में एकत्रित हुए विधायक व मंत्रियों के साथ टीएस सिंहदेव भी वोट डालने पहुंचे थे। जिनका मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से आमना सामना तो हुआ लेकिन बातचीत नहीं हुई।
गौरतलब है कि विभाग छोड़ने (Congress Crisis) संबंधी 4 पेज का पत्र जारी करने के बाद दोनों ही नेता मीडिया में यह बताते रहे कि टेलीफोनिक बातचीत की कोशिश की लेकिन नहीं हो पाई।
आमने सामने हुए पर बातचीत नहीं
आज विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत के कमरे में उनकी मौजूदगी में दोनों वरिष्ठ नेताओं की मुलाक़ात तो हुई लेकिन बातचीत क्या हुई, यह किसी को पता नहीं। हालांकि विधानसभा परिसर में मौजूद पत्रकारों से बातचीत में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि, कल वह दिल्ली जा रहे है और आला कमान से मिलने का समय माँगा है। उनका कहना है कि अब कोई नेता दिल्ली जाता है ताे हाईकमान से मिलने का समय मांगता ही है। मैंने भी मांगा है। मिलता है तो सभी मुद्दों पर बात होगी।
विधायक दल की बैठक में उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग संबंधी सवाल पर सिंहदेव ने कहा, सभी अनुभवी विधायक हैं। लंबे समय से राजनीतिक जीवन में हैं। उनका अपना दृष्टिकोण है। अगर उन्हें लगता है कि यह अनुशासनहीनता है तो उनको अपनी राय रखने की स्वतंत्रता है। मैंने उस पत्र के माध्यम से बस अपनी मंशा सामने रखी थी।
सिंहदेव ने कहा, वे 20 को विधानसभा में नहीं रह पाएंगे। 21 को भी शायद न लौट पाएं। उस दिन विधानसभा में उनके विभागों से जुड़े प्रश्न होने हैं। अगर नहीं आ पाऊंगा तो किसी साथी मंत्री ने निवेदन कर लूंगा कि उनके विभागों के प्रश्नों का जवाब दे दें। 22 जुलाई को विधानसभा की कार्यवाही में आ जाएंगे।
केंद्रीय मंत्री ने भी उठाए थे कामकाज पर सवाल
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा, पिछले दिनों केंद्रीय पंचायती राज मंत्री छत्तीसगढ़ के दौरे पर आए थे। अपने दौरे की शुरुआत में ही उन्होंने टिप्पणी की थी कि छत्तीसगढ़ प्रधानमंत्री आवास और रोजगार गारंटी में खराब काम कर रहा है। उस बात को भी मैंने अपने ऊपर लिया। मैं अगर मंत्री हूं तो विभाग के खराब काम का पहला दायित्व मेरा है। यह बात थी कि मैं उस विभाग में न रहूं तो शायद बेहतर काम हो। कुछ प्रस्ताव थे जो नहीं हो पा रहे थे। तो शायद उस विभाग में मंत्री के रूप में मैं कारगर नहीं हो पा रहा था।
पत्र लिखने से पहले मुख्यमंत्री को फोन किया था
टीएस सिंहदेव ने बताया, इस्तीफे का पत्र लिखने से दो दिन पहले उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से फोन पर बात की थी। उनको अपना पक्ष बताया। पत्र लिखने से पहले भी उनको फोन किया। घंटी बजी लेकिन बात नहीं हो पाई। शायद उनकी कहीं अन्यत्र व्यस्तता थी। पुनिया जी को भी फोन किया था। उस दिन पीसीसी की बैठक थी तो उनका भी फोन नहीं उठा। बाद में उन्होंने फोन किया था, तब उनको पूरी बात बताई। उन्होंने कहा, इस पर बात करते हैं। आज भी मैं वोट डालकर आ रहा था, मुख्यमंत्री जी वोट डालने जा रहे थे। मुलाकात हुई। दुआ-सलाम भी (Congress Crisis) हुआ।