अभिभाषण पर भाजपा, छजकां, बसपा ने उठाए सवाल, पक्ष-विपक्ष में ऐसे चला पलटवार |

अभिभाषण पर भाजपा, छजकां, बसपा ने उठाए सवाल, पक्ष-विपक्ष में ऐसे चला पलटवार

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रायपुर/नवप्रदेश।  विपक्षी दल (opposition raise question over governor speech) भाजपा, छजकां, बसपा ने राज्यपाल के अभिभाषण परआपत्ति जताई है। बसपा विधायक केशव चंद्रा ने कहा कि प्रदेश में सबसे बड़ा मुद्दा किसानों के ऊपर जो आपत्ति आई है।

किसान (farmer) धान (paddy procurement) नहीं बेच पाये है। इस सरकार ने समर्थन मूल्य पर धान देना बंद कर दिया है प्रदेश में 6 स्थानों पर आज भी किसानों ने चक्का जाम किया है ऐसी परिस्थिति में पूरे विपक्ष की ओर से एक ही रणनीति है। समर्थन मूल्य में धान खरीदी की स्थिति को राज्य सरकार बढ़ाएं और पंजीकृत किसानों के पूरे धान खरीदी की व्यवस्था की जाए। परंतु इस संबंध में अभिभाषण में कुछ भी नहीं बोली हैं। विपक्षी दलों (opposition raise question over governor speech) अन्य नेताओं ने अभिभाषण को लेकर टिप्पणी की।

प्रदेश में धान खरीदी पर बोले मंत्री भगत

छत्तीसगढ़ राज्य में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में अब तक बड़ी मात्रा में धान (paddy procurement) खरीदी हुई है। अपना ही पिछला रिकॉर्ड हमने तोड़ा है। इस बार रिकॉर्ड मद में धान खरीदी किया गया है। कुल 82 लाख 80 हजार मैट्रिक टन धान की खरीदी हुई है बीजेपी के राज में केवल 50 से 60 लाख मैट्रिक टन धान खरीदी होती थी। 17 लाख 95 हजार से अधिक किसानों को भुगतान कर दिया गया है और 14 लाख 75 हजार करोड़ से अधिक करने की राशि भुगतान की जा चुकी है। पिछली सरकार में धान बेचने के बाद किसानों को महीना दौडऩा पड़ता था।

कांग्रेस सरकार के राज में तीसरे से चौथे दिन किसानों का पैसा खाते में पहुंचा दिया गया। सभी को मालूम है बीजेपी समय का चुका हुआ खिलाड़ी है। जिस समय किसानों के लिए खड़ा होना था आवाज उठाई थी मांग करनी थी उस दौरान न मांग किया, ना आवाज उठाए। अंतर की राशि देने के लिए हमने कमेटी बनाई है। बीजेपी किसानों के आड़ में अपना खोया हुआ जमीर पाने की कोशिश कर रही है। किसानों ने बीजेपी को आइना दिखा दिया। किसान और हम जानते हैं कि बीजेपी राजनीति कर रही है।

अभिभाषण निरस – धर्मजीत

छत्तीसगढ़ प्रदेश का किसान (farmer) हलकान है। यहां की सरकार ने किसान का एक-एक दाना लेने का वादा किया था। लेकिन धान खरीदी पूरी नहीं हो पाई है टोकन देने के बावजूद धान खरीदी पूरी नहीं हो पाई है। ना ही बारदाना उपलब्ध करा पाई थी सरकार। जिसके कारण किसान सड़क पर है सभी राजनीतिक दल इसके लिए चिंतित है सत्तारूढ़ पार्टी को छोड़कर। जोगी और बसपा कल की रणनीति तैयार कर रहे हैं। प्रभावी तरीके से सदन में कैसे धान खरीदी का मुद्दा उठाया जाये और किसानों को राहत दिला सके। राज्यपाल का अभिभाषण निरस और असत्य है राज्यपाल का अभिभाषण कचरे में फेंकने लायक है। इसमें पिछले साल की पुनरावृत्ति हुई है इसमें पिछले साल की योजनाएं है कोई नई योजनाएं कोई नए तथ्य अभिभाषण में नहीं था। राज्यपाल का अभिभाषण दिशाहीन भाषण था।

