Bhilai की डॉ.अंजलि की एक आवाज पर उनके पास खींचे चले आते हैं जानवर, क्योंकि...

Bhilai की डॉ.अंजलि की एक आवाज पर उनके पास खींचे चले आते हैं जानवर, क्योंकि…

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Bhilai की सेक्टर 1 निवासी डॉक्टर कुत्ते, मवेशियों को न केवल भोजन कराती है, बल्कि घायल होने पर उन्हें दवा भी देती हैं

भिलाईनगर/नवप्रदेश। भिलाई (bhilai) टाउनशिप के सेक्टर 1 की डॉ.अंजलि सिंह (dr anjali singh) की एक आवाज पर जानवर (animals) उनके पास खींचे चले आते हैं (attracted)। इसके पीछे की कहानी प्रेरणादायी है।

कभी- कभी किसी के साथ रोज की दिनचर्या के दौरान ऐसे वाकये पेश आ जाते हैं, जो भावुकता के साथ नजरों से होकर दिल की गहराइयों में उतर जाते हैं। ऐसे ही वाकये ने भिलाई (bhilai) टाउनशिप के सेक्टर 1 की डॉ.अंजलि सिंह के अंतर्मन में बेजुबान जानवरों के प्रति प्यार, अपनापन और स्नेह जगाने का काम किया है।

आज स्थिति ऐसी है कि भिलाई (bhilai) टाउनशिप के सेक्टर 1 की डॉ.अंजलि सिंह (dr anjali singh) की एक आवाज पर मवेशी (animals) और कुत्ते दौड़े चले आते है ( attracted)। दंत चिकित्सा की फायनल ईयर की छात्रा डॉ.अंजलि सिंह के साथ सड़कों पर इधर-उधर विचरण करने वाले बेजुबानों की दोस्ती देखते बनती है।

सेवयर्स भिलाई के नाम से एक स्वयंसेवी संगठन

डॉ.अंजलि मवेशी व कुत्तों को न केवल भोजन कराती है बल्कि दुर्घटना आदि में उनके घायल होने या बीमारी की स्थिति में इलाज के साथ जरूरी दवाइयों भी खिलाती है। डॉ.अंजलि ने इसके लिए एनीमल सेवयर्स भिलाई के नाम से एक स्वयंसेवी संगठन भी बनाकर अपनी तरह की सोच रखने वालों को जोड़ा है।

धीरे-धीरे जुड़ते गए समान विचार वाले लोग

डॉ.अंजलि सिंह बताती है कि, सेक्टर 1 निवास से राजनांदगाँव स्थित मेडिकल कॉलेज आते जाते सड़क पर दुर्घटना के चलते बेजुबान जानवरों की मौतों से उन्हें बेहद पीड़ा होती थी। जानवर बेजुबान होते हैं और उनको बोलना नहीं आता, लेनिक जीने का हक उन्हें भी सभी की तरह है। आये दिन सड़क हादसे और अन्य कारणों से जानवरों की मौतों को रोकने का एक तरह से उन्होंने संकल्प लिया। शुरुआत में वह अकेली ही घर के आसपास मंडराने वाले मवेशी और कुत्तों को भोजन पानी उपलब्ध कराने लगी। फिर धीरे-धीरे जानवरों के प्रति प्रेम रखने वाले समान विचारधारा के लोग जुड़ते चले गये तो फिर संस्था गठित कर अपने अभियान को तेज कर दिया।

जानवरों के रुठने पर मनाने के लिए बुलाया जाता है डॉ. अंजलि को

डॉ.अंजलि बताती है कि, किसी के घर का पालतु कुत्ता खाना नहीं खाता था बात नहीं मानता है तो उन्हें बुलाया जाता है। बड़ा सुकून मिलता है तब मवेशी या कुत्ते को प्रेम की भाषा में समझाओ तो वे किसी इंसान की तरह बात मान जाते हैं। उन्होंने आम लोगों से भी बेजुबान जानवरों को भोजन पानी के साथ अपनापन देने का आग्रह किया है।

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