Big Breaking : बीरगांव में पूर्ण बहुमत नहीं, निर्दलीय के भरोसे महापौर, ऐसे बनेगी रणनीति….

Big Breaking : बीरगांव में पूर्ण बहुमत नहीं, निर्दलीय के भरोसे महापौर, ऐसे बनेगी रणनीति….

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रायपुर/नवप्रदेश। Birgaon Counting : बीरगांव नगर निगम में मतगणना पूरी हो गई है। 40 सीटों में किसी भी दाल को पूर्ण बहुमत हासिल नहीं हो पाया है। अब पेंच महापौर फसेंगा, जिसके लिए निर्दलीयों का साथ लेना जरुरी हो गया है।

दरअसल, बीरगांव में 40 सीटों में से कांग्रेस के 19 प्रत्याशियों ने जीत हासिल किया है। वहीं भाजपा के 10 प्रत्याशी, जनता कांग्रेस छतीसगढ़(जे) के 6 और निर्दलीय 5 प्रत्याशियों ने जीत दर्ज किया है। मतदान के आंकड़े के अनुसार किसी भी दल ने बीरगांव में पूर्ण बहुमत हासिल नहीं किया है। ऐसे में अब महापुर बनाने के लिए पेंच फंसता हुआ नजर आ रहा है।

बीरगांव ( Birgaon Counting )में मेयर बनाने के लिए 21 पार्षदों की जरूरत है। जिसमे कांग्रेस और भाजपा को महापौर बनाने के लिए निर्दलीय पार्षदों का साथ लेना पड़ेगा। जिसके लिए रस्साकशी शुरू भी हो गई है।

नगर निगम में भाजपा का दबदबा था, यही कारण है कि भाजपा अपने 10 पार्षदों के साथ निर्दलीय पार्षदों को मिलाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाएंगे। वही सत्ताधारी दल कांग्रेस पुरजोर कोशिश करेगी कि नवनिर्वाचित 19 पार्षदों के साथ निर्दलीय पार्षदों को मिलाकर अपना महापौर बनाएं। उसमें कांग्रेस को कम मेहनत करना होगा। कांग्रेस को केवल 2 निर्दलीय पार्षदों की आवश्यकता होगी। वहीं भाजपा को अपने 10 नवनिर्वाचित पार्षदों के साथ 11 निर्दलीय पार्षदों की जरुरत पड़ेगी।

कांग्रेस नेता पंकज शर्मा ने कहा कि नतीजे आने के बाद नवनिर्वाचित निर्दलीय पार्षदों से मिलकर महापौर( Birgaon Counting ) बनाने के लिए रणनीति बनाना शुरू कर दिया गया है। प्रदेश में सत्ता कांग्रेस की है इसलिए निर्दलीय पार्षदों का झुकाव कांग्रेस की ओर रहने की बात कही जा रही है। अब बीरगांव में महापौर बनाने का सारा दारोमदार निर्दलीय के हाथों में है। यह देखने वाली बात होगी कि अब कांग्रेस और भाजपा निर्दलीय को साधने में कितना कारगर साबित हो सकते हैं।

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