Heart का इलाज करने मेकाहारा में आई ऐसी मशीन, जिसके समकक्ष द. एशियाई देशों में भी नहीं
Heart treatment in mekahara : 3डी इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी मशीन से धड़कन संबंधी गंभीर विकारों का उपचार हुआ संभव
रायपुर/नवप्रदेश। heart treatment in mekahara : मेकाहारा के एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट में दिल की तेज धड़कनों का इलाज करने ऐसी अत्याधुनिक मशीन आई है, जिसकी बराबरी की मशीन दक्षिण एशियाई देशों में भी उपलब्ध नहीं है।
मेकाहारा के एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट में हृदय (heart treatment in mekahara) की तेज धड़कनों का इलाज 13 अगस्त 2018 से किया जा रहा है। पूर्व में इसके इलाज में 2डी इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी मशीन का उपयोग किया गया था, जिसे नई दिल्ली से किराए पर मंगाया गया था। इस इलाज से अभी तक कई मरीज लाभान्वित हो चुके हैं।
2 डी इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी मशीन से सीमित प्रकार की हृदय (heart treatment in mekahara) की धड़कनों का ही इलाज संभव है। इसलिए 22 अगस्त 2020 को स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने 3डी इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी मशीन का एडवांस कार्डियक इंस्टिट्यूट में छत्तीसगढ़ की जनता के लिए लोकार्पण किया। यह मशीन अत्याधुनिक मशीन है और अपने प्रकार में विलक्षण इसके समकक्ष मशीन दक्षिणी एशियाई देशों में भी उपलब्ध नहीं है।
अब कम समय में इलाज संभव
इस मशीन के उपयोग से जटिलतम हृदय की धड़कनों के विकार का निदान और उपचार सुगमता से मरीज की अधिक सुरक्षा और कम समय में संभव है। 2डी विधि से मरीज के इलाज करने में अनुमानित कई घंटों का समय लग सकता है। चिंटू 3डी इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी विधि से मरीज का इलाज करने में यह समय अवधि लगभग 1/4 हो जाती है।
नई तकनीक से ऐसे हुआ इलाज
-त्रिआयामी या 3डी इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी के द्वारा एक मरीज के हृदय के अंदर गति के संचार का नक्शा बनाया गया और इससे धड़कन कारक दिल के उस स्थान को चिन्हित किया गया और इसके बाद उस स्थान को रेडियो फ्रिक्वेंसी एबलेशन द्वारा हृदय के अंदर जलाकर इस रोग को ठीक कर दिया गया।
-एक अन्य मरीज के मामले में 3डी इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी विधि के द्वारा पहले रोगी के हृदय के अंदर सर्किट का नक्शा बनाया गया एवं के बाद में रेडियो फ्रिकवेंसी एबलेशन कैथेटर द्वारा इस नक्शे में चिन्ह अंकित स्थान पर एक लकीर खींच कर इस सर्किट को समाप्त कर आगे होने वाले हार्ट फैलियर से बचाव का इलाज किया गया।
डॉ. स्मित श्रीवास्तव के नेतृत्व में टीम ने किया इलाज
2 दिन चले इस कार्यशाला में कार्डियोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ स्मित श्रीवास्तव के नेतृत्व में कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर जोगेश एवं डॉक्टर्स सुलभ, निश्चेतना विभाग के विभाग अध्यक्ष डॉक्टर केके सहारे एवं सीटीवीएस से डॉक्टर केके साहू ने मरीजों के इलाज में योगदान दिया।