राज्यपाल से असत्य कहलाया गया, कोई नई दिशा नहीं : नेता प्रतिपक्ष

आज का जिस प्रकार का अभिभाषण था और जिस प्रकार से राज्यपाल से असत्य कहलाया गया है इसमें पिछले अभिभाषण के सारे मुद्दे नदारद है। राज्य सरकार के बजट से किसी को कोई उम्मीद नहीं है राज्य सरकार को उनके वादे याद दिलाओ तो उनका कहना होता है वे 5 साल के लिए चुनकर आए हैं। प्रदेश में कोई नई दिशा नहीं मिल पाई है नाही रोजगार के कोई नए साधन राज्य सरकार उपलब्ध करा पाई है नया सृजन नहीं हो पाया है ना ही कोई रचनात्मक कार्य हो पाए हैं विकास के कार्यों की दूर-दूर तक कोई संभावना नहीं दिख रही है। ईस देश की ज्वलंत समस्या खरीदी की है।

धान बेचने को लेकर किसान आज भी सड़क पर बैठे हैं और चक्काजाम कर रहे हैं। समितियों में धान रखा हुआ है लेकिन उनकी खरीदी के लिए कोई व्यवस्था नहीं है इसकी खरीदी के लिए सड़क से लेकर सदन तक मिलकर लड़ाई लड़ेंगे। 82 लाख मैट्रिक टन आपकी उपलब्धि नहीं है पहली बार राज्य सरकार को सहमति पत्र बनाना पड़ रहा है जो किसान धरना पर बैठे हुए हैं किसानो का धान सोसायटी पर रखा है उसे कैसे खरीदेगी सरकार यह बात सुनिश्चित करें। धान किसानों का है और मार भी किसान खाए हैं लेकिन इनका कहना है कि बिचौलिए है तो ऐसे में सरकार जांच करवा लें तो कौन बिचौलिया है और कौन किसान है उस पर दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।

अभिभाषण में पुरानी बातें रिपीट, राज्य के लिए कोई विजन नहीं : रमन सिंह

आज सभी विपक्षीदलो ने बैठकर छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा ज्वलंत मुद्दा किसानों के मुद्दे पर चर्चा की। आज बारिश में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों का धान खरीदने के लिए सरकार तैयार नहीं है सरकार पूरी निर्मम होकर लाठियां चलाती है अलग-अलग जिलों में प्रदर्शन किया जा रहा है लेकिन इस पर कोई बात करने के लिए कोई भी अधिकारी तैयार नहीं है।

इन सभी विषय को लेकर विधानसभा में सड़क से लेकर सदन तक बीजेपी किसानों की हित की लड़ाई लड़ेगी। राज्यपाल के अभिभाषण में कुछ नहीं था, ना राज्य के लिए नया कोई विजन नहीं था, न ही कार्य योजना नहीं थी, इसमें सिर्फ और सिर्फ पुरानी योजना को रिपीट करने का मामला था। ऐसी ऐसी बातों को इसमें रिपीट किया गया है जो छत्तीसगढ़ के विकास के लिए जिसमे बातें होनी थी, अभिभाषण में उसका पूर्णता अभाव है। राज्यपाल से पूरी तरीके से असत्य वचन कराया गया है।

संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे का विपक्षी बयान पर पलटवार

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बीजेपी वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल द्वारा धान खरीदी की तारीफ करने और सदन में सवाल उठाने पर कहा दोनों अलग-अलग बातें हैं बृजमोहन जी ने सरकार और धान खरींदी कि सार्वजनिक तारीफ की 2500 में धान खरीदी की तारीफ उन्होंने की है, लेकिन कुछ जगह में धान खरीदी में खलल थी उस पर अवसर देने की मांग उन्होंने कही है। जिनके टोकन कट गए हैं मुख्यमंत्री ने उनकी धान खरीदी के लिए निर्देश दिये है। ऐसी स्थिति प्रदेश में यदि कहीं और भी पाई जाती है तो वहां पर भी निर्देश दिया जाएगा छत्तीसगढ़ में धान की खरीदी इस बार से ज्यादा हुई है जो पर्याप्त है।

संयुक्त बैठक पर मंत्री चौबे बोले

यह सभी एक सिक्के के अलग-अलग पहलू नहीं है, लेकिन एक साथ राजनीति करते हैं यह साबित हो रहा है। इस बार का विधानसभा लंबा होगा और हर प्रश्न का उत्तर हम देंगे। हम पूछेंगे कि केंद्र की सरकार 1815 से ज्यादा क्यों नहीं धान खरीदना चाहती। यदि राज्य सरकार दे रही है बीजेपी क्यों नहीं चाहते बीजेपी के हर प्रश्न का उत्तर देने के लिए कांग्रेस तैयार है। बजट पेश करने पर बोले बजट 3 तारीख को रिलीज किया जाएगा। यह जनोंन्मुखी और जनता के लिए बजट होगा।

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