Battle of the Union : सरकार से आमने-सामने की लड़ाई क्यों...?

Battle of the Union : सरकार से आमने-सामने की लड़ाई क्यों…?

Battle of the Union: Why a one-on-one fight with the government...?

Battle of the Union

11 जुलाई को 28 जिलों से एक साथ निकलेगी मशाल रैली

रायपुर/नवप्रदेश। Battle of the Union : अनियमित महासंघ के बैनर तले करीब 35 हजार से अधिक अनियमित कर्मियों का प्रदेशभर के मुख्यालयों में जिला अध्यक्षों के नेतृत्व 11 जुलाई को मशाल रैली के साथ होने जा रहा है। यह रैली 18 घटक संगठनों के साथ 7 चरणों में होगी।

दरअसल, बार-बार ज्ञापन, धरना, प्रदर्शन, रैली, हड़ताल आदि कर-करके थक चुके इन कर्मचारियों ने इस बार चरणबद्ध आंदोलन का मन बनाया है। सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से इसका प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है।

18 घटक संगठनों के साथ 7 चरणों में होगी

छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ (Battle of the Union) इस आंदोलन को चरणबद्ध व आक्रमक तरीके से करने की तैयारी में जुटे हैं। प्रदेश अध्यक्ष रवि गढ़पाले ने इस संबंध में बताया कि, सरकार के ढ़ाई वर्ष हो चुके है, लेकिन वें जनघोषणा पत्र में किए वादों को भूल चुके है।

महासंघ अपने 18 घटक संगठनों के साथ मजबूत रणनीति अपनाते हुए आंदोलन छेडऩे की तैयारी कर लिया है और इसी तारतम्य में 11 जुलाई को अपने 7 चरणों के आंदोलन का आगाज मशाल रैली के साथ होने जा रहा है।

महासंघ ने नियमितीकरण, छंटनी न करना एवं आउटसोर्सिंग पर प्रतिबंध किए जाने को लेकर कई बार शासन-प्रशासन से पत्राचार किया गया, किंतु सरकार का रवैया हमारे प्रति सुस्त है।

समिति नियम बनाने में कर रहे है देरी

प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष सूरज सिंह ठाकुर ने कहा कि गठित समिति नियमितीकरण का प्रावधान करने में देरी कर रही है। इस मुद्दे पर शासन के जन प्रतिनिधियों के माध्यम से मुख्यमंत्री तथा समस्त कैबिनेट मंत्रियों को ज्ञापन पत्र देकर अनुनय निवेदन किया, परंतु आज तक कार्यवाही नही किया जा रहा है। संघ ने आरोप लगाया कि, यह स्पष्ट होते जा रहा है कि सरकार अपने इस वायदे को अगले चुनावी समीकरण की ओर लेकर जाना चाहती है।

प्रदेश संयोजक अनिल कुमार देवांगन का कहना है कि सरकार को अपनी भूमिका तय करनी होगी। क्योंकि यह 1 लाख 80 हजार अनियमित कर्मचारियों तथा उन पर आश्रित करीब 4 से 5 लाख परिवार सदस्यों के सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा का मामला है। सरकार को लोकतंत्र की रक्षा करने के लिए अनियमित कर्मचारियों से किये गए वायदे को जल्द से जल्द पूर्ण करने के सम्बंध में कार्यवाही करना चाहिए।

धार्मिक तथा सामाजिक संगठनों का है समर्थन

महासंघ के पूर्व प्रदेश संयोजक एवं वरिष्ठ कार्य समिति सदस्य गोपाल प्रसाद साहू ने कहा कि, महासंघ अब चौतरफा प्रयास कर रहा है। इसके लिए विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रमुखों से अनियमित कर्मचारियों के मुद्दे को लेकर गंभीर चर्चा की जा रही है। व्यापक समर्थन धार्मिक तथा सामाजिक संगठनों द्वारा महासंघ को प्राप्त हो रहा है।

प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष (Battle of the Union) अजित सदन नाविक ने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि, सरकार वायदा खिलाफी करते हुए अनियमित कर्मचारियों के विरुद्ध लगातार कार्यवाहियां करते हुए शोषण को और बढ़ावा दे रही है। अब 11 जुलाई का आंदोलन होना तय है। अनियमित कर्मचारी महासंघ और उसके 18 घटक सम्बद्ध संगठन प्रमुखों ने भी इस बात की तस्दीक की है, यह बातें प्रदेश उपाध्यक्ष प्रेम प्रकाश गजेंद्र ने बताया।

बहरहाल, अब देखना है कि, जिला प्रशासन ने तो कोविड के नए गाइडलाइंस में तय धरना प्रदर्शन, रैली पर प्रतिबंधित है। संभत: इस मुद्दे को लेकर अनियमित कर्मचारी संगठन और सरकार की सीधे तकरार होने की संभावना नजर आ रही है।

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