Gotul Racha Utsav : CM हुए शामिल, बोले- गोटुल के प्रति देश-दुनिया में है जिज्ञासा

Gotul Racha Utsav : CM हुए शामिल, बोले- गोटुल के प्रति देश-दुनिया में है जिज्ञासा

Gotul Racha Utsav: CM joined, said – there is curiosity in the country and the world towards Gotul

Gotul Racha Utsav

रायपुर/नवप्रदेश। Gotul Racha Utsav : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज कांकेर जिले के अंतागढ़ विकासखंड के ग्राम आमाकड़ा में झलमलको लया-लयोर गोटुल रच्चा उत्सव में शामिल हुए। स्थानीय संस्कृति, परंपरा, लोकगीतों और लोकनृत्यों को संरक्षित करने के लिए इस उत्सव का आयोजन किया गया था। मुख्यमंत्री ने उत्सव को संबोधित करते हुए क्षेत्र के विकास के लिए कई घोषणाएं की।

स्थानीय लोगों ने महुआ फूलों की माला तथा सिर पर मोर पंख व गमछा बांधकर मुख्यमंत्री का परंपरागत तरीके से स्वागत किया। बस्तर लोकसभा क्षेत्र के सांसद दीपक बैज, संसदीय सचिव शिशुपाल सोरी, विधायक अनूप नाग, मुख्यमंत्री के सलाहकार राजेश तिवारी और राज्य योजना आयोग की सदस्य कांति नाग भी उत्सव में मौजूद थीं।

बालक छात्रावास

कोयलीबेड़ा और आमाबेड़ा को तहसील का दर्जा की घोषणा

CM बघेल आमाकड़ा (Gotul Racha Utsav) में साल वृक्षों के बीच सजे मंच पर झलमलको लया-लयोर गोटुल रच्चा उत्सव में कोयलीबेड़ा और आमाबेड़ा को पूर्ण तहसील का दर्जा दिए जाने की घोषणा की। उन्होंने कोयलीबेड़ा में जिला सहकारी बैंक की स्थापना की भी घोषणा की। उन्होंने स्थानीय संस्कृति के संरक्षण के लिए अंतागढ़ क्षेत्र में 10 गोटुल और 10 देवगुड़ी निर्माण की भी घोषणा की।

अंतागढ़ क्षेत्र के विकास के लिए कई घोषणाएं

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान अंतागढ़ और पखांजूर के शासकीय कॉलेजों में स्नातकोत्तर कक्षाएं शुरू करने, कोयलीबेड़ा विकासखंड के केसेकोड़ी में प्री-मैट्रिक बालक छात्रावास और कड़मे में बालक आश्रम, नागरबेड़ा में प्री-मेट्रिक छात्रावास, आमाकड़ा में बालक आश्रम, कलेपरस हाई स्कूल का हायर सेकेण्डरी स्कूल में उन्नयन के साथ ही 35 लाख रुपए की लागत से शाला भवन व बाउंड्रीवाल निर्माण, अंतागढ़ शहर में डिवाइडर-सह-स्ट्रीट लाइट की स्थापना, सर्वसुविधायुक्त आदर्श सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना और विश्राम भवन निर्माण की भी घोषणा की। उन्होंने बस्तर में स्थापित ’बादल’ की तरह कांकेर जिले में भी डांस, आर्ट और लिट्रेचर को बढ़ावा देने संगठन बनाने तथा अंतागढ़ क्षेत्र के 14 युवाओं को कृषि एवं वनोपज के क्षेत्र में हो रहे नवाचारों के अध्ययन के लिए इंडोनेशिया के अध्ययन दौरे पर भेजने की भी स्वीकृति प्रदान की।

उन्होंने उत्सव को संबोधित करते हुए कहा कि अंतागढ़ के लोगों के निमंत्रण पर मैं यहां आया हूं। उन्होंने जिस तरीके से मेरा स्वागत किया है उसके लिए मैं धन्यवाद देता हूं। देश और दुनिया में यहां के गोटुल के प्रति बहुत जिज्ञासा है। इस संस्था के माध्यम से परंपरागत ज्ञान और संस्कृति पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ती है। छत्तीसगढ़ सरकार ने बस्तर, नारायणपुर और कांकेर में सैकड़ों गोटुलों के निर्माण की स्वीकृति दी है।

इससे स्थानीय संस्कृति और ज्ञान के प्रसार को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने बताया कि राज्य शासन ने 126 गोटुलों के निर्माण के लिए 8 करोड़ 19 लाख रुपए और 224 देवगुड़ियों के निर्माण के लिए 8 करोड़ 22 लाख रुपए की स्वीकृति दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वनांचल में रहने वाले लोगों की आय बढ़ाने के लिए सरकार ने समर्थन मूल्य पर खरीदे जाने वाले वनोपजों की संख्या 7 से बढ़ाकर 65 तक पहुंचा दी है। लघु वनोपजों के संग्रहण, मूल्य संवर्धन और प्रसंस्करण के लिए भी इकाईयां स्थापित की जा रही हैं।

की घोषणा

किसानों के चेहरे पर है खुशी : विधायक

अंतागढ़ के विधायक अनूप नाग ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार किसानों से अच्छे दाम पर धान की खरीदी कर रही है। लघु वनोपजों की भी वाजिब दाम पर खरीदी कर रही है। इससे सभी लोगों के चेहरे पर खुशी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पूरे प्रदेश के लोगों की तासीर और उनकी जरूरतों को समझते हैं। इसलिए हर क्षेत्र की जरूरतों के अनुसार वे नई-नई सौगात भी देते रहते हैं।

मुख्यमंत्री के सलाहकार राजेश तिवारी ने अपने संबोधन में कहा कि प्रदेश में किसानों के हित और उनकी आर्थिक स्थिति को बेहतर करने तथा आदिवासियों की जल, जंगल, जमीन और संस्कृति की रक्षा के लिए अनेक कार्य किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने पूरे प्रदेश और बस्तर की संस्कृति को संरक्षित करने और नई पहचान दिलाने का काम किया है। आदिवासी नृत्य महोत्सवों के आयोजन के साथ ही राज्य में विश्व आदिवासी दिवस पर सरकार ने अवकाश प्रदान किया है।

गोटुलों और देवगुड़ियों (Gotul Racha Utsav) के विकास के लिए भी लगातार आर्थिक संसाधन मुहैया कराए जा रहे हैं। उन्होंने पूरे बस्तर में अलग-अलग जगहों पर इस तरह के झलमलको लया-लयोर गोटुल रच्चा उत्सव आयोजित किए जाने का सुझाव दिया। राज्य योजना आयोग की सदस्य कांति नाग ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।

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