Exclusive: छत्तीसगढ़ में 120 रु. के पार बिक सकती है प्याज, वजह पड़ोसी राज्य…
महाराष्ट्र में स्थित एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव में सात हजार प्रति क्विंटल मिले प्याज को दाम, 72 साल में पहली बार ऐसा
यास्मिन शेख/नाशिक। छत्तीसगढ़ (chhattisgarh) में प्याज (onion) लोगों को और रुलाने जा रही है। यहां अच्छी किस्म की प्याज के दाम (price) 120 रुपए प्रति किलो के पार (above 120 rupees) जा सकते हैं।
वजह साफ है- हमारे पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र के नाशिक जिले में स्थित लासलगांव स्थित एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी में प्याज के दामों में रिकॉर्ड वृद्धि। गुरुवार को लासलगांव मंडी में गर्मी की अच्छी किस्म की प्याज को 7 हजार रुपए प्रति क्विंटल दाम मिला। यह लासलगांव मंडी के 72 साल के इतिहास में प्याज को मिले सर्वाधिक दाम हैं।
बहरहाल किसानों के लिए इस अच्छी खबर के बीच आम लोगों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच सकती हैं। छत्तीसगढ़ की ही बात करें तो फिलहाल यहां अच्छी किस्म की प्याज 100 रुपए किलो बिक रही है। प्रदेश के बाजार विशेषज्ञों की मानें तो अब लासलगांव मंडी में दाम बढऩे पर छत्तीसगढ़ (chhattisgarh) में प्याज (onion) के दाम (price) 120 रुपए प्रति (above 120 rupees) किलो के पार जा सकते हैं।
2015 व 2010 में मिले थे ऊंचे दाम
इस्से पहले 22 अगस्त 2015 में गर्मी की प्याज को 6 हजार 326 रुपये प्रति क्विंटल का दाम मिल था। जबकी 22 दिसंबर 2010 को लाल प्याज 6 हजार 200 रुपये प्रति क्विंटल बिकी थी।
इन कारणों से बढ़े दाम
मांग की तुलना में कम आवक
देशभर में प्याज की मांग की तुलना में कम होती आवक ने प्याज को लासलगांव मंडी के इतिहास में सबसे अधिक दाम दिलाया। बीते 24 घंटों में (गुरुवार शाम तक)मंडी मेंं प्याज के दामों मे 700 रुपए तक की बढ़ोतरी हुई है।
मानसून रिटर्न की बारिश
अक्टूबर व नवंबर माह में मानसून रिटर्न की जो बारिश हुई, उससे प्याज की फसल को काफी नुकसान हुआ। खेतों में निकाल कर रखी गई प्याज सड़ गई। इसी बीच दक्षिण में प्याज की आवक कम हुई। देश के विभिन्न राज्यों में नाशिक एक मात्र ऐसा जिला है, जो सबसे ज्यादा प्याज उपलब्ध करता है, लेकिन इस बार नाशिक में मानसून रिटर्न की जोरदार बारिश हुई, जिससे प्याज की फसल बर्बाद हो गई।
बेअसर रहे आयकर के छापे
प्याज के आसमान छूते दामों के बीच केंद्र सरकार के आदेश पर आयकर विभाग ने प्याज व्यापारियों के निवास और गोदामों पर छापामार कार्रवाई भी की ताकि दाम नियंत्रित किए जा सके। लेकिन ये प्रयास भी विफल साबित हुए।
किसनों को लाभ नहीं
गुरुवार को लासलगांव मंडी में प्याज को सर्वाधिक दाम मिला लेकिन इसका फायदा किसान को नहीं होगा क्योंकि किसान के पास अत्यंत कम प्याज है।
-निवृत्ती न्याहाकर, प्याज उत्पादक किसान
दो माह राहत नहीं
मानूसन रिटर्न की बारिश काफी ज्यादा हो गई। इससे प्याज की फसल को बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है। मांग में भी वृद्धि हुई है। इसलिए लासलगांव मंडी के 72 वर्षों के इतिहास मेंं गुरुवार को प्याज को सर्वाधिक दाम मिले। जनवरी माह तक यही स्थिती रहेने की आशंका है।
-सुवर्णा जगताप , सभापती, लासलगांव कृषि मंडी