World Heart Day 2021 : डराने और चौंकाने वाले है हार्ट अटैक के आंकड़े |

World Heart Day 2021 : डराने और चौंकाने वाले है हार्ट अटैक के आंकड़े

World Heart Day 2021: Heart attack statistics are frightening and shocking

World Heart Day 2021

अनियमित दिनचर्या से दुनिया में एक तिहाई मौत हृदय की बीमारियों से

नई दिल्‍ली। World Heart Day 2021 : दुनिया में हार्ट अटैक के आंकड़े बेहद डराने और चौंकाने वाले है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दुनिया में एक तिहाई मौत के लिए जिम्‍मेदार हृदय से संबंधित बीमारियां हैं। हमारी जरा सी लापरवाही कभी भी हमारे दिल को जाेखिम  में डाल सकती है।

हमारी अनियमित दिनचर्या और खान-पान का गलत तरीका दिल पर भारी पड़ सकते हैं। इसके नतीजे खतरनाक हो सकते हैं। इसके चलते हम हार्ट स्ट्रोक, हार्ट अटैक, हाई बीपी, हार्ट क्लाटिंग जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं कि विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की रिपोट क्‍या कहती है।

दुनिया में 32 फीसद मौत हार्ट अटैक से

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (World Heart Day 2021) की एक रिपोर्ट के मुताबिक बीमारियों के चलते हार्ट डिसीज से सर्वाधिक मौते हुईं हैं। हार्ट डिसीज के चलते हर साल दुनिया में 179 मिल‍ियन यानी करीब दो करोड़ लोग मर रहे हैं। संगठन का कहना है कि कार्डियोवास्कुलर डिसीजेज (CVDs) इसकी बड़ी वजह है। CVD की हर पांच में चार मौत हार्ट अटैक या स्ट्रोक के कारण होती है। एक तिहाई लोगों की मौत इसकी वजह से 70 साल की उम्र से पहले हो जाती है।

अमेरिका में हर 36 सेकेंड में एक मौत का कारण हार्ट की बीमारी

अमेर‍िका में हार्ट के मरीजों की तादाद बढ़ी है। अमेरिका में हार्ट अटैक के चलते बड़ी संख्‍या में लोगों की मौत हो रही है। सेंटर आफ डिसीज कंट्रोल एंड प्र‍िवेंशन यानी सीडीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में हर 36 सेकेंड में एक मौत का कारण हार्ट से जुड़ी बीमारियां हैं। अमेरिका में हर चौथी मौत हार्ट अटैक के कारण हो रही है। अमेरिका में हर 40 सेकेंड में एक व्‍यक्ति को हार्ट अैटक होता है। इस बीमारी का प्रभाव अमेरिकी अर्थव्‍यवस्‍था पर भी पड़ रहा है। हालांकि अमेरिका में हृदय से जुड़ी बीमारियों में कोरोनेरी हार्ट डिसीज सबसे ज्यादा कामन है।

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने हार्ट डिसीज के कारण गिनाए

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (World Heart Day 2021) के मुताबिक इसकी मौत की वजह हमारा रहन-सहन, खान-पान और जीवन शैली है। अस्‍वास्‍थ्‍यकर भोजन, शारीरिक निष्क्रियता, तंबाकू सेवन और अल्‍कोहल के अधिक सेवन से यह समस्‍या दिनों दिन बड़ी होती जा रही है। संगठन का सुझाव है कि तंबाकू के सेवन बंद करने और खानपान में नमक की मात्रा कम करने और फल-हरी सब्जियों के नियमित खाने से इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है। फ‍िजिकल सक्रियता से भी इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है।

क्‍या है साइलंट हार्ट अटैक के लक्षण

  • पहला, अगर आपके सीने में दर्द महसूस कर रहे हैं तो यह खतरे की घंटी है। सीने में तेज या हल्का भी दर्द है तो उसे नजरअंदाज नहीं करें तुरंत चिकित्‍सक को दिखाएं। अगर आप सीने में दर्द या किसी तरह का दबाव महसूस नहीं कर रहे तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है।
  • दूसरा, अगर आपके बाजू में दर्द है तो इसे कतई नजरअंदाज नहीं करें। हार्ट अटैक की वजह से दर्द बांह तक पहुंच जाता है यह हार्ट अटैक का लक्षण है। सीने का दर्द पूरे बांह में फैलने लगे तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
  • तीसरा, अचानक बेहोशी और कमजोरी होना भी साइलंट अटैक के लक्ष्‍ण हैं। अगर आपको अचानक से चक्कर आए या फिर बेहद कमजोरी महसूस हो तो उसे हल्के में नहीं लें फौरन च‍िकित्‍सक को दिखाएं।
  • चौथा, जबड़े में दर्द भी हार्ट अटैक के साइलंट लक्षण हैं। जबड़े में दर्द भी खतरनाक लक्ष्‍ण है। अगर सीने में दर्द के दौरान आपके जबड़े में भी दर्द पहुंच जाए तो समझिए कि ये अटैक के लक्ष्‍ण है। जबड़े की नसे दिल से निकलती हैं इसलिए जबड़े में दर्द रहता है।

भारत में स्थिति दयनीय, 14 से 34 आयु वर्ग में खूब हो रही बीमारी

  • विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर चार बीमारियों से होने वाली मौतों में एक मौत हार्ट अटैक से होती है। लेंसट की एक रिपोर्ट के मुताबिक अब शहरी लोगों से ज्‍यादा गांव के लोग इस बीमारी से ग्रसित हो रहे है। ग्रामीण इस बीमारी के ज्‍यादा शिकार हो रहे हैं। एनसीआरबी की एक रिपोर्ट के मुताबिक अब यह बीमारी हर 14 से 34 आयु वर्ग में खूब हो रही है। हालांकि, 45 से 60 आयु वर्ग के लोग इस बीमारी के चपेट में ज्‍यादा आ रहे हैं।
  • नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्‍यूरो के आंकड़ों के मुताबिक भारत में वर्ष 2014 के बाद हार्ट अटैक से होने वाली मौतों में इजाफा हुआ है। देश में मरीजों की संख्‍या में भी भारी वृद्धि हुई है। पांच वर्षों में हार्ट अटैक से जुड़ी बीमारियों और मौतों में 53 फीसद का इजाफा हुआ है। चौंकाने वाली बात यह है कि अब इस बीमारी की जद में किशोरों की संख्‍या बढ़ी है।

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