World AIDS Day : एड्स के प्रति जागरूकता के लिए पोस्टर, रंगोली व स्लोगन स्पर्धा में दिए संदेश

World AIDS Day : एड्स के प्रति जागरूकता के लिए पोस्टर, रंगोली व स्लोगन स्पर्धा में दिए संदेश

राजनांदगांव नवप्रदेश। एचआईवी-एड्स के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए विश्व एड्स दिवस के अवसर पर जिले में विविध आयोजन किए गए। नर्सिंग महाविद्यालय में जहां पोस्टर, रंगोली एवं स्लोगन प्रतियोगिता आयोजित की गई,

वहीं शहर के विभिन्न चौक-चौराहों पर नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगों को एड्स के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया गया। अस्पतालों में भी एचआईवी-एड्स के कारण, लक्षण, खतरे व बचाव से संबंधित जानकारियों वाले बैनर और पोस्टर लगाए गए।

एचआईवी-एड्स पर जागरूकता कार्यक्रम कलेक्टर डोमन सिंह के मार्गदर्शन तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अशोक कुमार बसोड़ व जिला नोडल अधिकारी डॉ. अल्पना लूनिया के निर्देशन में आयोजित किए गए। इस अवसर पर जिला एवं विकासखंड स्तर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

शहर के नर्सिंग महाविद्यालय में एचआईवी-एड्स के कारण, लक्षण, खतरे व बचाव पर केंद्रित पोस्टर, रंगोली एवं स्लोगन प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें नर्सिंग छात्रों ने एक से बढ़कर एक प्रेरक आकृतियां उकेरकर लोगों को एड्स से बचाव हेतु जागरूक करने का प्रयास किया।

इसके अलावा शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय के समाज कल्याण विभाग के छात्र-छात्राओं ने राजीव नगर एवं नंदई चौक में नुक्कड़ नाटक का प्रदर्शन कर लोगों को एचआईवी-एड्स के संबंध में जागरूकता का संदेश दिया।

इस दौरान लोगों को यह समझाने का प्रयास किया गया कि एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित (बिना कंडोम के) यौन संबंध बनाने, संक्रमित रक्त चढ़ाने, संक्रमित इंजेक्शन लगाने व संक्रमित माता-पिता से होने वाली संतान को एचआईवी व सिफलिश होने का खतरा बढ़ जाता है। इस समस्या से बचने के लिए सही व संपूर्ण जानकारी जरूरी है।

स्वयंसेवी संस्था के द्वारा हस्ताक्षर अभियान और नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया। वहीं कौरिनभांठा वार्ड में रंगोली, मेहंदी तथा चित्रकारी प्रतियोगिता आयोजित की गई। इसी प्रकार स्वयं सेवी संस्था के द्वारा स्कूल-कॉलेज के छात्र-छात्राओं एवं स्टॉफ को भी एचआईवी-एड्स के संबंध में जागरूक करने का प्रयास किया गया।

डीपीएम भूमिका वर्मा ने बतायाः  एचआईवी-एड्स नियंत्रण की दिशा में स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। सावधानी ही एड्स से बचाव है। इस आशय का प्रचार-प्रचार करते हुए लोगों को सावधान करने हेतु स्वास्थ्य विभाग सजग है। विश्व एड्स दिवस के अवसर पर जिले में भी विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए।

इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अशोक कुमार बसोड़ ने बतायारू एड्स दिवस के अवसर पर विभिन्न स्थानों पर जनजागरूकता से संबंधित कार्यक्रम किए गए तथा अस्पतालों में प्रेरक बैनर व पोस्टर लगाए गए हैं। वहीं लोगों को एड्स से बचाव हेतु जागरूक करने का प्रयास किया गया।

एचआईवी-एड्स के प्रति महिलाओं में बढ़ी जागरूकता

राज्य के एनएफएचएस-5 के आंकड़ों में यह बात सामने आई है कि पहले जहां 20 प्रतिशत महिलाओं को ही एचआईवी एड्स की जानकारी थी, वहीं अब 23 प्रतिशत महिलाओं को एचआईवी एड्स के बारे में पर्याप्त जानकारी है। इसके अतिरिक्त पहले 57 प्रतिशत महिलाएं ही जानतीं थीं कि शारीरिक संबंध के दौरान कंडोम के प्रयोग से एचआईवी एड्स से बचा जा सकता है, वहीं अब लगभग 76 प्रतिशत महिलाओं को इस बारे में पता है।

नाटक में बताया, ऐसे फैल सकता है एड्स

यौन संबंध द्वारा. किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाने पर संक्रमण फैल सकता है। एचआईवी वायरस सेक्स के दौरान मुंह में होने वाले छाले या गुदा या योनि में होने वाले छोटे से चीरे से भी फैल सकता है।

रक्त के संचरण द्वारा-कुछ मामलों में, वायरस रक्त संचरण के माध्यम से भी प्रसारित होता है। 

सुइयों के साझे प्रयोग द्वारा-एचआईवी वायरस तब भी फैल सकता है जब यदि एक सुई जो किसी संक्रमित व्यक्ति पर इस्तेमाल की गई हो और उसे ही किसी असंक्रमित व्यक्ति पर इस्तेमाल कर दी जाए।

गर्भावस्था या प्रसव या स्तनपान द्वारा-अगर एक महिला एचआईवी वायरस से संक्रमित है तो वह गर्भावस्था या प्रसव या स्तनपान द्वारा अपने बच्चे को भी इससे संक्रमित कर सकती है।

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