Hanuman Jayanti 2024: भगवान राम और हनुमान के मंदिर हैं लेकिन भगवान राम के भाई-बहनों के नहीं? पढ़ें क्योंकि…
-रामायण में रावण जैसे राक्षसों और दुष्ट लोगों को छोड़कर केवल देवत्व ही पूजनीय
Hanuman Jayanti 2024: महर्षि वाल्मिकी की रामायण में श्रीराम के बाद हनुमान का व्यक्तित्व ही हमारा ध्यान खींचता है। बालक हनुमान जिन्होंने जन्म लेते ही सूर्य की ओर गरुड़ छलांग लगाई, यब बाल्य काल का चमत्कार है। ऐसा महान पराक्रम केवल महाकपि हनुमान ही कर सकते हैं। लेकिन हनुमान जयंती के मौके पर आइए जानते हैं कि उन्हें यह दिव्यता कैसे मिली।
हनुमान (Hanuman Jayanti 2024) अंजनी नामक वानर के पुत्र थे, लेकिन उन्हें पवन देव का आशीर्वाद प्राप्त था। इसलिए उन्हें ऐसे असाधारण कार्य करने की शक्ति प्राप्त थी। हनुमन को बचपन में कई देवी-देवताओं ने अलग-अलग वरदान दिए थे। वह सबके लिये अजेय हो गए। लेकिन बाद में बचपन में हनुमान ऋषियों के आश्रम में जाकर तरह-तरह की शरारतें करने लगे थे।
अंतत: परेशान होकर ऋषि ने हनुमान को श्राप दिया ‘जब तक कोई तुम्हें तुम्हारी शक्ति की याद नहीं दिलाएगा, तुम्हें अपनी ताकत का पता नहीं चलेगा! इस श्राप के कारण हनुमान अपनी शक्ति भूल गए और उधर ऋषि की तपस्या भी बिना किसी व्यवधान के संपन्न हो गई। बाद में जब माता सीता की खोज करने निकले हनुमान तब समुद्र तट पर जामुवंत ने उनको अपनी शक्ति की याद दिलाई।
यह घटना किष्किंधा काण्ड में वर्णित है और यहीं से हनुमान के सशक्त व्यक्तित्व का फूल वास्तविक अर्थों में दिखना शुरू होता है। एक-एक करके उनके शरीर के गुण प्रकट होने लगते हैं और धीरे-धीरे उनकी आकृति हिमालय की ऊँची चोटियों के समान भव्य और दिव्य हो जाती है और रामायण के अंत तक उसे ‘दिव्यता’ प्राप्त हो जाती है।
श्री राम के परिवार में लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, जामुवंत, सुग्रीव, विभीषण, कई शक्तिशाली और गुणी लोग हैं, लेकिन हनुमंत ने श्रीराम की तरह दिव्यता प्राप्त की। इसीलिए हमें श्री राम के साथ-साथ हनुमान के भी मंदिर पूरे विश्व में मिलते हैं। गौरतलब है कि श्री राम के परिवार में कोई और नहीं है जिनको ‘दिव्यता’ प्राप्त हुई हो इसलिए उनका मंदिर निर्माण कर पूजा नहीं की जाती है।