3rd world war : विश्व युद्ध का मंडराता खतरा
3rd world war : पूरी दुनिया अभी तक कोरोना की त्रासदी से पूरी तरह उबर भी नहीं पाई है कि अब दुनिया में तीसरे विश्व युद्ध का खतरा मंडराने लगा है। विश्व की दो महाशक्तियां अमेरिका और रूस यूक्रेन के मुद्दे को लेकर आमने सामने आ गई है। रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने युक्रेन के पूर्वी क्षेत्र के दो हिस्सों को अलग राष्ट्र की मान्यता दे दी है और इन दोनों ही जगह पर शंाती बनाएं रखने के लिए रूसी सेना को आदेश भी दे दिए है।
जाहिर है अब यूके्रन के पूर्वी क्षेत्र में रूस की सेना घुस जाएगी और इसके बाद यूके्रन पर रूस कभी भी हमला कर देगा। यदि ऐसा हुआ तो अमेरिका भी यूके्रन के बचाव में कूद पड़ेगा। इसके बाद विश्व युद्ध (3rd world war) को टालना असंभव की हद तक कठिन हो जाएगा। रूस के इस नए फैसले का अमेरिका ने कड़ा विरोध किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति बाईडेन ने इसे अंतर्राष्ट्रीय समझौते का उल्लंघन बताया है और रूस पर कई तहर के प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया है।
इंग्लैड ने भी रूस के इस कदम की कड़ी आलोचना की है। यूरोपी संघ और नाटो ने भी रूस के प्रति गहरी नाराजगी दिखाई है। इस मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र ने आपात बैठक बुलाई है। भारत ने युक्रेन मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि सैन्य टकराव को टालना चाहिए और समस्या के समाधान के लिए कुटनीतिक पहल की जानी चाहिए। यूके्रन का विभाजन कर के रूस चौतरफा आलोचना का शिकार हो रहा है लेकिन रूसी राष्ट्रपति पुतिन अपने इस फैसले पर अडिग है।
ऐसे में स्थिति तनाव पूर्ण हो रही है और रूस व यूके्रन के बीच जंग होने की संभावना प्रबल हो रही है जिसके विश्व युद्ध में बदलने की आशंका को नकारा नहीं जा सकता। विश्व युद्ध हुआ तो पूरी दुनिया को इसका दुष्परिणाम भुगतना पड़ेगा। बेहतर होगा कि इस टकराव को टालने के लिए दुनिया के सभी देश एकजुट हो और समस्या का कुटनीतिक पहल से समाधान निकालने का प्रयास करें।
यूक्रेन के साथ लगती अपनी सीमा पर रूस ने 4000 सैनिकों को भेजा है जिसके बाद इलाके में तनाव बढ़ता जा रहा है। रूस के एक सैन्य विशेषज्ञ ने कहा है कि रूसी सैनिकों की यह तैनाती पूरे यूरोप को एक बड़े युद्ध (3rd world war) में झोंक सकती है। जाहिर-सी बात है कि यदि यूरोप के बड़े देश युद्ध में कूदते हैं तो इस लड़ाई के पूरी दुनिया में फैलने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। एक्सपर्ट ने सबसे ज्यादा डराने वाली बात यह कही है कि यह खतरनाक लड़ाई सिर्फ एक महीने के अंदर शुरू हो सकती है।