Ban on Rallies : राजनीतिक रैलियों पर रोक लगे

Ban on Rallies : राजनीतिक रैलियों पर रोक लगे

Ban on Rallies: Ban on political rallies

Ban on Rallies

Ban on Rallies : उत्तर प्रदेश और पंजाब सहित पांच राज्यों के लिए होने जा रहे विधानसभा चुनाव की तिथि अभी घोषित नहीं हुई है लेकिन सभी राजनीतिक पार्टियों ने अभी से राजनीतिक रैलियां शुरू कर दी है जिसमें हजारों लाखों की संख्या में भीड़ जुटाई जा रही है। देश में अभी कोरोना की दूसरी लहर का असर कम नहीं हुआ है ऊपर से कोरोना के नए वायरस ओमिक्रान ने भी कहर बरपाना शुरू कर दिया है।

कोरोना के तीसरे लहर आने की संभावना भी जातई जा रही है ऐसी स्थिति में चुनावी रैलियों में भारी हुजुम उमडऩा खतरे की घंटी है। इस तरह की रैलियों में न तो लोग मास्क का उपयोग करते है और न ही दो गज की दूरी का पालन करते है। ऐसी स्थिति में जिन राज्यों में चुनाव होने जा रहे है वहां कोरोना विस्फोट की संभावना को नकारा नहीं जा सकता। यह ठीक है कि निर्धारित समय के भीतर चुनाव होने चाहिए लेकिन चुनाव में कोरोना गाईड लाईन का कड़ाई पूर्वक पालन भी किया जाना चाहिए।

जब अनेेक राज्यो में तरह तरह की पाबंदियां (Ban on Rallies) लगाई गई है तो फिर राजनीतिक रैलियों पर रोक क्यों नहीं लगाई जा रही है। उत्तर प्रदेश में ही नाईट कफ्र्यू लगाया गया है लेकिन वहां धड़ल्ले से चुनावी रैलियां हो रही है। यह स्थिति बेहद खतरनाक साबित हो सकती है। चुनाव आयोग को चाहिए कि वह इस बारे में जल्द ही बैठक कर चुनावी रैलियों पर प्रतिबंध लगाएं चुनावी रैलियों को सशर्त अनुमति भी न दी जाएं क्यों कि ऐसी शर्तो का कोई पालन नहीं करता है।

इसलिए बेहतर यही होगा कि चुनावी रैलियां (Ban on Rallies) न हो। राजनीतिक पार्टियां अन्य माध्यमों से भी अपनी बात लोगों तक पहुंचा सकती है। इसलिए कोरोना की संभावित तीसरी लहर के खतरे को मद्देनजर रखकर इस बारे में जल्द से जल्द फैसला होना चाहिए। ओमिक्रान के मामले भी देश में लगातार बढ़ रहे है और ओमिक्रान ही देश में कोरोना की तीसरी लहर ला सकता है।

उम्मीद की जानी चाहिए कि इस बारे में चुनाव आयोग गंभीरता पूर्वक विचार करेगा और कम से कम चुनावी रैलियों पर तो तत्काल प्रभाव से रोक लगाएगा।

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