अंबानी की कंपनी खरीदने को तैयार अडानी ! रिलायंस कैपिटल के लिए बोली…
-बोलियां जमा करने की समय सीमा 11 मार्च से बढ़ाकर 25 मार्च
-रिलायंस कैपिटल के लिए 14 बोलीदाताओं में गौतम अदानी भी शामिल
मुंबई। मुकेश अंबानी के छोटे भाई अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कैपिटल कर्ज के बोझ तले दबी है। सूत्रों के मुताबिक गौतम अडानी (gautam adani) की अडानी फाइनेंशियल सर्विसेज, केकेआर, पिरामल फाइनेंस और पूनावाला फाइनेंस समेत 14 बड़ी कंपनियों ने अनिल अंबानी की कंपनी को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है।
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा नियुक्त एक प्रशासक ने बोलियां जमा करने की समय सीमा 11 मार्च से बढ़ाकर 25 मार्च कर दी है। 29 नवंबर को आरबीआई ने शासन की कमी और भुगतान चूक के कारण रिलायंस कैपिटल के बोर्ड को भंग कर दिया।
रिलायंस कैपिटल को खरीदने में दिलचस्पी रखने वाली कंपनियों में अर्पवुड, वर्डे पार्टनर्स, मल्टीपल्स फंड, निप्पॉन लाइफ, जेसी फ्लावर्स, ब्रुकफील्ड, ओकट्री, अपोलो ग्लोबल, ब्लैकस्टोन और हीरो फिनकॉर्प शामिल हैं। यह तीसरी सबसे बड़ी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) है जिसके खिलाफ केंद्रीय बैंक ने हाल ही में दिवालिएपन के लिए दायर किया है। अन्य दो कंपनियां श्रेई ग्रुप एनबीएफसी और दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन (डीएचएफएल) हैं।
पूरी कंपनी के लिए बोली
कुछ संभावित बोलीदाताओं के अनुरोध पर, जिन्होंने रुचि की अभिव्यक्ति (ईओआई) दाखिल करने के लिए और समय मांगा था, बोलियां जमा करने की समय सीमा बढ़ा दी गई है। सूत्रों ने बताया कि ज्यादातर बोलीदाताओं ने पूरी कंपनी के लिए बोली लगाई थी। रिजर्व बैंक ने बैंक ऑफ महाराष्ट्र के पूर्व कार्यकारी निदेशक नागेश्वर राव वाई को गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी का प्रशासक नियुक्त किया था। इस साल की शुरुआत में रिलायंस कैपिटल द्वारा रुचि व्यक्त करने के लिए आरबीआई द्वारा नियुक्त प्रशासक को आमंत्रित किया गया था।
बोलीदाताओं के पास दो विकल्प हैं
बोलीदाताओं के पास दो विकल्प हैं। पहला विकल्प पूरी कंपनी के लिए बोली लगाना है। रिलायंस कैपिटल की कुल आठ सहायक कंपनियां हैं। बोलीदाता इनमें से एक या अधिक कंपनियों के लिए भी बोली लगा सकते हैं। रिलायंस कैपिटल की सहायक कंपनियों में रिलायंस जनरल इंश्योरेंस, रिलायंस निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस, रिलायंस सिक्योरिटीज, रिलायंस एसेट री-कंस्ट्रक्शन कंपनी, रिलायंस होम फाइनेंस और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस शामिल हैं।
कंपनी पर 40,000 करोड़ का कर्ज
सितंबर 2021 में रिलायंस कैपिटल ने अपनी सालाना आम बैठक में शेयरधारकों से कहा था कि कंपनी पर कुल 40,000 करोड़ रुपये का कर्ज है। दिसंबर तिमाही में कंपनी को 1,759 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था। दिसंबर 2020 तिमाही में कंपनी को 3,966 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था। रिलायंस कैपिटल की स्थापना 1986 में हुई थी।