Supreme Court Stray Dogs : सुप्रीम कोर्ट ने कहा – आवारा कुत्तों पर अब टालमटोल नहीं, 7 नवंबर को आएगा बड़ा आदेश

Surrogacy Law Supreme Court India

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सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को देशभर में आवारा कुत्तों से जुड़ी समस्या पर अहम सुनवाई की। अदालत (Supreme Court Stray Dogs) ने साफ कहा कि इस मामले में अब वक्त कार्रवाई का है और 7 नवंबर को अंतिम आदेश जारी किया जाएगा। सुनवाई के दौरान देश के लगभग सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव मौजूद रहे, जबकि केरल को व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट दी गई।

तीन सदस्यीय विशेष पीठ – न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति संदीप मेहता और न्यायमूर्ति एन.वी. अंजारिया – ने कहा कि अगली सुनवाई में देशव्यापी एकसमान नीति पर स्पष्ट दिशा-निर्देश तय किए जाएंगे।

कोर्ट ने कहा – “अब बहाने नहीं चलेंगे”

पीठ ने इस बात पर नाराज़गी जताई कि कई राज्यों ने 22 अगस्त के आदेश के बावजूद समय पर अनुपालन हलफनामा दाखिल (Supreme Court Stray Dogs) नहीं किया था। अदालत ने कहा कि मुख्य सचिवों की उपस्थिति अब अनिवार्य नहीं, लेकिन अगर किसी राज्य ने आदेशों का पालन नहीं किया तो उन्हें दोबारा हाज़िर होना पड़ेगा।

सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि अधिकांश राज्यों ने रिपोर्ट जमा कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड (AWBI) को भी इस केस में पक्षकार बनाया है ताकि पशु कल्याण से जुड़े बिंदुओं पर समग्र दृष्टिकोण लिया जा सके।

नगर निगमों को देनी होगी पूरी रिपोर्ट

कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों और नगर निकायों को Animal Birth Control (ABC) नियमों के अनुपालन का पूरा ब्यौरा देने को कहा है। जैसे कि कितने डॉग शेल्टर, पशु चिकित्सक, कुत्ते पकड़ने वाले कर्मचारी, स्पेशल व्हीकल्स और फेंसिंग (Supreme Court Stray Dogs) सुविधाएं मौजूद हैं। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह नियम केवल दिल्ली-एनसीआर तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि पूरे भारत में एक समान रूप से लागू होंगे।

27 अक्टूबर को कोर्ट ने जताई थी सख़्त नाराज़गी

बीते महीने की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि कई राज्यों ने आदेशों की अनदेखी की है। अदालत ने टिप्पणी की थी कि ऐसी घटनाएं देश की साख पर असर डालती हैं। इसके बाद कोर्ट ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को 3 नवंबर को पेश होने का निर्देश दिया था।

जुलाई में स्वतः संज्ञान से शुरू हुआ था मामला

यह मामला तब उठा जब जुलाई में एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों के हमलों और बच्चों में रेबीज के मामलों में वृद्धि हो रही है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court Stray Dogs) ने उस रिपोर्ट पर स्वतः संज्ञान लेते हुए व्यापक सुनवाई शुरू की थी। अदालत अब चाहती है कि ABC नियमों का पालन पूरे देश में एक जैसी सख़्ती से हो।

संभावित असर – देशभर में एकसमान नीति की राह

अगर 7 नवंबर को कोर्ट ने ठोस निर्देश दिए, तो राज्यों को अपने-अपने शहरों में कुत्तों की नसबंदी, टीकाकरण और आश्रय गृह की स्थिति पर त्वरित सुधार करने होंगे। नगर निगमों पर भी जवाबदेही तय होगी कि वे पशु कल्याण और नागरिक सुरक्षा के बीच संतुलन कैसे बनाएंगे।

अब इस मामले की अगली सुनवाई 7 नवंबर 2025 को होगी, जब सुप्रीम कोर्ट अपना विस्तृत आदेश सुनाएगा। अदालत ने यह भी कहा कि अगर किसी राज्य ने फिर लापरवाही की, तो मुख्य सचिवों को व्यक्तिगत रूप से जवाब देना पड़ेगा।

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